Friday, June 27, 2025

रायपुर : विशेष लेख : पीएम सूर्यघर योजना से अब उपभोक्ता बन रहे हैं उत्पादक

  • बिजली विभाग के ग्रिड से जुड़ता है पीएम सूर्यघर योजना से लगा सोलर पैनल
  • जितनी आवश्यकता उतनी खपत के बाद बची बाकी बिजली ग्रिड में 
  • ट्रांसफर करने से हो रही कमाई, बिल में मिल रही छूट
  • सोलर सिस्टम लगाने केंद्र के साथ अब राज्य शासन से भी मिलेगी सब्सिडी

रायपुर: माइनस में बिजली बिल आना, यह कभी किसी ने सोचा है। हर महीने की बिजली खपत के एवज में बिल आना और उसका भुगतान यह तो सालों से चलती आ रही प्रक्रिया है। लेकिन कोई ऐसी व्यवस्था हो जिससे बिजली का बिल माइनस में आए। अर्थात आप जिस बिजली का उपयोग कर रहे हों उसका बिल न आए, बल्कि अगले महीने के बिल से भी कुछ राशि की कटौती एडवांस में हो जाए। पहले यह सोचना मुमकिन नहीं था लेकिन आज पीएम सूर्यघर योजना से यह संभव हो पा रहा है। उपभोक्ताओं के बिजली के बिल अप्रैल-मई जैसे भीषण गर्मी के महीनों में भी माइनस में आ रहे हैं, जबकि इन महीनों में खपत कई गुना बढ़ जाती है। पीएम सूर्य घर योजना के माध्यम से उपभोक्ता अब अपने घर की छतों में छोटा सोलर बिजली घर लगाकर बिजली भी पैदा कर रहे हैं। जितनी बिजली की घर में खपत है उतना उपयोग किया, बाकी बिजली विद्युत विभाग के ग्रिड में ट्रांसफर कर दिया। विभाग उपभोक्ता से ली बिजली का अगले बिजली के बिल में एडजस्ट कर देता है।

प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में संचालित पीएम सूर्य घर मुफ्त बिजली योजना का उद्देश्य उपभोक्ताओं को सौर ऊर्जा के माध्यम से किफायती बिजली उपलब्ध कराना है। पीएम सूर्यघर योजना के तहत सोलर सिस्टम लगाने शासन से सब्सिडी मिलती है जो सीधे लाभार्थियों के बैंक खातों में जमा कर दी जाती है। साथ ही, उन्हें सस्ती दरों पर बैंक लोन भी मिलता है। इस योजना से लोगों के बिजली के बिल कम हो रहे हैं और उनकी बचत बढ़ रही है। यह स्थायी ऊर्जा समाधान की दिशा में भी एक महत्वपूर्ण कदम है। मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय के निर्देश पर प्रदेश में इस योजना को व्यापक स्तर पर लागू किया जा रहा है। इसके लिए राज्य सरकार द्वारा पीएम सूर्यघर मुफ्त बिजली योजना के तहत 30 हजार तक की सब्सिडी राज्य सरकार द्वारा दिए जाने का प्रावधान किया गया है। इस योजना से जुड़कर लाभार्थी अपने घर की छतों पर सोलर सिस्टम लगाकर बिजली उत्पादन कर सकेंगे। उनका यह सिस्टम बिजली विभाग की ग्रिड से जुड़ा होगा। उत्पादित बिजली से खपत के बाद जो बिजली बचेगी वह ग्रिड में ट्रांसफर हो जाएगी। जो बिजली बिल में समायोजित हो जाएगी। इससे उतनी राशि बिजली बिल से घट जाएगी और उपभोक्ता को सीधे आर्थिक बचत के रूप में लाभ मिलेगा। इस योजना से हितग्राही सिर्फ बिजली के उपभोक्ता ही नहीं बल्कि उसके उत्पादक भी हो जाएंगे। योजना का लाभ लेने के लिए अपने नजदीक के बिजली ऑफिस में संपर्क किया जा सकता है।

इस साल अप्रैल और मई के महीने में माइनस में रहा बिल – हितग्राही बाबूलाल

रायगढ़ जिले में कोड़ातराई के निवासी हैं श्री बाबू लाल चौधरी उन्होंने अपने घर में पीएम सूर्यघर योजना के तहत 3 किलोवॉट का सोलर सिस्टम लगवाया है। इसमें उन्हें 1.90 लाख का खर्च आया। जिसमें से 78 हजार रुपए शासन से सब्सिडी मिली। उनके अप्रैल और मई महीनों के वर्ष 2024 और 2025 के बिल की तुलना कर के देखें तो उनका बिल जो अप्रैल 2024 में 1120 रुपए था वो सोलर पैनल लगने के बाद इस वर्ष अप्रैल 2025 में -1417 रुपए हो गया। जिसका मतलब हुआ कि इतनी बिजली वो विद्युत विभाग से आगे भविष्य में लेकर उपयोग कर सकते हैं लेकिन इसका उन्हें कोई पैसा नहीं देना पड़ेगा। क्योंकि उनके सोलर पैनल ने उनके घरेलू जरूरत से ज्यादा बिजली पैदा की, जो बिजली विभाग की ग्रिड में ट्रांसफर हो गई। उन्हें 2581 रुपए रिबेट मिला। जिसमें उनका अप्रैल माह का बिल एडजस्ट हो गया और 1417 रुपए एडवांस में बिजली विभाग के पास जमा हो गया। वहीं मई 2025 में उनका बिजली का बिल -1127 रुपए रहा जो इसी अवधि में वर्ष 2024 में 1490 रुपए था। बाबूलाल चौधरी ने कहा कि अप्रैल और मई में जब भीषण गर्मी पड़ती है, कूलर पंखे लगातार चल रहे होते हैं। ऐसे में भी बिजली का बिल माइनस में आना बड़ी राहत है। सीएसपीडीसीएल के अधिकारियों ने बताया कि सोलर सिस्टम वाले विद्युत उपभोक्ता का विद्युत खपत यूनिट और उत्पादित यूनिट का आपस में समायोजन ऑटोमैटिक होता है। जो बिजली उपभोक्ता बिजली विभाग के ग्रिड में ट्रांसफर करते हैं वे उसका उपयोग बाद में अपनी जरूरत के अनुसार मुफ्त में कर रहे हैं।

केंद्र के साथ अब राज्य शासन से भी मिलेगी सब्सिडी

प्रधानमंत्री सूर्य घर-मुफ्त बिजली योजना में केंद्र सरकार की ओर से सब्सिडी दी जाती है। मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय के नेतृत्व में राज्य सरकार द्वारा भी हितग्राहियों को 30 हजार तक की सब्सिडी दिए जाने का प्रावधान किया गया है। इसमें 1 किलो व्हाट पर केंद्र से 30 हजार और राज्य से 15 हजार कुल 45 हजार, 2 किलो व्हाट पर केंद्र से 60 हजार और राज्य से 30 हजार कुल 90 हजार, 3 किलो व्हाट पर केंद्र से 78 हजार और राज्य से 30 हजार कुल 1 लाख 08 हजार की सब्सिडी दी जा रही है। 3 किलो व्हाट या उससे अधिक क्षमता पर 1 लाख 08 हजार की सब्सिडी स्थिर रहेगी।


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