Saturday, February 22, 2025
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रायपुर : बस्तर क्षेत्र में वन आवरण के घनत्व में हुई उल्लेखनीय वृद्धि

  • विरल वन का 450 वर्ग किमी क्षेत्र हुआ सघन वन में तब्दील

रायपुर: बस्तर में वन आवरण घनत्व में उल्लेखनीय वृद्धि दर्ज की गई है, जो हाल ही में प्रकाशित भारत वन स्थिति रिपोर्ट के आंकड़ों में स्पष्ट रूप से परिलक्षित होती है। यह उपलब्धि मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय के नेतृत्व और वन मंत्री श्री केदार कश्यप के मार्गदर्शन में छत्तीसगढ़ वन विभाग द्वारा किए गए सतत प्रयासों का परिणाम है। बस्तर में वन आवरण घनत्व में वृद्धि छत्तीसगढ़ की पर्यावरण संरक्षण नीति और सतत वन प्रबंधन का परिणाम है। वन घनत्व में वृद्धि जैव विविधता संरक्षण, पारिस्थितिक संतुलन और जलवायु सुधार में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगी।

विरल वन का 450 वर्ग किमी क्षेत्र हुआ सघन वन में तब्दील

बस्तर, जो अपने घने जंगलों के लिए प्रसिद्ध है, वन संरक्षण और संवर्धन के लिए एक प्राथमिक फोकस क्षेत्र रहा है। भारतीय वन सर्वेक्षण (एफएसआई), देहरादून द्वारा उपग्रह-आधारित एलआईएसएस-तीन सेंसर से प्राप्त आंकड़ों के अनुसार, बस्तर के कई क्षेत्रों में वन आवरण की श्रेणी में उल्लेखनीय सुधार हुआ है।

आईएसएफआर के अनुसार, 152 वर्ग किमी वन क्षेत्र मध्यम घने वन से बहुत घने वन में परिवर्तित हुआ है। इसके अलावा, 93 वर्ग किमी भूमि गैर-वन से खुले वन में बदली है, जबकि 156 वर्ग किमी क्षेत्र खुले वन से मध्यम घने वन में परिवर्तित हुआ है। 19 वर्ग किमी क्षेत्र ओएफ  सघन वन  में और 18 वर्ग किमी क्षेत्र छोटे झाड़-झाड़ियों से खुले वन  में अपग्रेड हुआ है।

इंद्रावती राष्ट्रीय उद्यान में भी वन आवरण में सकारात्मक परिवर्तन दर्ज किया गया है, जहां 23 वर्ग किमी मध्यम घने वन से बहुत घने वन  में और 16 वर्ग किमी खुले वन से मध्यम घने वन में तब्दील हुए हैं। इस रिपोर्ट के अनुसार, बीजापुर वन प्रभाग ने सबसे अधिक वृद्धि दर्ज की है, जहां 68 वर्ग किमी क्षेत्र खुले वन से मध्यम घने वन में और 56 वर्ग किमी क्षेत्र मध्यम घने वन से बहुत घने वन में परिवर्तित हुआ है।

इस उपलब्धि पर प्रधान मुख्य वन संरक्षक एवं वन बल प्रमुख श्री वी. श्रीनिवास राव ने कहा कि वन विभाग के वैज्ञानिक और सक्रिय प्रयासों के चलते वन आवरण में यह महत्वपूर्ण वृद्धि संभव हुई है। उन्होंने कहा कि सामुदायिक भागीदारी और रणनीतिक संरक्षण उपायों ने बस्तर के हरित परिदृश्य को सुदृढ़ किया है।

वन आवरण घनत्व में यह सुधार निरंतर निगरानी, जल एवं मृदा संरक्षण, आक्रामक खरपतवार हटाने, वन-अग्नि रोकथाम रणनीतियों और समुदाय के नेतृत्व वाले वनीकरण अभियानों के कारण संभव हुआ है। संयुक्त वन प्रबंधन समितियों और बस्तर के आदिवासी समुदायों की भागीदारी ने भी इस सफलता में महत्वपूर्ण योगदान दिया है।




Muritram Kashyap
Muritram Kashyap
(Bureau Chief, Korba)
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