- बिजली बिल से मुक्ति, ऊर्जा के क्षेत्र में आत्मनिर्भरता बढ़ी
रायपुर: भारत सरकार की महत्वाकांक्षी प्रधानमंत्री सूर्यघर मुफ्त बिजली योजना ने छत्तीसगढ़ के कबीरधाम जिले में ऊर्जा क्रांति की नई शुरुआत की है। यह योजना सिर्फ़ बिजली बचत का माध्यम नहीं, बल्कि आमजन को आर्थिक सशक्तिकरण और पर्यावरणीय संतुलन की दिशा में भी एक महत्वपूर्ण माना जा रहा है। कबीरधाम जिले में इस योजना का क्रियान्वयन मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय के मंशानुरूप कलेक्टर श्री गोपाल वर्मा के कुशल मार्गदर्शन में कबीरधाम जिले में प्रभावी ढंग से किया जा रहा है, जिसमें विद्युत विभाग के प्रशासनिक अमला इस योजना के क्रियान्वयन में फील्ड पर सतत प्रयासरत है।
कबीरधाम जिले की बात करें तो अब तक इस जिले के 11 घरों की छतों पर रूफटॉप सोलर प्लांट स्थापित किए जा चुके हैं, जिनसे हर माह औसतन 300 यूनिट तक मुफ्त बिजली का उत्पादन हो रहा है। प्रधानमंत्री सूर्य घर की योजना से अब बिजली बिल से मुक्ति की चर्चा होनी शुरू हो गई है। इस ऊर्जा से घरों की ऊर्जा की दैनिक आवश्यकताएं पूरी हो रही हैं और बची हुई बिजली को सीएसपीडीसीएल के ग्रिड में भेजा जा रहा है, जिससे उपभोक्ताओं को आगामी महीनों में क्रेडिट के रूप में लाभ मिल रहा है। इससे न केवल उपभोक्ताओं को बिजली बिल से राहत मिल रही है, बल्कि वे ऊर्जा के क्षेत्र में आत्मनिर्भर भी बन रहे हैं।
जिले में इस योजना के प्रति लोगों का उत्साह लगातार बढ़ रहा है। अब तक कुल 94 से अधिक हितग्राहियों ने अपने लिए वेंडर का चयन कर लिया है और कई को सब्सिडी की राशि सीधे उनके बैंक खातों में स्थानांतरित की जा चुकी है। छत्तीसगढ़ शासन द्वारा अपनाई गई पारदर्शी और सरल प्रक्रिया इस योजना की लोकप्रियता का बड़ा कारण बन रही है। मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय की दूरदृष्टि और शासन की प्राथमिकता में शामिल ऊर्जा आत्मनिर्भरता का यह प्रभावशाली उदाहरण है। इस योजना के अंतर्गत उपभोक्ताओं की मासिक विद्युत खपत के अनुसार 45 हजार से 108000 रूपए तक की सब्सिडी प्रदान की जा रही है, जिससे 1 से 3 किलोवाट की क्षमता वाले सोलर सिस्टम की स्थापना अब मध्यमवर्गीय और निम्न आय वर्ग के लिए भी सहज हो गया है। इसके अतिरिक्त, ग्रुप हाउसिंग सोसायटी और निवासी कल्याण संघों को 18 हजार रूपए प्रति किलोवाट की विशेष सब्सिडी दी जा रही है।
प्रधानमंत्री सूर्यघर योजना केवल एक ऊर्जा कार्यक्रम नहीं, बल्कि आत्मनिर्भर भारत और आत्मनिर्भर छत्तीसगढ़ की दिशा में एक मजबूत और स्थायी कदम है। मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय के नेतृत्व में राज्य सरकार ने भारत सरकार की इस पहल को धरातल पर साकार करते हुए यह सुनिश्चित किया है कि जिले के आम नागरिक न केवल उपभोक्ता बनें, बल्कि ऊर्जा के उत्पादक भी बनें। कबीरधाम जिले में इस योजना की सफलता आने वाले समय में अन्य जिलों के लिए भी प्रेरणा का स्रोत बन रही है।
सौर ऊर्जा अपनाने पर 108000 रूपए तक की सरकारी सहायता
कबीरधाम जिले के अधीक्षण अभियंता श्री रंजीत घोष ने बताया कि छत्तीसगढ़ शासन द्वारा छत्तीसगढ़ स्टेट पावर डिस्ट्रीब्यूशन कंपनी लिमिटेड के माध्यम से पीएम सूर्य घर मुफ्त बिजली योजना के तहत घरेलू उपभोक्ताओं के घरों पर सोलर रूफटॉप संयंत्र लगाने पर केंद्रीय वित्तीय सहायता के साथ-साथ राज्य की ओर से अतिरिक्त वित्तीय सहायता भी दी जाएगी, जो सोलर प्लांट की क्षमता (1) किलोवाट, 2 किलोवाट, 3 किलोवाट और उससे अधिक) के आधार पर अलग-अलग होगी। उदाहरण के लिए, 1 किलोवाट प्लांट के लिए कुल 45,000 रूपए, (30,000 रूपए केंद्रीय और 15,000 रूपए राज्य सहायता) जबकि 3 किलोवाट या उससे अधिक के प्लांट के लिए 1,08,000 रूपए (78,000 रूपए केंद्रीय और 30,000 रूपए राज्य सहायता) की मदद मिलेगी। हाउसिंग सोसाइटी/रेसिडेंशियल वेलफेयर एसोसिएशन के लिए भी इसी तरह की सहायता प्रस्तावित की गई है। यह अनुदान राशि छत्तीसगढ़ स्टेट पावर डिस्ट्रीब्यूशन कंपनी लिमिटेड को अग्रिम रूप से मिलेगी और वही इसे लाभार्थियों को देगी। उल्लेखनीय है कि वर्ष 2025-26 में 60,000 और 2026-27 में 70,000 सोलर पावर प्लांट की स्थापना का लक्ष्य रखा गया है। इससे वित्तीय वर्ष 2025-26 में 180 करोड़ एवं 2026-27 में 210 करोड़ रूपए का भार आएगा।
प्रधानमंत्री सूर्यघर मुफ्त बिजली योजना के अंतर्गत 1 से 3 किलोवाट क्षमता के सोलर प्लांट लगाने पर 45 हजार से 108000 रूपए तक की सब्सिडी सीधे लाभार्थियों के बैंक खाते में दी जा रही है। छत्तीसगढ़ सरकार के सहयोग से क्रियान्वित इस योजना में ग्रुप हाउसिंग सोसायटी एवं निवासी कल्याण संघों को भी 18 हजार रूपए प्रति किलोवाट की सहायता दी जा रही है।

(Bureau Chief, Korba)