Thursday, November 28, 2024
Homeछत्तीसगढ़रायपुर : किसानों और ग्रामीणों के सच्चे साथी बनेंगे दामिनी और मेघदूत

रायपुर : किसानों और ग्रामीणों के सच्चे साथी बनेंगे दामिनी और मेघदूत

  • मेघदूत एप्प से मौसम की मिलेगी सटीक जानकारी और दामिनी एप्प बचाएगी आकाशीय बिजली के कहर से

रायपुर: किसानों और ग्रामीणों के दो सच्चे साथी अब हमेशा उनके साथ रहेंगे। एक उन्हें मौसम संबंधी जानकारी से लैस करेगा, तो दूसरा आकाशीय बिजली की कहर से बचाएगा। छत्तीसगढ़ में मानसून की दस्तक के साथ ही खेती-किसानी का काम-काज शुरू हो जाता है। किसान भाई मौसम संबंधी सटीक जानकारी के लिए मेघदूत और आकाशीय बिजली से जनहानि और पशुहानि से बचाव के लिए दामिनी एप्प का सहारा ले सकते हैं।

भारत सरकार के पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय ने इन दोनों एप्प को लॉन्च किया है। इसे गूगल प्ले स्टोर के माध्यम से किसी भी एंड्राइड मोबाईल पर डाउनलोड किया जा सकता है। छत्तीसगढ़ सरकार के राजस्व एवं आपदा प्रबंधन विभाग द्वारा सभी कलेक्टरों को राजस्व विभाग और अन्य विभागों के मैदानी अमले के माध्यम से इन दोनों ही एप्प का प्रचार-प्रसार करने के साथ ही गांवों में मुनादी करने के निर्देश दिए गए हैं।

खेती-किसानी के सीजन में किसानों के लिए मौसम की सटीक जानकारी आवश्यक होती है, इससे खेती-किसानी का काम-काज व्यवस्थित और सुचारू ढंग से करने में मदद मिलती है। मेघदूत एप्प के माध्यम से किसान भाई मौसम पूर्वानुमान जैसे तापमान, वर्षा की स्थिति, हवा की गति एवं दिशा इत्यादि की जानकारी मिलेगी, जिससे किसान अपने क्षेत्र की मौसम से संबंधित पूर्वानुमान की जानकारी प्राप्त कर सकते हैं।

मानसून के दौरान ही आकाशीय बिजली की घटनाओं का सिलसिला शुरू हो जाता है, इसके कारण अधिक संख्या में जन एवं पशु हानि की सूचनाएं प्राप्त होती है। इन घटनाओं में कमी लाने और लोगों को सचेत करने के लिए दामिनी एप्प तैयार किया गया है। इस एप्प के माध्यम से 20 से 31 किलोमीटर के दायरे में आकाशीय बिजली का पूर्वानुमान मिल जाएगा। इससे पशुहानि और जनहानि को रोकने में मदद मिलेगी।

ऐसे बनती है आकाशीय बिजली

जब ठंडी हवा संघनित होकर बादल बनती है तब इन बादलों के अंदर गर्म हवा की गति और नीचे ठंडी हवा के होने से बादलों में धनावेश (पॉजिटिव चार्ज) ऊपर की ओर एवं ऋणावेश (निगेटिव चार्ज) नीचे की ओर होता है। बादलों में इन विपरीत आवेशों की आपसी क्रिया से विद्युत आवेश उत्पन्न होता है। इस प्रकार आकाशीय बिजली उत्पन्न होती है। फिर धरती पर पहुंचने पर आकाशीय बिजली बेहतर चालक को तलाशती हैं, जिससे वह गुजर सके। इसके लिए धातु और पेड़ उपयुक्त होते हैं। बिजली अक्सर इन्हीं माध्यमों से पृथ्वी में जाने का रास्ता चुनती है। इसलिए बरसात के दिनों में लोग बिजली के खंभों, पेड़ों और धातुओं से दूर रहना चाहिए तथा बिजली के उपकरणों का प्रयोग सावधानीपूर्वक करें। जितना हो सके आकाशीय बिजली की स्थिति में मोबाइल का उपयोग नहीं किया जाए।




Muritram Kashyap
Muritram Kashyap
(Bureau Chief, Korba)
RELATED ARTICLES
- Advertisment -

Most Popular