Friday, August 1, 2025

रायपुर : विशेष लेख : छत्तीसगढ़ सरकार ने शुरू की मोटापे के विरूद्ध मुहिम

  • मोटापे से निपटने फिट इंडिया और स्वस्थ जीवनशैली जरूरी  
  • पोस्टर के माध्यम से स्कूली छात्राओं को किया जाएगा मोटापे के प्रति जागरूक
  • खराब खान-पान और गतिहीन जीवनशैली के कारण बच्चों में बढ़ रहा है मोटापा

रायपुर (सहायक जनसंपर्क अधिकारी डॉ. ओम डहरिया): प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में केंद्र सरकार भारत में मोटापे की समस्या से निपटने के लिए मुहिम प्रारंभ कर दी है। गौरतलब है कि प्रधानमंत्री श्री मोदी 28 जनवरी 2025 को देहरादून में आयोजित 38वें राष्ट्रीय खेल के शुभारंभ समारोह के दौरान मोटापे से निजात पाने के लिए फिट इंडिया एवं स्वास्थ्य जीवनशैली अभियान के लिए देशवासियों से आव्हान की थी। इस अभियान के तहत् देश में मोटापा जैसी समस्या से निपटने के लिए अभियान शुरू हो गया है। इसके तहत् स्कूली बच्चों को पोस्टर के माध्यम से फास्ट फूड एवं मीठे पेय पदार्थों के कारण होने वाले मोटापे की समस्या के प्रति जारगरूक किया जाएगा। मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय के मार्गदर्शन में छत्तीसगढ़ सरकार ने राज्य में मोटापे की समस्या से निपटने के लिए प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी के आव्हान फिट इंडिया एवं स्वस्थ जीवनशैली के लिए अभियान शुरू कर दी है।

उल्लेखनीय है कि वर्तमान दौर में मोटापा एक गंभीर सार्वजनिक स्वास्थ्य चुनौती बन चुका है, जो वयस्कों और बच्चों दोनों को प्रभावित कर रहा है। राष्ट्रीय परिवार स्वास्थ्य सर्वेक्षण एनएफएचएस के अनुसार, शहरी क्षेत्रों में प्रत्येक पांच में से एक वयस्क अधिक वजन या मोटापे से ग्रस्त है। द लैंसेट जीबीडी 2021 मोटापा पूर्वानुमान अध्ययन (2025) के अनुसार, भारत 2050 तक मोटापे के बोझ के मामले में विश्व का दूसरा सबसे प्रभावित देश बन सकता है, जहां मोटे वयस्कों की संख्या 2021 के 18 करोड़ से बढ़कर 44.9 करोड़ हो सकती है। मोटापा मधुमेह, उच्च रक्तचाप, हृदय रोग और कुछ कैंसर जैसे गैर-संचारी रोगों के जोखिम को बढ़ाता है। यह मानसिक स्वास्थ्य, गतिशीलता और जीवन की गुणवत्ता को भी प्रभावित करता है। साथ ही, यह स्वास्थ्य देखभाल लागत और उत्पादकता हानि के माध्यम से आर्थिक बोझ बढ़ाता है।

मोटापा आनुवंशिकी, अस्वास्थ्यकर आहार और कम शारीरिक गतिविधियों का परिणाम है। वैश्विक खाद्य बाजारों के एकीकरण ने प्रसंस्कृत और उच्च वसा, नमक, चीनी वाले खाद्य पदार्थों की उपलब्धता बढ़ाई है, जिससे प्रति व्यक्ति कैलोरी सेवन में वृद्धि हुई है। बच्चों में मोटापा खराब खान-पान और गतिहीन जीवनशैली के कारण बढ़ रहा है। यह शारीरिक स्वास्थ्य के साथ-साथ बच्चों के आत्म-सम्मान, मानसिक स्वास्थ्य और स्कूल प्रदर्शन को भी प्रभावित करता है। स्वास्थ्य मंत्रालय ने मोटापे और जीवनशैली से जुड़ी बीमारियों से निपटने के लिए कई पहल शुरू की हैं। 10 मई 2025 को जारी दिशानिर्देशों के तहत कार्यस्थलों, स्कूलों और सार्वजनिक संस्थानों में ऑयल और शुगर बोर्ड लगाने का निर्देश दिया गया है। इन बोर्डों पर खाद्य पदार्थों में छिपी वसा और चीनी की मात्रा की जानकारी प्रदर्शित की जाती है, ताकि लोग संतुलित आहार चुन सकें।

केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (सीबीएसई) ने स्कूलों को ऑयल बोर्ड और शुगर बोर्ड स्थापित करने का निर्देश दिया है, ताकि छात्रों को अत्यधिक तेल और चीनी के सेवन के जोखिमों के बारे में जागरूक किया जा सके। स्कूलों से स्वास्थ्यवर्धक भोजन उपलब्ध कराने और शारीरिक गतिविधियों जैसे सीढ़ी चढ़ने, लघु व्यायाम तथा पैदल मार्गों को प्रोत्साहित करने का भी अनुरोध किया गया है। सरकार ने पोषण अभियान और ईट राइट इंडिया जैसे कार्यक्रमों के माध्यम से पौष्टिक आहार और मोटे अनाज जैसे ज्वार, बाजरा को बढ़ावा दिया है। ये फसलें पोषक तत्वों से भरपूर, ग्लूटेन-मुक्त और मोटापा, मधुमेह, और हृदय रोग की रोकथाम में सहायक हैं। नई शिक्षा नीति (एनईपी) 2020 के तहत, स्कूलों में स्वास्थ्य और पोषण शिक्षा को पाठ्यक्रम का हिस्सा बनाया गया है। आयुष्मान भारत के स्कूल हेल्थ ऐंड वेलनेस प्रोग्राम के तहत, शिक्षकों को हेल्थ ऐंड वेलनेस एंबेसडर के रूप में प्रशिक्षित किया जा रहा है, जो बच्चों को स्वस्थ आदतें सिखाते हैं।

सीबीएसई और स्वास्थ्य मंत्रालय ने स्कूलों और कार्यस्थलों में जागरूकता सेमिनार और कार्यशालाओं के आयोजन पर जोर दिया है। इनका उद्देश्य छात्रों और कर्मचारियों को संतुलित आहार और नियमित व्यायाम के महत्व के बारे में शिक्षित करना, उच्च वसा, चीनी और नमक वाले खाद्य पदार्थों और अल्ट्रा-प्रोसेस्ड खाद्य पदार्थों के जोखिमों की जानकारी देना, और अनुभवात्मक शिक्षण को बढ़ावा देना है, जैसे छात्रों द्वारा ऑयल और शुगर बोर्ड डिजाइन करना। भारतीय खाद्य सुरक्षा और मानक प्राधिकरण (एफएसएसएआई) ने अपने यूट्यूब चौनल पर जागरूकता सामग्री और पोस्टर उपलब्ध कराए हैं, जिनका उपयोग स्कूल और कार्यस्थल कर सकते हैं। भारत में मोटापे की बढ़ती समस्या से निपटने के लिए सरकार, स्कूलों, और समुदायों का सामूहिक प्रयास आवश्यक है। फिट इंडिया मूवमेंट, पोषण अभियान, और ईट राइट इंडिया जैसी पहलें स्वस्थ जीवनशैली को बढ़ावा देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रही हैं। स्कूलों में ऑयल और शुगर बोर्ड और जागरूकता सेमिनार बच्चों को प्रारंभिक अवस्था से ही स्वस्थ आदतें अपनाने के लिए प्रेरित कर रहे हैं। कार्यस्थलों और सार्वजनिक स्थानों पर व्यवहार परिवर्तन को बढ़ावा देकर, भारत एक स्वस्थ और सशक्त राष्ट्र की ओर अग्रसर हो सकता है। सभी नागरिकों से अपील है कि वे इन पहलों में सक्रिय रूप से भाग लें और स्वस्थ भारत के दृष्टिकोण को साकार करें।


                              Hot this week

                              रायपुर : सारंगढ़ में 1 अगस्त को ‘उद्योग बैंकर्स संवाद’

                              ‘वित्तीय सहायता, लोन, बैंकिंग’ टॉपिक पर कार्यशालाबिजनेस को साकार...

                              Related Articles

                              Popular Categories

                              spot_imgspot_img