- दिव्यांग वर-वधु को दी जाएगी 1 लाख रूपए तक की एकमुश्त सहायता राशि
रायपुर: राज्य सरकार के समाज कल्याण विभाग द्वारा दिव्यांगजनों के सामाजिक पुनर्वास और उनके जीवन में आत्मनिर्भरता को बढ़ावा देने हेतु दिव्यांगजन विवाह प्रोत्साहन योजना संचालित की जा रही है। इस योजना का उद्देश्य दिव्यांग व्यक्तियों को विवाह के पश्चात प्रारंभिक आर्थिक सहायता प्रदान कर उन्हें सम्मानपूर्वक जीवन जीने हेतु प्रोत्साहित करना है। योजना के तहत 18 से 46 वर्ष के ऐसे दिव्यांग पुरुष, जो आयकर दाता नहीं हैं, को पात्र माना गया है। यदि विवाह में एक पक्ष दिव्यांग है तो 50 हजार की आर्थिक सहायता तथा यदि दोनों वर-वधु दिव्यांग हैं तो एक लाख रूपए की एकमुश्त सहायता राशि प्रदान की जाएगी। यह सहायता विवाह के पश्चात छह माह की अवधि के भीतर आवेदन करने पर दी जाएगी।
इस योजना को अधिक से अधिक हितग्राहियों तक पहुंचाने के उद्देश्य से समाज कल्याण विभाग ने महिला एवं बाल विकास विभाग तथा आदिम जाति और अनुसूचित जाति विकास विभाग को पत्र लिखकर निर्देशित किया है कि वे अपने-अपने विभागों के अंतर्गत चिन्हित किए गए ऐसे दिव्यांग जोड़ों को समाज कल्याण विभाग की इस योजना से लाभान्वित करने हेतु समन्वय करें। महिला एवं बाल विकास विभाग द्वारा संचालित छत्तीसगढ़ विवाह योजना तथा अंतरजातीय विवाह योजना में यदि कोई हितग्राही जोड़ा दिव्यांग श्रेणी में आता है तो उसे भी इस योजना का लाभ दिया जा सकता है। इसके अतिरिक्त जिलों में आयोजित विभिन्न शिविरों, जागरूकता कार्यक्रमों और विभागीय आयोजनों में इस योजना का प्रचार-प्रसार करने के निर्देश दिए गए हैं ताकि अधिक से अधिक दिव्यांग हितग्राही इस योजना की जानकारी प्राप्त कर समयावधि के भीतर आवेदन कर सकें और उन्हें विवाह के उपरांत उचित आर्थिक सहायता मिल सके।

(Bureau Chief, Korba)