रायपुर: कुछ समय पहले तक कोरबा जिले के बगदरीडांड गांव की बसंती मिंज के लिए घर के उपयोग के लिए पानी का प्रबंधन एक कठिन और जोखिम भरा काम था। उन्हें रोजाना पानी के लिए सिर पर बर्तन उठाकर जंगल की पगडंडियों से होते हुए नदी तक का सफर तय करना पड़ता था। बारिश के दिनों में कीचड़ और फिसलन के बीच उफनती नदी से पानी भरना उनके जीवन का सबसे बड़ा संघर्ष था। लेकिन अब यह संघर्ष बीते दिनों की बात हो गई है। गांव में सोलर ड्यूल पंप की स्थापना और उनके घर तक नल जल कनेक्शन लगने के बाद उनकी जिंदगी पूरी तरह बदल गई है।
बसंती बताती हैं, पहले पानी के लिए नदी जाना पड़ता था। रास्ता लंबा और खतरनाक था, खासकर बरसात के दिनों में। सिर पर भरे हुए पानी के बर्तन उठाकर घर तक लाना बहुत मुश्किल होता था। लेकिन अब सोलर ड्यूल पंप के जरिए उनके घर तक पानी पहुंचता है। नल से निरंतर पानी मिलने से न केवल उनका जीवन सरल हुआ है, बल्कि उन्हें घर के अन्य कामों के लिए भी पर्याप्त समय मिल रहा है। सोलर ड्यूल पंप की स्थापना से न केवल बसंती, बल्कि गांव की अन्य महिलाओं के जीवन में भी बड़ा बदलाव आया है। अब उन्हें पानी के लिए घर से बाहर जाने की जरूरत नहीं पड़ती। पानी की उपलब्धता ने उनके जीवन को सुविधाजनक और सुरक्षित बना दिया है।
बसंती कहती हैं, अब चाहे गर्मी हो या बारिश, पानी की चिंता खत्म हो गई है। नल से जितना पानी चाहिए, उतना आसानी से मिल जाता है। यह सुविधा हमारे लिए वरदान की तरह है। सोलर ड्यूल पंप परियोजना का उद्देश्य जल संकट से जूझ रहे ग्रामीण क्षेत्रों को पानी की सुविधा प्रदान करना और महिलाओं की दैनिक जीवन की कठिनाइयों को दूर करना है।
(Bureau Chief, Korba)