- शिक्षिका हेमंती परिहार को घर के पास मिला स्कूल, कहा शिक्षा गुणवत्ता में होगा सुधार
रायपुर: राज्य शासन की महत्वपूर्ण पहल युक्तियुक्तकरण अभियान से न केवल शिक्षकविहीन एवं एकल शिक्षकीय स्कूलों में शिक्षकों की उपलब्धता सुनिश्चित हो रही है, बल्कि छात्र और शिक्षक अनुपात संतुलित होने से शिक्षा की गुणवत्ता में भी सुधार हो रहा है। युक्तियुक्तकरण के पश्चात कई अतिशेष शिक्षकों को काउंसलिंग प्रक्रिया के माध्यम से स्कूलों में पदस्थापना दी गई। पदस्थापना मिलने से शिक्षकों में उत्साह एवं खुशी स्पष्ट नजर आ रहा है। इस योजना के तहत शिक्षकों का स्थानांतरण इस तरह किया गया है कि स्कूलों में पढ़ाने के लिए पर्याप्त शिक्षक हों और शिक्षकों को भी उनके घर के पास स्कूल मिले। योजना से जिले के कई एकल शिक्षकीय स्कूलों में पर्याप्त संख्या में शिक्षकों की पदस्थापना हुई है, इससे न केवल शिक्षा की गुणवत्ता में निखार आई है, बल्कि कई शिक्षकों के कार्यस्थल भी घर के समीप हो गए हैं। युक्तियुक्तकरण नीति से जिले में सकारात्मक असर देखा गया है। इस प्रक्रिया के जरिए जिले में अब कोई भी विद्यालय शिक्षकविहीन नहीं है।
इसी क्रम में सहायक शिक्षिका श्रीमती हेमंती परिहार ने बताया कि वे पहले लोरमी विकासखण्ड के ग्राम बिजराकापाकला के शासकीय प्राथमिक शाला में पदस्थ थी। घर से दूर होने के कारण उन्हें आवागमन में परेशानियों का सामना करना पड़ता था, लेकिन अब राज्य शासन की अनूठी पहल युक्तियुक्तकरण के तहत उनका स्थानांतरण घर के नजदीक शासकीय प्राथमिक शाला चमारी में हो गया है। उन्होंने बताया कि इससे उन्हें स्कूल आने जाने में सहूलियत हो रही है। अब वे समय में स्कूल पहुंचकर बच्चों को बेहतर शिक्षा प्रदान कर पा रही है। बता दें कि शासकीय प्राथमिक शाला चमारी युक्तियुक्तकरण के पहले एकल शिक्षकीय स्कूल था, जहां एक प्रधानपाठक के द्वारा स्कूल संचालित किया जा रहा था, अब युक्तियुक्तकरण के बाद स्कूल को दो शिक्षक मिल गए हैं, जिससे बच्चों को बेहतर एवं गुणवत्तापूर्ण शिक्षा प्रदान करना आसान हो गया है।

(Bureau Chief, Korba)