- बुनकरों को मिलेगा प्रशिक्षण, आधुनिक डिजाइन पर होगा जोर
रायपुर: राज्यपाल श्री रमेन डेका ने छत्तीसगढ़ के परंपरागत कोसा वस्त्र उद्योग को अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर पहचान दिलाने और राज्य के बुनकरों की अर्थव्यवस्था को मजबूती देने के उद्देश्य से संबंधित अधिकारियों को दिशा-निर्देश दिए। उन्होंने कोसा वस्त्र निर्माण की गुणवत्ता, डिजाइन, विपणन और प्रशिक्षण के क्षेत्र में ठोस पहल करने पर बल दिया। राज्यपाल श्री डेका ने आज राजभवन में ग्रामोद्योग विभाग के सचिव एवं वरिष्ठ अधिकारियों की बैठक लेकर कहा कि छत्तीसगढ़ के कोसा वस्त्रों का समृद्ध इतिहास है जिसे वैश्विक मंच पर पहुचाने की आवश्यकता है। इसके लिए जरूरी है कि कोसा वस्त्रों के डिजाइनों को आधुनिक जरूरतों और अंतर्राष्ट्रीय बाजार के अनुरूप विकसित किया जाए। उन्होंने खादी एवं कोसा वस्त्र निर्माण के लिए बुनकरों को उच्च गुणवत्ता वाले प्रशिक्षण प्रदान करने के निर्देश भी दिए।
श्री डेका ने कहा कि छत्तीसगढ़ के बुनकरों को असम राज्य का भ्रमण कराए जहां वे मूगा, असम सिल्क निर्माण की प्रक्रिया का प्रत्यक्ष अवलोकन करेंगे। इससे उन्हें नवाचार का अवसर मिलेगा। राज्यपाल ने निर्देश दिया कि छत्तीसगढ़ के कोसा सिल्क पर आधारित डॉक्यूमेंट्री फिल्म बनाया जाए। यह डॉक्यूमेंट्री देश विदेश के विभिन्न मंचों पर दिखाई जाए ताकि छत्तीसगढ़ के बुनकारों की परंपरा और कला को वैश्विक पहचान मिल सके। उम्होने कहा कि कोसा और खादी वस्त्रों के निर्माण से जुड़े बुनकरों को सहकारी समितियों के माध्यम से सहयोग और प्रोत्साहन दिया जाए तथा राज्य एवं केंद्र के योजनाओं से अधिकाधिक लाभ दिलाने का प्रयास किया जाए।
राज्यपाल श्री डेका ने कहा कि कोसा वस्त्र न केवल छत्तीसगढ़ की संस्कृति का प्रतीक है बल्कि इससे स्थानीय अर्थव्यवस्था को भी मजबूती मिलेगी। बुनकरों के जीवन में सकारात्मक बदलाव लाकर छत्तीसगढ़ को देश दुनिया में कोसा के प्रमुख केंद्र के रूप में स्थापित कर सकते है। बैठक में ग्रामोद्योग विभाग के सचिव श्री श्याम घावडे़ सहित वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।

(Bureau Chief, Korba)