रायपुर: यूपी STF नकली होलोग्राम मामले में अनवर ढेबर को पूछताछ के लिए मेरठ ले जाएगी। STF ने बुधवार सुबह ढेबर को रायपुर कोर्ट में पेश किया था। कोर्ट ने अनवर को 48 घंटों की ट्रांजिट रिमांड पर यूपी STF को सौंप दिया है। अब उसे सड़क के रास्ते यूपी ले जाने की तैयारी है। यूपी STF जब अनवर ढेबर को लेकर कोर्ट से बाहर निकली तो उनके भाई और मेयर एजाज ढेबर मुलाकात करने के लिए पहुंचे।
दरअसल, शराब घोटाले में नकली होलोग्राम केस में यूपी STF ने मंगलवार को अनवर ढेबर को गिरफ्तार किया था। इसके बाद अगले दिन सुबह अपर एवं सत्र न्यायाधीश निधि शर्मा तिवारी की कोर्ट में पेश किया। कोर्ट ने ढेबर को ले जाते समय मानवाधिकार का पालन करने के आदेश पर अनुमति दी है।
इससे पहले बचाव पक्ष की ओर से अनवर ढेबर के स्वास्थ्य कारणों का हवाला दिया गया। अनवर के वकील ने कोर्ट से 10 दिन की मोहलत मांगी थी। उनकी ओर से कोर्ट को बताया गया कि, अनवर का स्वास्थ्य ठीक नहीं है, उनके इलाज की सख्त जरूरत है। इलाज के बाद वे खुद मेरठ कोर्ट में पेश होंगे।
अनवर ढेबर को लेकर यूपी STF की टीम सुबह ट्रांजिट रिमांड पर लेने के लिए रायपुर कोर्ट में पेश करने पहुंची थी।
हंगामे को देखते हुए भारी संख्या में पुलिस बल तैनात किया गया था।
ढेबर की गिरफ्तारी पर जमकर हंगामा, पुलिस-समर्थक भिड़े
मंगलवार शाम को अनवर ढेबर जैसे ही जमानत पर जेल से छूटे, यूपी STF ने उन्हें उठा लिया। इस दौरान ढेबर के समर्थकों और पुलिस के बीच धक्का-मुक्की भी हुई। समर्थकों के हंगामे के बाद उन्हें सिविल लाइन थाने ले जाया गया।
हंगामे को देखते हुए 200 से ज्यादा पुलिस जवान थाने के अंदर और बाहर तैनात किए गए थे। इसके बावजूद देर रात तक हंगामा चलता रहा। वहीं दूसरी ओर मंगलवार को डॉक्टरों ने ढेबर को सफर के लिए फिट बताया था।
अनवर के वकील ने हाईजैक करने का आरोप लगाया
अनवर ढेबर के वकील अमीन ख़ान ने छत्तीसगढ़ पुलिस पर अनवर ढेबर को हाईजैक करने का आरोप लगाया। उनका कहना है कि, उच्च न्यायालय से बेल मिली है शाम तक छोड़ना था लेकिन देर रात तक रोक कर रखा। खराब स्थिति में परिजन ढेबर को अस्पताल लेकर जा रहे थे लेकिन पुलिस ने अनवर ढेबर को अस्पताल नहीं ले जाने दिया। इसके बाद एक छोटे से पेपर के टुकड़े में गिरफ्तारी की जानकारी दी गई।
करीब 4 घंटे तक ढेबर कंबल ओढ़कर एंबुलेंस के अंदर ही सोए रहे। देर रात उन्हें सिविल लाइन थाने ले जाया गया।
अनवर ढेबर को सिविल लाइन थाने में रखा गया
मंगलवार देर शाम यूपी STF की टीम ढेबर को अपने साथ मेरठ कोर्ट ले जाने के लिए रायपुर सेंट्रल जेल पहुंची थी। इसी दौरान के टीम और ढेबर समर्थकों के बीच धक्का-मुक्की भी हुई। अनवर के परिजन और समर्थक तबीयत खराब होने की बात कहते हुए अस्पताल ले जाना चाहते थे। लेकिन परिजनों को अस्पताल ले जाने का हवाला देकर टीम एम्बुलेंस में ही अनवर को सिविल लाइन थाने ले आई।
