- सरपंच गांव के विकास की चाबी, बड़ी उम्मीद से आप पर भरोसा कर ग्रामीणों ने सौंपी है जिम्मेदारी- केंद्रीय राज्यमंत्री श्री कपिल मोरेश्वर पाटिल
- राज्य स्तरीय महापंचायत में शामिल हुए केंद्रीय राज्यमंत्री, कहा छत्तीसगढ़ सरकार ने पंचायत प्रतिनिधियों को मुख्यधारा में शामिल कर किया प्रोत्साहित
- पंचायत प्रतिनिधियों के सुझाव पर चलेगा पंचायत विभाग- उपमुख्यमंत्री श्री विजय शर्मा
- कहा महतारी सदन के माध्यम से माताओं-बहनों के बैठने के लिए बनाई अच्छी जगह
- सतत विकास लक्ष्यों के स्थानीयकरण के विशिष्ट कार्य करने वाले ग्राम पंचायतों को 9 थीम पर किया गया सम्मानित
- नियद नेल्लानार के परिकल्पना को साकार करने वाले ग्राम पंचायतों के सरपंचों का किया गया सम्मान
रायपुर: सरपंच गांव के विकास की चाबी हैं। ग्रामीणों ने बड़ी उम्मीद से भरोसा कर गांव के विकास की चाबी सरपंचों को सौंपी है। छत्तीसगढ़ सरकार पंचायत प्रतिनिधियों को मुख्यधारा में शामिल कर प्रोत्साहित कर रही है। यह बात राजधानी रायपुर के साइंस कॉलेज मैदान में आयोजित राज्य स्तरीय महापंचायत कार्यक्रम में केंद्रीय राज्यमंत्री पंचायतीराज श्री कपिल मोरेश्वर पाटिल ने कही। इस मौके पर उप मुख्यमंत्री श्री विजय शर्मा, खाद्य मंत्री श्री दयालदास बघेल, स्वास्थ्य मंत्री श्री श्याम बिहारी जायसवाल, राजस्व मंत्री श्री टंकराम वर्मा, विधायक श्री अनुज शर्मा ने भी राज्य स्तरीय महापंचायत को संबोधित किया। राज्य स्तरीय महापंचायत कार्यक्रम में प्रधानमंत्री ग्रामीण आवास योजना के हितग्राहियों, ज्ञानोदय वाचनालय एवं अनुसूचित क्षेत्रों की ग्राम पंचायतों में कम्प्यूटर प्रदाय हेतु राशि अंतरण किया गया। सतत विकास लक्ष्यों के स्थानीयकरण के विशिष्ट कार्य करने वाले ग्राम पंचायतों को 9 थीम पर, नियद नेल्लानार के परिकल्पना को साकार करने वाले ग्राम पंचायतों के सरपंचों, लखपति दीदी तथा ड्रोन दीदी को सम्मानित किया गया।
केन्द्रीय पंचायतीराज राज्य मंत्री श्री कपिल मोरेश्वर पाटिल ने अपने संबोधन में कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के वर्ष 2047 तक भारत को विकसित राष्ट्र बनाने के संकल्प में गांवों का विकास पीछे नहीं रहेगा। प्रधानमंत्री का पूरा ध्यान और जोर गांवों के विकास पर है। विकसित भारत यात्रा के दौरान सरकार की योजनाओं को गांव-गांव पहुंचाकर लोगों को लाभान्वित किया गया है।
केन्द्रीय पंचायतीराज राज्य मंत्री श्री पाटिल ने राज्य के कोने-कोने से आए पंचायत प्रतिनिधियों को संबोधित करते हुए कहा कि श्री नरेन्द्र मोदी के प्रधानमंत्री बनने के बाद वित्त आयोग के माध्यम से स्थानीय सरकारों को दिए जाने वाली राशि में अभूतपूर्व बढ़ोतरी हुई है। वर्ष 2014 तक 13वें वित्त आयोग के कार्यकाल में देशभर की पंचायतों और नगरीय निकायों के लिए 60 हजार करोड़ रुपए का प्रावधान था। प्रधानमंत्री की पहल पर 15वें वित्त आयोग आते-आते अब यह राशि दो लाख 36 हजार करोड़ रुपए तक पहुंच चुकी है। श्री पाटिल ने पंचायत प्रतिनिधियों को राष्ट्रीय ग्राम स्वराज अभियान के तहत आयोजित होने वाले प्रशिक्षणों का पूरा लाभ लेने को कहा। उन्होंने कहा कि भारत सरकार ग्राम पंचायतों के डिजिटलीकरण पर जोर दे रही है। कई पंचायतें अपना बहुत सा काम ऑनलाइन कर रही हैं। उन्होंने पंचायत प्रतिनिधियों को मेरी पंचायत एप डाउनलोड कर इसका उपयोग करने को कहा।
