रायपुर: रेलवे के सिस्टम से अब हजारों यात्रियों को खासी परेशानी का सामना करना पड़ेगा। यदि रेलवे काउंटरों से लिया रिजर्वेशन टिकट वेटिंग है, तब भी रेलवे स्लीपर कोच में सफर नहीं करने देगा, बल्कि सीधे जुर्माना वसूलेगा। क्योंकि कन्फर्म टिकट वाले यात्रियों को कोई दिक्कत न हो, इस बात पर रेलवे प्रशासन अब खासा ध्यान दे रहा है। इसलिए अब केवल दो ही रास्ता है- पहला या तो रिजर्वेशन चार्ट जारी होते ही टिकट कैंसिल कराएं या जनरल कोच में सफर करने के लिए तैयार रहें।ऐसा सिस्टम रेलवे प्रशासन ने हर एक्सप्रेस और मेल ट्रेनों में लागू कर दिया है।
परंतु रेलवे प्रशासन ट्रेनों में जितनी बर्थ, उतना रिजर्वेशन टिकट जारी करने के सिस्टम में पूरी तरह से फेल है। इसलिए यात्रियों को सबसे अधिक परेशान झेलनी पड़ रही है। क्योंकि एक-एक ट्रेनों में डेढ़ सौ से दो सौ तक वेटिंग रिजर्वेशन टिकट जारी किया जाता है और उसमें से मुश्किल से ही 20 से 25 टिकट कॅन्फर्म होते हैं, वो भी तब जब कोई दूसरा यात्री अपना टिकट कैंसिल कराता है। ऐसे में जरूरी काम होने पर अभी तक जैसे-तैसे किसी न किसी तरह से जहां जगह मिलती थी, वहां यात्री अपना सफर पूरा कर लेते थे। परंतु अब रेलवे इस पर सख्ती से रोक लगा रहा है।
सबसे अधिक परेशानी स्लीपर कोच के यात्रियों को
रेलवे के जुर्माना वसूली सिस्टम से सबसे अधिक परेशान स्लीपर कोच वाले यात्री होंगे। क्योंकि ट्रेनों के एसी कोचों में वैसे भी वेटिंग टिकट वाले यात्री नहीं घुसते हैं। चूंकि जनरल कोच में पैर रखने तक की जगह नहीं होती है, इसलिए रिजर्वेशन टिकट वेटिंग में लेकर कम से कम स्लीपर कोच में सफर करना अधिक सहूलियत समझते हैं। अब इस पर भी रोक लगाने में सख्ती बरती जा रही है। अफसरों का तर्क है कि रेलवे के रिजर्वेशन काउंटरों से लिया गया वेटिंग टिकट जनरल टिकट के बराबर ही है। इसलिए ट्रेन का टीटीई चेकिंग के दौरान या तो जुर्माना वसूलेगा या फिर जनरल कोच में ही सफर करना होगा।
कोच की संख्या बढ़ाने में भी रेलवे हांफ रहा
दूसरी तरफ ट्रेनों में यात्रियों की आवाजाही लगातार बढ़ी है, फिर भी नई ट्रेनें चलाने या फिर जो ट्रेनें चल रही हैं, उनमें कोच की संख्या बढ़ाने में रेलवे प्रशासन हांफ रहा है। ऐसे में हजारों यात्रियों को दोहरी मार पड़ रही है। न तो जनरल कोच में बैठने की जगह मिलती है न ही ट्रेनों में कोचों की संख्या बढ़ाने की स्थिति में रेलवे है। अफसरों का कहना है कि अधिकांश ट्रेनें पूरे कोच के साथ चल रही हैं, उसमें अधिक कोच नहीं लगा सकते।
नियम पहले से था, रेल मदद ऐप की वजह से बढ़ी सख्ती
रेल अफसरों का यह भी कहना है कि पहले से ही रेलवे काउंटरों के वेटिंग रिजर्वेशन टिकट पर स्लीपर कोच में सफर करने का नियम नहीं था, परंतु जब से रेल मदद ऐप में मिलने वाली शिकायतों का निराकरण जल्द करने की प्रक्रिया शुरू हुई है, जब से ज्यादा सख्ती बरते जाने की स्थिति बनी है। ऐसा इसलिए क्योंकि जिस कोच में वेटिंग वाले यात्रियों की शिकायतें कंफर्म टिकट वाला कोई यात्री करता है तो कार्रवाई करना जरूरी हो जाता है। इसलिए वेटिंग रिजर्वेशन टिकट वालों को जनरल कोच में भेजा जाता है। ई-टिकट तो वेटिंग होने पर खुद-ब-खुद कैंसिल हो जाता है। ऐसे यात्री यदि सफर करते पाए जाते हैं तो उनसे बिना टिकट का जुर्माना वसूलने का नियम है।
त्योहारी सीजन में डेढ़ से दो सौ तक वेटिंग टिकट जारी
रायपुर स्टेशन से गुजरने वाली ऐसी कोई ट्रेन नहीं, जिसमें वेटिंग सूची नहीं होती। त्योहारी सीजन में तो रेलवे के रिजर्वेशन काउंटरों से डेढ़ सौ से दो सौ तक वेटिंग टिकट जारी किए जाते हैं। इस पर रोक लगाने के बजाय रेलवे जुर्माना वसूली पर ही ज्यादा जोर लगा रहा है। तर्क दिया जा रह है कि वेटिंग रिजर्वेशन टिकट वाले जनरल कोच में ही सफर कर सकते हैं। क्योंकि टिकट चेकिंग का सिस्टम ऑनलाइन हो गया है।
वेटिंग रिजर्वेशन टिकट पर केवल जनरल कोच में ही सफर कर सकते हैं। स्लीपर कोच में जुर्माना लगेगा। क्योंकि कंफर्म टिकट वाले यात्रियों को परेशानी की शिकायतें मिलने पर ऐसा तरीका अपनाया गया है। जितनी बर्थ, उतना रिजर्वेशन टिकट सिस्टम पर रेलवे का काम चल रहा है।
(Bureau Chief, Korba)