थाने लाने की सूचना के बाद टीम के साथ ढेबर के समर्थक भी बड़ी संख्या में थाने पहुंचे। किसी तरह के विवाद को ध्यान में रखते हुए बड़ी संख्या में पुलिस जवानों की तैनाती की गई, सिविल लाइन थाना छावनी में तब्दील हो गया। जानकारी के मुताबिक अनवर ढेबर को चार घंटे एम्बुलेंस में रखा गया, लेकिन बाद में वे खुद एम्बुलेंस से उतरकर थाने के अंदर चले गए।
यूपी STF ने इसी पेपर लिखकर दी गिरफ्तारी की सूचना।
डॉक्टर ने बताया फिट फॉर जर्नी
अनवर ढेबर परिजन का कहना था की इलाज के लिए उन्हें अस्पताल ले जाना जरूरी है। इस पर STF ने सिविल लाइन थाने में ही चेकअप के लिए डॉक्टर को बुलाया था। डॉक्टर ने जांच के बाद फिट फॉर जर्नी की बात कही। हालांकि अनवर ढेबर एम्बुलेंस में ही बैठे रहे। डॉक्टर ने बताया कि अनवर यात्रा करने लिए फिट हैं। कोर्ट से अनुमति लेकर STF ढेबर मेरठ कोर्ट लेकर जाएगी।
ढेबर को मेरठ कोर्ट ले जाने के लिए यूपी STF के आवेदन पर आज रायपुर कोर्ट में सुनवाई होगी। अनवर के वकील मेडिकल ग्राउंड पर उन्हें यूपी नहीं ले जाने को लेकर अपना पक्ष रखेंगे। बताया जा रहा है कि आज रायपुर कोर्ट में लंबी सुनवाई चल सकती है ।
ढेबर समर्थक रात भर थाने के बाहर डटे रहे
अनवर ढेबर के समर्थकों को इस बात का अंदेशा था कि रात में ही यूपी एसटीएफ की टीम उन्हें मेरठ के लिए लेकर रवाना हो जाएगी। इसलिए कई समर्थक रात भर थाने के बाहर डटे रहे। सुबह भी 8 से 10 लोग थाने के बाहर बैठे दिखाई दिए।
अरुणपति त्रिपाठी को भी सिविल लाइन थाने ले जाया गया है। इस दौरान वे मुस्कुराते हुए नजर आए।
यूपी STF ने पेश किया था आवेदन
बताया जा रहा है कि, यूपी STF ने कारोबारी अनवर ढेबर, आबकारी विभाग के अधिकारी रह चुके अरुणपति त्रिपाठी और रिटायर्ड IAS अनिल टुटेजा को ले जाने के लिए आवेदन लगाया था। यह आवेदन सेंट्रल जेल की ओर रायपुर कोर्ट में लगाया गया था। सुनवाई के बाद अरुणपति त्रिपाठी के साथ ढेबर को ले जाने की मंजूरी UP पुलिस को मिल गई थी।
अरुणपति त्रिपाठी को लेकर मेरठ रवाना हुई पुलिस
आबकारी विभाग के निलंबित अधिकारी अरुण पति त्रिपाठी को पुलिस रायपुर से मेरठ लेकर रवाना हो गई है। नकली होलोग्राम मामले में त्रिपाठी की अहम भूमिका थी। त्रिपाठी पर आरोप है की टेंडर की शर्तों को बदलकर विधु गुप्ता को टेंडर दिलाया गया था। मंगलवार रात को त्रिपाठी को सेंट्रल जेल से सिविल लाइन थाने लाया गया था।
हाईकोर्ट से मिली है जमानत
शराब घोटाला मामले में एंटी करप्शन ब्यूरो ने जो केस रजिस्टर किया गया था, उस पर हाई कोर्ट की ओर से 14 जून को अनवर ढेबर को जमानत दे दी गई है। मंगलवार को देर शाम उन्हें रिहा भी कर दिया गया। इस बीच बताया जा रहा है कि उन्हें मेरठ ज्यूडिशियल मजिस्ट्रेट के कोर्ट में पेश होने का आदेश जारी किया गया है।