राज्य स्तरीय महापंचायत कार्यक्रम में उपमुख्यमंत्री श्री विजय शर्मा ने कहा कि मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय के नेतृत्व में मोदी जी की गारंटी के अंतर्गत राज्य सरकार ने ग्रामीण क्षेत्रों के विकास में अपनी प्रतिबद्धता दर्शाते हुए विभिन्न शासकीय योजनाओं के क्रियान्वयन में महत्वपूर्ण उपलब्धियां हासिल की है। लोकतांत्रिक विकेंद्रीकरण की अवधारणा के अंतर्गत सत्ता की सबसे मूल इकाई पंचायत राज संस्थाओं के सुदृढ़ीकरण के लिए आवश्यक सुझाव और सहयोग प्राप्त करने के आकांक्षा के साथ इस महापंचायत का आयोजन किया जा रहा है। उप मुख्यमंत्री श्री शर्मा ने विस्तार से सरकार द्वारा पंचायत विभाग में लिये गये निर्णयों की जानकारी दी। उन्होंने बताया कि सरकार गठन के तुरंत बाद पहली केबिनेट बैठक में 18 लाख ग्रामीण परिवारों को पक्के आवास दिये जाने का निर्णय लिया गया। योजना अंतर्गत कुल 65,615 आवास पूर्ण किये गये हैं एवं 457 करोड़ रूपये की राशि जारी की गयी है। निर्माणाधीन आवासों को पूर्ण किये जाने के लिये 711 करोड़ रुपए की राशि शासन द्वारा जारी की गई है। प्रधानमंत्री जनजाति आदिवासी न्याय महाअभियान अंतर्गत 26,357 विशेष पिछड़ी जनजाति समूह परिवारों का पंजीयन, 15,154 परिवारों को स्वीकृति एवं 13,254 परिवारों को राशि रूपये 55 करोड़ 41 लाख रुपए जारी किया गया है। शासन द्वारा पीएम जनमन योजना में 81.73 करोड़ रूपए की राशि उपलब्ध करायी गयी हैं।
पीएम जनमन योजना के तहत 467 विशेष पिछड़ी जनजाति समूह बसाहटों को जोड़ने हेतु भारत सरकार के लक्ष्य के अनुरूप वर्ष 2023-24 में राशि 847 करोड़ रुपए की लागत की 1180 किमी. लंबाई की 333 सड़कों की स्वीकृति प्रदान की गयी, इन सड़कों से 366 विशेष पिछड़ी जनजाति समूह बसाहटें लाभान्वित होगी। शेष 82 विशेष पिछड़ी जनजाति समूह बसाहटों के लिए सरकार लगातार प्रयासरत है।
उप मुख्यमंत्री श्री विजय शर्मा ने कहा कि प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना अंतर्गत 256 सड़कें घोर नक्सली क्षेत्र में आने के कारण 4-5 वर्षों से अपूर्ण थी, इन अपूर्ण सड़कों को पूर्ण करने कार्य-योजना तैयार की गयी। जिनमें वर्तमान में पुलिस प्रशासन के सहयोग से 23 सड़कों में निर्माण कार्य प्रारंभ किया जा चुका है। वित्तीय वर्ष 2024-25 के लिए प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना अंतर्गत सुदृढ़ीकरण कार्य हेतु 1419 किमी लंबाई की 346 सड़कों हेतु राशि 349 करोड़ रूपए का बजट प्रावधान किया गया है।
