Friday, March 14, 2025
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रायपुर : वेटलैंड संरक्षण को लेकर लिए गए कई महत्वपूर्ण निर्णय

  • छत्तीसगढ़ राज्य वेटलैंड प्राधिकरण की द्वितीय बैठक संपन्न

रायपुर: छत्तीसगढ़ राज्य में वेटलैंड संरक्षण और प्रबंधन को सुदृढ़ करने के उद्देश्य से आज छत्तीसगढ़ राज्य वेटलैंड प्राधिकरण की द्वितीय बैठक का आयोजन किया गया। यह बैठक वन मंत्री एवं अध्यक्ष, छत्तीसगढ़ राज्य वेटलैंड प्राधिकरण की अध्यक्षता में राज्य वन अनुसंधान एवं प्रशिक्षण संस्थान स्थित मेडीशनल प्लांट बोर्ड हॉल में संपन्न हुई। बैठक में छत्तीसगढ़ राज्य जैवविविधता बोर्ड के अध्यक्ष, प्रधान मुख्य वन संरक्षक एवं वन बल प्रमुख श्री वी. श्रीनिवासन, जल संसाधन विभाग के सचिव श्री राजेश सुकुमार टोप्पो, वन विभाग, आवास एवं पर्यावरण, प्रमुख अभियंता जल संसाधन श्री इंद्रजीत उइके, छत्तीसगढ़ पर्यावरण संरक्षण मंडल, मत्स्य विभाग सहित विभिन्न विभागों के वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।

छत्तीसगढ़ राज्य वेटलैंड प्राधिकरण की द्वितीय बैठक संपन्न

वन मंत्री श्री कश्यप ने राज्य के सभी जिलों की जिला वेटलैंड संरक्षण समितियों को अपने-अपने क्षेत्रों में वेटलैंड के संरक्षण और संवर्धन हेतु स्पष्ट दिशा-निर्देश जारी करने के निर्देश दिए। इसके साथ ही, अन्य राज्यों में वेटलैंड प्राधिकरण के सदस्य सचिवों के वित्तीय अधिकारों का अध्ययन कर संशोधित प्रस्ताव शासन को भेजने के भी निर्देश दिए। बैठक में छत्तीसगढ़ राज्य वेटलैंड प्राधिकरण के लिए तैयार किए गए आधिकारिक लोगो का वन मंत्री श्री कश्यप ने विमोचन किया। राज्य में रामसर स्थलों की पहचान को लेकर भी बैठक में महत्वपूर्ण निर्णय लिए गए। कोपरा जलाशय (बिलासपुर) और गिधवा-परसदा वेटलैंड कॉम्प्लेक्स (बेमेतरा) को रामसर स्थलों के रूप में चिन्हित करने की स्वीकृति दी गई। इसके अलावा, एनपीसीए योजना के तहत प्राकृतिक रूप से निर्मित तालाबों के चयन और नए प्रस्ताव प्रस्तुत करने का निर्णय लिया गया।

बैठक में प्रस्तावित तकनीकी समिति में आवास एवं पर्यावरण विभाग तथा मत्स्य विभाग को शामिल करने की अनुशंसा की गई, जिससे वेटलैंड संरक्षण में विभिन्न विभागों का समन्वय बेहतर हो सके। साथ ही, शिकायत समिति में छत्तीसगढ़ राज्य वेटलैंड प्राधिकरण के सदस्य सचिव और शहरी विकास विभाग के निदेशक को भी शामिल करने की अनुशंसा की गई। बैठक में वेटलैंड (संरक्षण एवं प्रबंधन) नियम 2017 तथा माननीय सर्वाेच्च न्यायालय के आदेशों का कानूनी विश्लेषण करवाने का निर्णय लिया गया। इसके लिए, एडवोकेट जनरल कार्यालय से विधिक परामर्श लेने तथा अन्य राज्यों में अपनाई जा रही नीतियों का अध्ययन करने का सुझाव दिया गया।

गौरतलब है कि छत्तीसगढ़ में कई प्राकृतिक और कृत्रिम जलाशय, तालाब और जल स्रोत वेटलैंड का रूप लिए हुए हैं, जो जैवविविधता के संरक्षण और पर्यावरणीय संतुलन बनाए रखने के लिए महत्वपूर्ण है। गिधवा-परसदा और कोपरा जलाशय जैसे वेटलैंड क्षेत्र, प्रवासी पक्षियों के लिए उपयुक्त स्थल हैं, जहां हर वर्ष हजारों पक्षी प्रवास के लिए आते हैं। राज्य सरकार द्वारा वेटलैंड संरक्षण को लेकर किया जा रहा यह प्रयास महत्वपूर्ण हैं। प्राधिकरण की बैठक में लिए गए निर्णयों से न केवल वेटलैंड की पहचान और संरक्षण को बल मिलेगा, बल्कि राज्य में जैव विविधता, जल संसाधन प्रबंधन और सतत विकास में भी सहायक होगा।


Muritram Kashyap
Muritram Kashyap
(Bureau Chief, Korba)
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