अनवर ढेबर को हाईकोर्ट से जमानत मिल गई है। इसी बीच यूपी STF उन्हें कस्टडी में लेने पहुंची।
क्या है होलोग्राम केस
जुलाई 2023 को नकली होलोग्राम मामले में ED के डिप्टी डायरेक्टर ने नोएडा के कासना थाने में FIR दर्ज कराई थी। 3 मई को यूपी STF ने नकली होलोग्राम बनाने वाली कंपनी प्रिज्म होलोग्राफी सिक्योरिटी फिल्म्स प्राइवेट लिमिटेड के मालिक विधू गुप्ता को नोएडा से गिरफ्तार किया था। जिसने पूछताछ में कई खुलासे किए हैं। आरोपी विधू गुप्ता ने अनवर और अरुणपति का नाम लिया है।
FIR के मुताबिक नोएडा स्थित प्रिज्म होलोग्राफी सिक्योरिटी फिल्म्स प्रा. लि. नाम की कंपनी को एक टेंडर मिला था। यह टेंडर छत्तीसगढ़ के एक्साइज डिपार्टमेंट ने होलोग्राम की आपूर्ति करने के लिए अवैध रूप से दिया था।
कंपनी निविदा प्रक्रिया में भाग लेने के लिए पात्र नहीं थी लेकिन कंपनी के मालिकों की मिलीभगत से उसे पात्र बनाया गया। यह काम छत्तीसगढ़ आबकारी विभाग के विशेष सचिव अरुण पति त्रिपाठी, तत्कालीन आबकारी कमिश्नर निरंजन दास, रिटायर्ड IAS अनिल टुटेजा ने निविदा शर्तों को संशोधित कर किया।
इसके बाद प्रिज्म होलोग्राफी सिक्योरिटी फिल्म्स प्राइवेट लिमिटेड नोएडा को अवैध रूप से निविदा आवंटित की। बदले में कंपनी के मालिक को विधू गुप्ता से प्रति होलोग्राम 8 पैसे का कमीशन लिया गया। छत्तीसगढ़ में सरकारी दुकानों से अवैध देशी शराब की बोतलें बेचने के लिए बेहिसाब डूप्लीकेट होलोग्राम लिए गए।
फर्जी ट्रांजिट पास से होती थी सप्लाई
टेंडर मिलने के बाद विधू गुप्ता डुप्लीकेट होलोग्राम की सप्लाई छत्तीसगढ़ सक्रिय गैंग को करने लगा। यह सप्लाई छत्तीसगढ़ स्टेट मार्केटिंग कॉर्पोरेशन लिमिटेड (सीएसएमसीएल) के एमडी अरूण पति त्रिपाठी के निर्देश पर हुई। गैंग के सदस्य डूप्लीकेट होलोग्राम को विधू गुप्ता से लेकर सीधे मेसर्स वेलकम डिस्टलरीज, छत्तीसगढ डिस्टलरीज लिमिटेड, भाटिया वाइन एण्ड मर्चेंट प्राइवेट लिमिटेड को पहुंचा देते थे।
इन डिस्टलरीज में होलोग्राम को अवैध शराब की बोतलों पर चिपकाया जाता था। इसके बाद अवैध बोतलों को फर्जी ट्रांजिट पास के साथ दुकानों में पहुंचाया जाता था। फर्जी ट्रांजिट पास का काम छत्तीसगढ़ के 15 जिलों के आबकारी विभाग के अधिकारियों और कर्मचारियों की ओर से होता था।
जानिए…होलोग्राम होता क्या है
अक्सर आपने कई चीजों पर उनकी प्रमाणिकता साबित करने के लिए उन पर कंपनी का बना हुआ होलोग्राम देखा होगा। वास्तव में होलोग्राम फोटोग्राफ की तरह ही है, जो 3डी जैसे होते हैं। होलोग्राम एक ऐसी इमेज बनाता है, जिसे एक से ज्यादा एंगल से देखा जा सकता है। जब आप होलोग्राम देखते हैं, तो ऐसा लगता है कि आप एक इमेज ना देखकर एक एक्चुअल फिजिकल ऑब्जेक्ट को देख रहे हैं।
(Bureau Chief, Korba)