उपमुख्यमंत्री श्री शर्मा ने कहा कि जब हम गांव जाते थे तब माताएं बताती थीं कि गांव में हमारे बैठने के लिए कार्य करने के लिये जगह नहीं होती। हम सभी ग्राम पंचायतों में महतारी सदन बनाएंगे। फिलहाल उनकी मांगों के अनुरूप हमने 3000 से अधिक जनसंख्या वाले लगभग 700 ग्राम पंचायतों में वर्ष 2024-25 में महतारी सदन का निर्माण किया जायेगा, महतारी सदन की लागत राशि 20.00 लाख होगी जिसे महतारी सदन योजना, महात्मा गांधी नरेगा एवं स्वच्छ भारत मिशन के अभिसरण से बनाया जायेगा। ई-गवर्नेस के तहत पंचायतों को शत-प्रतिशत डिजिटल करने के उद्देश्य से राज्य के 1000 ग्राम पंचायतों को वाईफाई सुविधा युक्त बनाया जाएगा।
उपमुख्यमंत्री ने कहा कि लोकसभा में 33 प्रतिशत का आरक्षण प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी ने दिलाया है। उपमुख्यमंत्री ने कहा कि गांव गांव से आये सरपंचगणों ने प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी के कार्य से प्रभावित होकर आभार व्यक्त करके पंचायत प्रस्ताव पास करके पोस्ट के माध्यम से माननीय श्री नरेन्द्र मोदी को आभार पत्र प्रेषित किया गया। पंचायत प्रतिनिधियों से सुझाव प्राप्त करने, आने वाले दिनों में पंचायतों में क्या क्या कार्य हो इसके लिए हमने सुझाव पेटी रखी है। उपमुख्यमंत्री ने कहा कि पंचायत विभाग पंचायत प्रतिनिधियों के सुझाव से चलेगा।
कार्यक्रम में लोकसभा सांसद श्री सुनील सोनी, राज्यसभा सांसद श्री देवेन्द्र प्रताप सिंह, विधायकगण सर्वश्री मोतीलाल साहू, पुरंदर मिश्रा, और गुरू खुशवंत साहेब के अलावा स्थानीय जनप्रतिनिधि उपस्थित थे।
सतत विकास लक्ष्यों के स्थानीयकरण के विशिष्ट कार्य करने वाले ग्राम पंचायतों को 9 थीम पर किया गया सम्मानित
सतत विकास लक्ष्यों के स्थानीयकरण के विशिष्ट कार्य करने वाले ग्राम पंचायतों को 9 थीम पर सम्मानित किया गया। पंचायती राज मंत्रालय ने व्यापक दृष्टिकोण अपनाते हुए सतत विकास लक्ष्यों को स्थानीयकरण करते हुए 9 संकल्पों के रूप में अपनाया, जिससे सभी समुदायों की भागीदारी सुनिश्चित हो और ग्राम पंचायतों का समग्र रूप से विकास हो
थीम-1 के अंतर्गत गरीबी मुक्त और आजीविका उन्नत ग्राम पंचायत हेतु ग्राम पंचायत नागम को सम्मानित किया गया।
थीम-1 अंतर्गत गरीबी मुक्त और आजीविका उन्नत ग्राम पंचायत हेतु ग्राम पंचायत नागम, जनपद पंचायत लुण्ड्रा, जिला-सरगुजा को सम्मानित किया गया। ग्राम पंचायत नागम ने मनरेगा के अंतर्गत रोजगार, स्व-सहायता समूह के माध्यम से महिलाओं का सशक्तिकरण जैसे अथक प्रयासों से सभी के लिए आजीविका तथा स्थायी रोजगार के अवसर सुनिश्चित किये और गरीबी मिटाने में अच्छा काम किया।
थीम-2 के अंतर्गत स्वस्थ ग्राम पंचायत हेतु ग्राम पंचायत सांकरा को किया गया सम्मानित
थीम-2 के अंतर्गत स्वस्थ ग्राम पंचायत हेतु ग्राम पंचायत सांकरा जनपद पंचायत नगरी, जिला-धमतरी द्वारा गुणवत्ता पूर्ण स्वास्थ्य सेवाओं को सशक्त बनाते हुए सभी के लिए उत्तम स्वास्थ्य और कल्याण सुनिश्चित किया।
थीम-3 के अंतर्गत बाल हितैषी ग्राम पंचायत हेतु ग्राम पंचायत निलजा को किया गया सम्मानित
