रायपुर: प्रधानमंत्री सूर्य घर मुफ्त बिजली योजना से रीता के बिजली बिल में कमी आई है।दुर्ग जिले के ग्राम धनोरा में रहने वाली रीता बनाफर हमेशा से पर्यावरण के प्रति जागरूक रही हैं। उन्हें प्रकृति से गहरा लगाव है और वे अपने स्तर पर इसे संरक्षित करने के लिए प्रयासरत रहती हैं। रीता का कहना है कि हर व्यक्ति को ऊर्जा के स्वच्छ स्रोतों का उपयोग कर पर्यावरण को बचाने में अपना योगदान देना चाहिए। वह लंबे समय से अपने घर के लिए सौर ऊर्जा समाधान की तलाश में थीं, लेकिन शुरुआती लागत उनके लिए एक चुनौती थी। तभी उन्हें श्प्रधानमंत्री सूर्य घर मुफ्त बिजली योजनाश् के बारे में जानकारी मिली। यह योजना रीता के लिए एक सुनहरा अवसर बनकर आई, जिससे उन्हें पर्यावरण संरक्षण के अपने लक्ष्य को प्राप्त करने में मदद मिली। उन्होंने इस योजना के तहत अपने घर की छत पर रूफ टॉप सोलर पैनल लगवाने का आवेदन किया। उनके घर की छत पर अत्याधुनिक सोलर पैनल स्थापित हो गए, जो सूरज की रोशनी को स्वच्छ बिजली में बदलने का कार्य करते है।
सोलर पैनल लगने के बाद रीता को दोहरा लाभ मिला है। एक ओर जहां उनके घर की बिजली की जरूरतें काफी हद तक सौर ऊर्जा से पूरी हो रही हैं, वहीं दूसरी ओर वे पर्यावरण को स्वच्छ रखने में भी अपना महत्वपूर्ण योगदान दे रही हैं। उन्होंने बताया कि इस माह उनके यहाँ कुल 2199 यूनिट बिजली की खपत हुई, जिसमें से उनके सोलर पैनल ने लगभग आधी बिजली का उत्पादन किया। इससे उन्हें अब आधी बिजली का ही भुगतान करना होगा, जिससे उनके मासिक बिजली बिल में उल्लेखनीय कमी आई है। रीता कहती हैं, यह बिजली बिल में बचत के साथ मेरे पर्यावरण प्रेम की एक साकार अभिव्यक्ति है। मुझे खुशी है कि मैं अपने घर से ही कार्बन उत्सर्जन कम करने में मदद कर रही हूँ। 1.82 लाख रुपये की लागत से लगे इस सोलर पैनल के लिए उन्हें सरकार से 78 हज़ार रुपये की सब्सिडी भी मिली है, जिससे यह निवेश उनके लिए और भी सुलभ हो गया। रीता बनाफर ने सरकार की इस योजना से अपनी व्यक्तिगत आकांक्षाओं और बड़े सामाजिक लक्ष्य को एक साथ पूरा किया हैं। उन्होंने केंद्र और राज्य शासन का हृदय से आभार व्यक्त किया है। उनकी यह कहानी सभी को स्वच्छ ऊर्जा अपनाने और पर्यावरण की रक्षा के लिए प्रेरित करती है।

(Bureau Chief, Korba)