- मुख्यमंत्री ने ऑफिसर्स वाइफ्स एसोसिएशन के कॉफी टेबल बुक सोल ऑफ द सॉयल का किया विमोचन
- छत्तीसगढ़ की सांस्कृतिक विरासत के स्मृतियों पर आधारित है कॉफी टेबल बुक “सोल ऑफ द सॉयल लाइफ्स रिदम्स इन छत्तीसगढ़”
रायपुर (BCC NEWS 24): हमारी सांस्कृतिक विरासत को सहेजने से न केवल वर्तमान पीढ़ी ज्ञानवान बनेगी बल्कि, आने वाली पीढ़ी भी गौरवान्वित होगी। सोल ऑफ द सॉयल छत्तीसगढ़ में जीवन की लय को सहेजने का एक सुंदर प्रयास है। मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय ने यह बातें आज अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस के अवसर पर राजधानी रायपुर के छत्तीसगढ़ क्लब में छत्तीसगढ़ की सांस्कृतिक विरासत के स्मृतियों पर आधारित कॉफी टेबल बुक “सोल ऑफ द सॉयल लाइफ्स रिदम्स इन छत्तीसगढ़” का विमोचन करते हुए कही। उल्लेखनीय है कि यह कॉफी टेबल बुक आईएएस, आईपीएस और आईएफएस ऑफिसर्स वाइफ्स एसोसिएशन की संयुक्त परिकल्पना है।



हमारी सांस्कृतिक विरासत को सहेजने से न केवल वर्तमान पीढ़ी ज्ञानवान बनेगी बल्कि, आने वाली पीढ़ी भी गौरवान्वित होगी। सोल ऑफ द सॉयल छत्तीसगढ़ में जीवन की लय को सहेजने का एक सुंदर प्रयास है। मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय ने यह बातें आज अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस के अवसर पर राजधानी रायपुर के छत्तीसगढ़ क्लब में छत्तीसगढ़ की सांस्कृतिक विरासत के स्मृतियों पर आधारित कॉफी टेबल बुक “सोल ऑफ द सॉयल लाइफ्स रिदम्स इन छत्तीसगढ़” का विमोचन करते हुए कही। उल्लेखनीय है कि यह कॉफी टेबल बुक आईएएस, आईपीएस और आईएफएस ऑफिसर्स वाइफ्स एसोसिएशन की संयुक्त परिकल्पना है।
मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय ने विमोचन के मौके पर मौजूद सभी महिलाओं को अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस की शुभकामनाएं दी। उन्होंने कहा कि आदिम संस्कृति, कला, साहित्य, लोक संगीत, लोक नृत्य जैसे छत्तीसगढ़ की सांस्कृतिक विरासत को सहेजना आवश्यक है। इस तरह का प्रकाशन निश्चित रूप से बहु उपयोगी और हम सब को गौरवान्वित करने वाला है। इस कॉफी टेबल बुक में छत्तीसगढ़ की सांस्कृतिक विरासत को सहेजने का प्रयास बहुत ही प्रशंसनीय है। मुख्यमंत्री ने आगे कहा कि छत्तीसगढ़ की उपजाउ मिट्टी से किसान तो खुशहाल हुए ही हैं, सभी वर्ग की समृद्धि का रास्ता खुला है। यह धरती सामाजिक चेतना की भूमि है, जहां बाबा गुरू घासीदास जी जैसे महान संत और शहीद वीर नारायण सिंह जैसे बलिदानी पैदा हुए। उन्होंने कहा कि यह धरती माता कौशल्या का मायका और भगवान श्रीराम का ननिहाल है। यह माता शबरी की कर्मभूमि है, जिसे भगवान श्रीराम ने स्वयं माता के हाथों जूठे बेर का भोग लगाकर धन्य किया। वनवास काल में रामलला के चरण कमल यहां पड़े। इस धरती की महिमा और छत्तीसगढ़ की सांस्कृतिक विरासत का बखान करते कवि, साहित्यकार नहीं थकते हैं। मुख्यमंत्री श्री साय ने कहा कि छत्तीसगढ़ की संस्कृति को जानने समझने के सुंदर अवसर के रूप में यह किताब अपने उद्देश्यों को लेकर सफल होगी। इस दौरान मुख्यमंत्री ने कॉफी टेबल बुक में संकलित की गई कुछ कविताएं भी सुनी।
भारतीय प्रशासनिक सेवा की सेवानिवृत्त अधिकारी डॉ. इंदिरा मिश्रा ने इस मौके पर कहा कि तीनों ही एसोसिएशन की महिलाओं ने मिलकर यह सुंदर प्रयास किया है। आज महिला दिवस के खास मौके पर 200 पन्नों की इस पुस्तक से प्रिय स्मृतियों का निर्माण हो गया है। डॉ. मिश्रा ने अपने प्रशासनिक अनुभव और अपने आईएएस ऑफिसर्स वाइफ्स एसोसिएशन के अध्यक्ष काल के अनुभवों को भी साझा किया। आईएएस ऑफिसर्स वाइफ्स एसोसिएशन की अध्यक्ष श्रीमती रितु अमिताभ जैन ने कार्यक्रम में स्वागत उद्बोधन दिया। विमोचन कार्यक्रम में श्रीमती जाह्नवी पाण्डेय ने छत्तीसगढ़ी कविता का पाठ किया।
इस मौके पर आईपीएस ऑफिसर्स वाइफ्स एसोसिएशन की अध्यक्ष श्रीमती ज्योति गौतम, आईएफएस ऑफिसर्स वाइफ एसोसिएशन की अध्यक्ष श्रीमती ज्योति साहू, डॉ. वंदना अग्रवाल सहित तीनों एसोसिएशन की सदस्य मौजूद रहीं।
(Bureau Chief, Korba)