- डिजिटल निगरानी और कानूनी प्रकरणों का करें समय पर निपटारा- श्री अमित कटारिया
- सेवा प्रदायगी की निगरानी, रिपोर्टिंग और दस्तावेज़ीकरण में पूर्ण पारदर्शिता सुनिश्चित करने दिए निर्देश
रायपुर: प्रदेश में संचालित स्वास्थ्य सेवाओं की समग्र समीक्षा के उद्देश्य से आयोजित राज्य स्तरीय दो दिवसीय समीक्षा बैठक का आज समापन हुआ। बैठक का दूसरा दिन जिलों से आए सिविल सर्जनों की सक्रिय सहभागिता और जिलेवार चर्चा के साथ संपन्न हुआ, जिसमें प्रगति, चुनौतियाँ एवं समाधान की दिशा में ठोस संवाद स्थापित हुआ बैठक की अध्यक्षता कर रहे स्वास्थ्य विभाग के सचिव श्री अमित कटारिया ने अधिकारियों को निर्देशित किया कि सेवा की गुणवत्ता और कार्यान्वयन की दक्षता को बेहतर बनाने के लिए प्रत्येक जिले में न्यूनतम 15 दिवस की फील्ड विजिट अनिवार्य रूप से सुनिश्चित की जाए। उन्होंने स्पष्ट किया कि जमीनी स्तर पर स्वास्थ्य सुविधाओं की वास्तविक स्थिति का आकलन करना ही प्रभावी योजना निर्माण की आधारशिला है।

श्री कटारिया ने अधिकारियों से कर्तव्यनिष्ठा और उत्तरदायित्व की भावना के साथ कार्य करने का आग्रह करते हुए कहा कि योजनाओं का प्रभाव तभी दिखेगा जब अधिकारी व्यक्तिगत उत्तरदायित्व लेकर कार्य करेंगे। उन्होंने ABHA, eOffice, Nikshay जैसी डिजिटल प्लेटफॉर्म्स का समुचित उपयोग करते हुए सेवा प्रदायगी की निगरानी, रिपोर्टिंग और दस्तावेज़ीकरण में पूर्ण पारदर्शिता सुनिश्चित करने पर बल दिया।
स्वास्थ्य सचिव ने चिकित्सकों की पदस्थापना को भी मरीजों की संख्या और सेवा आवश्यकता के आधार पर सुनिश्चित करने के निर्देश दिए ताकि मानव संसाधनों का न्यायसंगत वितरण संभव हो सके। साथ ही, सभी स्वास्थ्य संस्थानों में आधार आधारित उपस्थिति प्रणाली (Aebas Attendance) का अनिवार्य उपयोग करते हुए कर्मचारियों की उपस्थिति की प्रभावी निगरानी सुनिश्चित करने को कहा।
उन्होंने वित्तीय संसाधनों के समयबद्ध और सुनियोजित उपयोग की आवश्यकता को रेखांकित करते हुए कहा कि बजट का उद्देश्यपरक व्यय ही योजनाओं को सफल बनाता है। साथ ही, स्वास्थ्य विभाग से संबंधित विधिक प्रकरणों का त्वरित और प्रभावी निराकरण प्राथमिकता से किया जाए, ताकि कार्यों में बाधा उत्पन्न न हो।
बैठक में आयुक्त सह संचालक स्वास्थ्य सेवाएं डॉ प्रियंका शुक्ला और संचालक महामारी नियंत्रण डॉ सुरेंद्र पामभोई भी उपस्थित थे। बैठक के दौरान राष्ट्रीय गुणवत्ता आश्वासन मानक (NQAS), अस्पताल प्रशासन, प्रधानमंत्री राष्ट्रीय डायलिसिस कार्यक्रम, जीवन धारा योजना, आयुष्मान भारत डिजिटल मिशन, वित्तीय प्रगति, स्थापना व अन्य राष्ट्रीय कार्यक्रम से संबंधित विषयों पर विस्तृत समीक्षा की गई। स्वास्थ्य सचिव ने कहा कि सेवा की गुणवत्ता को मापने के लिए राष्ट्रीय मानकों का अनुपालन अनिवार्य है, और सभी जिले प्रदर्शन में निरंतर सुधार की दिशा में कार्य करें।
बैठक के समापन पर सभी जिलों से उपस्थित मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी, जिला कार्यक्रम प्रबंधक एवं सिविल सर्जनों ने जिला-स्तरीय समस्याओं व उनके संभावित समाधान पर विचार साझा किए। श्री कटारिया ने आश्वस्त किया कि फील्ड से प्राप्त सुझावों और चुनौतियों को विभाग द्वारा गंभीरता से लिया जाएगा और जनस्वास्थ्य प्रणाली को और अधिक सशक्त एवं उत्तरदायी बनाने की दिशा में ठोस कदम उठाए जाएंगे।

(Bureau Chief, Korba)