- सक्षम योजना में ऋण लेने हेतु पात्रता की शर्तों को किया गया शिथिल
- परिवार के स्थान पर अब महिला की वार्षिक आय से होगा पात्रता का निर्धारण
- महिलाओं को आर्थिक रूप से सशक्त बनाने छत्तीसगढ़ महिला कोष की योजनाओं में हुआ संशोधन
- मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल की घोषणा पर राज्य सरकार ने जारी किया आदेश
रायपुर: मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल के नेतृत्व में राज्य सरकार ने महिलाओं को आर्थिक रूप से सशक्त बनाने के लिए कई निर्णय लिए है। इसी कड़ी में विगत 02 मई को रायपुर के साइंस कॉलेज मैदान में आयोजित आंगनबाड़ी कार्यकर्ता, सहायिका एवं मितानिनों के आभार सम्मेलन में मुख्यमंत्री श्री बघेल ने महिला समूहों को 6 लाख रूपए तक ऋण देने और महिलाओं के लिए ऋण लेने की पात्रता शर्तों को सरल करने की घोषणा की थी। इस संबंध में राज्य सरकार ने आदेश जारी कर दिया है।
छत्तीसगढ़ महिला कोष की ऋण योजना अन्तर्गत ऐसे महिला समूह जिन्होंने प्रथम बार ऋण लेकर पूरा पटा दिया है, उन्हें 04 लाख के स्थान पर अब अधिकतम 06 लाख रूपए ऋण की पात्रता होगी। साथ ही 04 से 06 लाख रूपए तक के ऋण की अदायगी, महिला स्व-सहायता समूहों से ऋण प्राप्ति के 6 माह पश्चात् 60 मासिक किश्तों में की जाएगी। पुनः ऋण की पात्रता का लाभ नियमित किश्त अदा करने वाले हितग्राहियों को ही दिया जायेगा।
इसके अतिरिक्त सक्षम योजना के अन्तर्गत पात्रता की शर्तों को शिथिल बनाया गया है। महिला हितग्राही की ऋण लेने की पात्रता परिवार की वार्षिक आय के स्थान पर उसके स्वयं के वार्षिक आय के आधार पर निर्धारित होगी। पारिवारिक वार्षिक आय राशि रूपये 01 लाख के स्थान पर अब जिस महिला की वार्षिक आय की सीमा राशि रूपये 02 लाख रूपए तक होगी उसे ऋण की पात्रता होगी।
गौरतलब है कि महिला कोष द्वारा ऋण योजना व सक्षम योजना के माध्यम से महिलाओं को आर्थिक रूप से समृद्ध करने के लिए मात्र 3 प्रतिशत वार्षिक ब्याज की दर से ऋण उपलब्ध कराया जाता है। मुख्यमंत्री श्री बघेल ने महिलाओं की आत्मनिर्भरता को बढ़ावा देने के उद्देश्य से महिला कोष का बजट इस वित्तीय वर्ष में लगभग 10 गुना बढ़ाकर 25 करोड़ रूपए कर दिया है। साथ ही नवीन कौशल्या समृद्धि योजना के लिए भी 25 करोड़ रूपए का आबंटन दिया गया है।