Monday, June 30, 2025

रायपुर : बांस से आएगी कमार जनजाति के जीवन में हरियाली

  • धरती आबा ग्राम उत्कर्ष अभियान के तहत मिलेगा प्रशिक्षण बांस से सशक्त होगी आजीविका, सुरक्षित रहेगा पर्यावरण बांस से आदिवासी परिवारों को मिलेगा रोजगार और आत्मनिर्भरता

रायपुर: मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय के नेतृत्व में प्रदेश सरकार जनजातीय परिवारों को स्वावलंबी बनाने के लिए हर संभव प्रयास कर रही है और इस दिशा में बांस आधारित योजनाएं मील का पत्थर साबित होंगी।आदिवासी संस्कृति में बांस का विशेष महत्व रहा है और अब यह आजीविका के सशक्त साधन के रूप में उभर रहा है। प्रदेश सरकार बांस के माध्यम से आदिवासी परिवार को आत्मनिर्भर बनाने और  बांस के उत्पादों को बाजार तक सीधी पहुँच के माध्यम बनाएगी। इससे न केवल ग्रामीण अर्थव्यवस्था मजबूत होगी बल्कि पारिस्थितिकी तंत्र भी संतुलित रहेगा।

धमतरी जिले के सुदूर वनांचल क्षेत्रों में निवासरत विशेष पिछड़ी कमार जनजाति के परिवारों के जीवन में बांस अब खुशहाली और हरियाली लेकर आएगा। मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय के नेतृत्व में केन्द्र सरकार द्वारा संचालित धरती आबा ग्राम उत्कर्ष अभियान के तहत  प्रदेश के धमतरी जिले के कमार सहित अन्य जनजातीय परिवारों को बांस की खेती और बांस कला का विशेष प्रशिक्षण दिया जाएगा। इस अभियान का उद्देश्य जनजातीय परिवारों को पारंपरिक आजीविका के साथ-साथ आधुनिक तकनीकों से जोड़कर उनकी आय को सुदृढ़ करना है। बांस न केवल पर्यावरण के लिए वरदान है, बल्कि यह आदिवासी परिवारों की आर्थिक स्थिति को भी मजबूत बनाने में सक्षम है। बांस उत्पादों की देश-विदेश में बढ़ती मांग को देखते हुए जनजातीय परिवारों को न केवल खेती बल्कि उत्पाद निर्माण, डिजाइनिंग और विपणन का भी प्रशिक्षण दिया जाएगा।

धमतरी के कलेक्टर श्री अबिनाश मिश्रा ने बताया कि जिले के गंगरेल और तुमराबाहरा क्षेत्र में बांस की खेती के लिए विशेष कार्ययोजना तैयार की जा रही है। बांस विशेषज्ञ एवं सेवानिवृत्त भारतीय वन सेवा के अधिकारी श्री ए.के. भट्टाचार्य द्वारा जनजातीय समुदाय के प्रतिनिधियों को बांस खेती और बांस कला पर तकनीकी मार्गदर्शन भी दिया गया है। बांस उत्पादों जैसे फर्नीचर, लैम्प, पेन स्टैंड, झाडू, सूपा, आकर्षक टोकरियां, प्लेटनुमा झौवा, पानी की बोतल, टूथब्रश और बांस ज्वेलरी बनाने की जानकारी दी जा रही है। कलेक्टर ने बताया कि जिले में बांस को आदिवासी परिवारों की आय का मुख्य साधन बनाने के लिए बैम्बू ब्लेज, आर्टिफिशियल कार्ड, बैम्बू एफपीओ, किसान बैम्बू क्रेडिट कार्ड जैसी योजनाओं को भी बढ़ावा दिया जाएगा। इसके साथ ही बांस कारीगरों को उनके कौशल उन्नयन के लिए महाराष्ट्र के चंद्रपुर स्थित बांस कला केन्द्र में प्रशिक्षण के लिए भेजा जाएगा।


                              Hot this week

                              रायपुर : छत पर बिजलीघर, घर में उजियारा : प्रधानमंत्री सूर्यघर योजना से बदली जिंदगी

                              खैरागढ़-छुईखदान-गंडई जिले में बढ़ा सौर ऊर्जा का उपयोग, केंद्र व...

                              रायपुर : छत पर बनाए खुद के बिजलीघर से गणेश चंद शर्मा का घर हुआ रोशन

                              प्रधानमंत्री सूर्यघर मुफ्त बिजली योजना से संवरते सपनेरायपुर: भारत...

                              Related Articles

                              Popular Categories

                              spot_imgspot_img