रायपुर: किसानों की आय में सतत वृद्धि एवं आर्थिक सुदृढ़ीकरण के उद्देश्य से छत्तीसगढ़ शासन द्वारा किसान वृक्ष मित्र योजना संचालित की जा रही है। यह योजना कृषकों सहित अन्य पात्र हितग्राहियों को निजी भूमि पर वाणिज्यिक प्रजातियों के वृक्षारोपण के लिए प्रोत्साहित करती है तथा उनके उत्पाद के बाय-बैक में सहयोग प्रदान करती है। इस योजना के तहत महासमुंद जिले में वन विभाग द्वारा किसानों को प्रेरित एवं प्रोत्साहित करने के साथ ही उन्हें वृक्षारोपण के लिए लगातार मार्गदर्शन दिया जा रहा है।
वनमंडलाधिकारी महासमुंद श्री मयंक पांडेय ने बताया कि इस योजना का लाभ भूमि स्वामी, शासकीय एवं अर्ध-शासकीय संस्थान, निजी शिक्षण संस्थान, एनजीओ, पंचायतें तथा भूमि अनुबंध धारक उठा सकते हैं। हितग्राहियों का चयन वन विभाग के क्षेत्रीय अमले एवं प्रेरकों द्वारा किया जाएगा। उन्होंने कहा कि 5 एकड़ तक की भूमि पर अधिकतम 5000 पौधों के रोपण पर 100 प्रतिशत अनुदान दिया जाएगा। 5 एकड़ से अधिक भूमि पर प्रति एकड़ अधिकतम 1000 पौधों पर 50 प्रतिशत अनुदान का प्रावधान है। निजी संस्थानों, ट्रस्ट, पंचायतों एवं लीजधारकों के लिए भी वन विभाग द्वारा 50 प्रतिशत अंशदान उपलब्ध कराया जाएगा। रोपण का संपूर्ण कार्य हितग्राही द्वारा किया जाएगा, जबकि तकनीकी मार्गदर्शन एवं समन्वय वन विभाग द्वारा सुनिश्चित किया जाएगा।
योजना के अंतर्गत मिलिया डुबिया (मालाबार नीम), टिश्यू कल्चर बांस, टिश्यू कल्चर सागौन, क्लोनल नीलगिरी, चंदन सहित अन्य आर्थिक रूप से लाभकारी प्रजातियों का रोपण कराया जा रहा है। वनमंडलाधिकारी ने बताया कि प्रजातियों के आधार पर निश्चित अवधि उपरांत प्रति एकड़ प्रति वर्ष लगभग 15 हजार से 5 लाख रुपये तक का सकल लाभ प्राप्त किया जा सकता है, जो किसानों के लिए अत्यंत लाभकारी सिद्ध होगा। इच्छुक हितग्राही अपने नजदीकी वन परिक्षेत्र कार्यालय में निर्धारित प्रपत्र के माध्यम से आवेदन कर योजना का लाभ ले सकते हैं।

(Bureau Chief, Korba)




