Thursday, November 28, 2024
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सूरजपुर में प्राइवेट रश्मि नर्सिंग होम सील… जिला अस्पताल की डॉक्टर ने अच्छी सुविधा देने की बात कह गर्भवती को कराया था भर्ती; जच्चा-बच्चा की मौत

सूरजपुर: जिला अस्पताल में पदस्थ डॉक्टर डॉ रश्मि कुमार के निजी अस्पताल को जिला प्रशासन ने गुरुवार को सील कर दिया। डॉ रश्मि ने प्रसूता के परिजनों को अपने निजी नर्सिंग होम में अच्छी सुविधाएं देने का दावा कर गर्भवती महिला को एडमिट कराया था, जहां जच्चा-बच्चा दोनों की मौत हो गई।

सूरजपुर जिला मुख्यालय से लगे तिलसिवां में स्थित रश्मि निजी नर्सिंग होम में 5 अप्रैल की रात डिलीवरी के समय नवजात की मौत हो गई थी, वहीं कुछ घंटे बाद प्रसूता की भी मौत हो गई। इस मामले में प्रसूता के परिजनों ने डॉक्टर पर लापरवाही का आरोप लगाते हुए मामले की शिकायत थाने में की। इधर सीएमएचओ ने भी टीम गठित कर मामले में जांच की बात कही है। इन सबके बीच जिला प्रशासन की ओर से तहसीलदार ने गुरुवार शाम निजी नर्सिंग होम को सील कर दिया, ताकि सबूतों के साथ छेड़छाड़ न की जा सके।

डॉक्टर की लापरवाही से मां और बच्चे की मौत, परिजनों ने लगाए आरोप।

डॉक्टर की लापरवाही से मां और बच्चे की मौत, परिजनों ने लगाए आरोप।

बता दें कि ग्राम भुवनेश्वरपुर निवासी पूजा साहू (22 वर्ष) को 3 अप्रैल को प्रसव पीड़ा होने पर परिजन उसे लेकर सूरजपुर जिला अस्पताल पहुंचे। यहां 4 अप्रैल तक उसका इलाज चला। मृतका के पिता ने बताया कि 4 अप्रैल को जिला चिकित्सालय में पदस्थ डॉ. रश्मि कुमार ने उनसे कहा कि उनका अपना नर्सिंग होम है, जिसमें अच्छी सुविधाएं हैं, जहां नॉर्मल डिलीवरी हो जाएगी। चिकित्सक ने कहा कि नॉर्मल डिलीवरी के 15 हजार और ऑपरेशन से डिलीवरी में 35-40 हजार रुपए का खर्च आएगा।

शव वाहन में रखी हुई जच्चा-बच्चा की लाश।

शव वाहन में रखी हुई जच्चा-बच्चा की लाश।

डॉक्टर की यह बात सुनकर परिजनों ने उसे रश्मि नर्सिंग होम में भर्ती करा दिया। यहां उन्होंने 10 हजार रुपए एडवांस भी दे दिया। पीड़ित पिता ने डॉक्टर पर लापरवाही का आरोप लगाते हुए बताया कि 5 अप्रैल की सुबह 5 से 10 बजे तक बेटी को ऑपरेशन थियेटर में ले गए और नॉर्मल डिलीवरी की कोशिश की। जब नॉर्मल डिलीवरी नहीं हो पाई, तो ऑपरेशन किया। 12 बजे आकर डॉक्टर ने बताया कि बच्चे को हम नहीं बचा पाए, लेकिन मां सुरक्षित है। इस पर हमने जैसे-तैसे संतोष कर लिया। 3 बजे बेटी से मिलने दिया गया, तो वो ठीक थी। 5 बजे उसे रूम में शिफ्ट किया गया, तो वह अच्छे से बोल रही थी, खाना मांगा, लेकिन खाने नहीं दिया गया, सिर्फ पानी दिया गया।

जिला प्रशासन ने सील किया निजी नर्सिंग होम, ताकि सबूतों से छेड़छाड़ नहीं की जा सके।

जिला प्रशासन ने सील किया निजी नर्सिंग होम, ताकि सबूतों से छेड़छाड़ नहीं की जा सके।

मृतका के पिता ने बताया कि साढ़े 10 बजे रात में ब्लड का दूसरा बॉटल चढ़ाने के दौरान बेटी की हालत पूरी तरह से बिगड़ गई। इसके बाद बेटी के सीने पर नर्स और डॉक्टर पंप करने लगे। इस बीच उसकी मौत हो गई। ये बात बताते हुए वे रो पड़े। प्रसूता के पिता ने बताया कि जब बेटी की हालत बिगड़ने लगी, तो हमने दूसरी जगह ले जाने की बात कही, तो डॉक्टर ने एंबुलेंस बुलाने को कहा। जब एंबुलेंस वाले को कॉल किया, तो डॉक्टर ने खुद उससे बात की और आने को कहा।

इस बीच डॉक्टर ने फिर एंबुलेंस को यह कहकर बीच रास्ते से वापस कर दिया कि महिला यहीं ठीक हो जाएगी, लेकिन जच्चा-बच्चा दोनों नहीं बचे। पिता ने लापरवाह डॉक्टर व दोषियों पर कड़ी कार्रवाई की मांग की है।

तहसीलदार ने सील किया नर्सिंग होम

इस मामले में सीएमएचओ डॉ. आरएस सिंह ने बताया कि निजी नर्सिंग होम में जच्चा-बच्चा की मौत हुई है। इस मामले में दोषियों पर सख्त कार्रवाई की जाएगी। जांच कमेटी बिठाएंगे, अगर कमियां पाई जाती हैं, तो नर्सिंग होम को सील करेंगे।




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