Wednesday, November 27, 2024
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रायपुर एक्सिस बैंक घोटाला… कर्नाटक से एक शातिर को पकड़ लाई पुलिस, आम लोगों के 16 करोड़ रुपए धोखे से निकाले थे गैंग ने

RAIPUR: रायपुर के डूंडा स्थित एक्सिस बैंक घोटाले में शामिल एक और शातिर को रायपुर पुलिस ने पकड़ा है। इस आरोपी को कर्नाटक बंगलुरू से गिरफ्तार किया गया है। ट्रांजिट रिमांड पर पुलिस इसे लेकर रायपुर आई है। आरोपी से बैंक में हुई गड़बड़ी के बारे में पूछा जा रहा है। आरोपी का नाम इसरार सलीम है।

इस प्रकरण में अब तक कुल 10 आरोपियों को गिरफ्तार किया जा चुका है। मामले में अब तक पुलिस काे 2 करोड़ 34 लाख रूपये कैश मिल चुके हैं। अलग – अलग बैंक खातों में जमा 1 करोड़ 18 लाख रूपये को भी होल्ड कराया गया है। इस केस में और भी लोग शामिल हैं । जिन्हें करीब 1 साल से पुलिस ढूंढ रही है। पिछले साल ये कांडा उजागर हुआ था। पुलिस ने केस में दर्जनों लोगों के खिलाफ 420, 467, 468, 471, 34, 120बी, 409, 419 की धाराआंे में केस दर्ज किया है।

अब समझिए मामला क्या है
एक्सिस बैंक के कलस्टर हेड बी आनंद ने पिछले साल केस दर्ज करवाया था कि छ.ग. राज्य कृषि मण्डी बोर्ड के बैंक खाते में सतीश वर्मा एवं चन्द्रभान सिंह नाम के बदमाशों ने अपने सहयोगी अन्य लोगों के साथ मिलकर फर्जी तरीके से चेक बुक जारी कराकर, चेक बुक के माध्यम से फर्जी तरीके से रकम निकाली है। पूरे 16,40,12,655 रुपए की हेरा-फेरी हुई थी। ये गड़बड़ी बैंककर्मचारी और मंडी बोर्ड के कुछ लोगों ने मिलकर की थी।

इस केस में अब तक 5 आरोपियों को रायपुर/दुर्ग, 2 आरोपियों को हैदराबाद, 1 आरोपी को बैंगलोर तथा 1 आरोपी को मुंबई से पकड़ा गया है अब तक कुल 9 आरोपियों को गिरफ्तार किया जा चुका है। पहले गिरफ्तार हाे चुके आरोपियों से पूछताछ के आधार पर घटना में संलिप्त आरोपी कर्नाटक निवासी इसरार सलीम के बारे में पता चला। इसने 1,98,38,998 रुपए अपनी पत्नी, भाई तथा अन्य परिचितों के खाते में ट्रांसफर कर दिए और खर्च किए थे।

ऐसे हुआ था कांड
रकम फर्जी चेक से ट्रांसफर होने की जानकारी बैंक को मिली तो पुलिस से शिकायत की गई। पुलिस ने इसके बाद खातों की जांच शुरू की। इनपुट मिला कि हैदराबाद के खातों में रकम भेजी गई है, रायपुर की पुलिस हैदराबाद पहुंची। वहां बैंक डीटेल के आधार पर 2 और रायपुर में 5 लोगों को पकड़ा गया। रायपुर के रहने वाले एक आरोपी सौरभ मिश्रा ने बताया कि उसने अपने परिचित आबिद खान के साथ मिलकर इस कांड को अंजाम दिया।

कोटक महेन्द्रा में काम करने वाले गुलाम मुस्तफा ने भी इनका साथ दिया। गुलाम की मंडी बोर्ड के अफसरों से पहचान थी। उसे पता था कि मंडी बोर्ड का एक बड़ा ट्रांजेक्शन होने जा रहा है। मंडी के अकाउंट में रुपए आते ही फर्जी चेक से इस कांड में शामिल लोगों ने रकम निकाली और देशभर के अलग-अलग उन खातों में भेज दी जो इनके परिचित थे। रायपुर पुलिस की टीम आज भी दिल्ली, मुम्बई, गुजरात, बैंगलोर जैसे शहरों में उनका पता लगा रही है।




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