रायपुर: महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना (मनरेगा) ग्रामीण के जीवन में आत्मनिर्भरता और आर्थिक सशक्तिकरण का मार्ग प्रशस्त कर रही है। इसी योजना से कवर्धा जिले के विकासखंड पंडरिया के ग्राम पंचायत चारभाठाखुर्द के हितग्राही श्री रामफल को अपने व्यवसायिक सपनों को साकार करने का अवसर मिला। श्री रामफल पहले मनरेगा में दैनिक मजदूरी कर जीवनयापन करते थे। उनका सपना था कि गौपालन कर स्वरोजगार शुरू करें, किंतु संसाधनों की कमी बाधा बनी हुई थी। ग्राम पंचायत की पहल पर मनरेगा योजना अंतर्गत उनके लिए 68,500 रुपये की लागत से पक्का पशुशेड का निर्माण हुआ। इस दौरान उनको 48 दिवस का रोजगार भी मिला तथा अन्य ग्रामीणों को भी मजदूरी का लाभ प्राप्त हुआ।

पशुशेड बन जाने से गौधन सुरक्षित रहने लगा और बीमारियों की समस्या समाप्त हो गई। अब श्री रामफल दूध उत्पादन से प्रतिमाह 3 से 4 हजार रुपये तक की अतिरिक्त आमदनी अर्जित कर रहे हैं। घर की आवश्यकताओं की पूर्ति के साथ ही शेष दूध विक्रय कर आय का अर्जित कर रहे है। श्री रामफल बताते हैं कि मनरेगा योजना से न केवल उनका व्यवसाय सशक्त हुआ है, बल्कि परिवार की आर्थिक स्थिति भी सुदृढ़ हुई है। यह योजना ग्रामीणों को स्वरोजगार की दिशा में सशक्त बनाने का सशक्त माध्यम सिद्ध हो रही है।

(Bureau Chief, Korba)