ग्राम पंचायत निलजा, जनपद पंचायत-धरसींवा, जिला-रायपुर को अपने ग्राम पंचायत क्षेत्र में बच्चों से जुड़े सभी प्रमुख मुद्दों को स्पष्टता के साथ समझने और इनका निवारण करते हुए एक बाल हितैषी ग्राम पंचायत बनाने में अग्रसर रही है। अतः ग्राम पंचायत को थीम-03 बाल हितैषी ग्राम पंचायत हेतु सम्मानित किया जाता है।
थीम-4 के अंतर्गत जल की प्रचुरता ग्राम पंचायत हेतु ग्राम पंचायत बाघनदी को किया गया सम्मानित
ग्राम पंचायत बाघनदी, जनपद पंचायत डोंगरगढ़, जिला राजनांदगांव द्वारा जल आपूर्ति और संरक्षण में विशिष्ट कार्य करते हुए अपने पंचायत को जल युक्त ग्राम पंचायत बनाया है। अतः ग्राम पंचायत को थीम-04 जल की प्रचुरता ग्राम पंचायत हेतु सम्मानित किया जाता है।
थीम-5 के अंतर्गत स्वच्छ एवं हरित ग्राम पंचायत हेतु ग्राम पंचायत जोंकबाला को किया गया सम्मानित
कचरा, और गन्दगी न हो, गलियों में साफ सफाई रहे, जहाँ हमारे बच्चे खुशहाली से खेले – कूदे, ऐसा ही एक ग्राम पंचायत है जोंकबाला, जनपद पंचायत-कुनकुरी, जिला – जशपुर, इसने अपने अथक प्रयासों से ग्राम पंचायत को स्वच्छ एवं हरित गाँव बनाया है। अतः ग्राम पंचायत को थीम -05 स्वच्छ एवं हरित ग्राम पंचायत हेतु सम्मानित किया जाता है।
थीम-6 के अंतर्गत आत्मनिर्भर बुनियादी ढांचा ग्राम पंचायत हेतु ग्राम पंचायत आड़ावाल को किया गया सम्मानित
ग्राम पंचायत आड़ावाल, जनपद पंचायत- जगदलपुर, जिला-बस्तर, ने बुनियादी ढांचे को शहर जैसा विकसित करने का प्रयास किया है अतः ग्राम पंचायत को थीम-06 आत्मनिर्भर बुनियादी ढांचा ग्राम पंचायत हेतु सम्मानित किया जाता है
थीम-7 के अंतर्गत सामाजिक रूप से सुरक्षित ग्राम पंचायत हेतु ग्राम पंचायत पिकरीपारा को किया गया सम्मानित
बेरोजगार, सामाजिक बहिष्कार, बीमारी, विकलांगता और वृद्धावस्था जैसे आर्थिक एवं सामाजिक समस्याओं को प्रबंधित करते हुए लोगों का क्षमतावर्धन कर गरीबी और असमानता से बाहर आने हेतु सहयोग प्रदान करता है। ग्राम पंचायत पिकरीपारा, जनपद पंचायत- गुरुर, जिला बालोद, समाज के सभी वर्गों को साथ लेते हुए आगे बढ़ रही है। अतः ग्राम पंचायत को थीम-07 सामाजिक रूप से सुरक्षित ग्राम पंचायत हेतु सम्मानित किया जाता है।
थीम-8 के अंतर्गत सुशासन ग्राम पंचायत हेतु ग्राम पंचायत खडगवांकला को किया गया सम्मानित
सुशासन में ग्राम पंचायत के समस्त नागरिकों को विभिन्न शासकीय योजनाओं एवं सेवाओं का लाभ सुनिश्चित करना एवं पारदर्शिता, जवाबदेही, सहानुभूतिपूर्ण उत्तरदायित्व एवं नागरिकों का अधिकतम सहयोग, भागीदारी सम्मिलित है।
ग्राम पंचायत खडगवांकला, जनपद पंचायत-प्रतापपुर, जिला-सूरजपुर ने पूर्व प्रधानमंत्री स्व.श्री अटल बिहारी वाजपेयी जी के सुशासन के दृष्टिकोण को चरितार्थ करते हुए अपने ग्राम पंचायतों को समस्त उत्तरदायित्व के निर्वहन में सक्षम बनाने हेतु सुशासन का उदहारण प्रस्तुत किया है, अतः ग्राम पंचायत को थीम-08 सुशासन ग्राम
(Bureau Chief, Korba)