रायपुर: छत्तीसगढ़ संस्कृत विद्यामण्डलम के अध्यक्ष डॉ. सुरेश कुमार शर्मा ने कक्षा 11 वीं में प्रवेश लेने वाले विद्यार्थियों से अपील की है, कि वे छत्तीसगढ़ माध्यमिक शिक्षा मण्डल के पाठयक्रम अनुसार भाषा समूह में हिन्दी या अंग्रेजी एवं संस्कृत में से किन्ही दो भाषाओं के विकल्प में संस्कृत का चयन करें। कला संकाय में प्रवेश लेने वाले विद्यार्थी संस्कृत को एक विषय के रूप में चयन कर पढ़ सकते है। पाठ्यक्रम के प्रावधान अनुसार अंग्रेजी के साथ संस्कृत की पढ़ाई की जा सकती है।
डॉ. सुरेश कुमार शर्मा ने कहा है कि संस्कृत पढ़ने वाले को हिन्दी का समुचित ज्ञान हो सकता है। संस्कृत हमारे देश की प्राचीनतम भाषा है। इसे सभी भाषाओं की जननी माना जाता है। इसका विशेष संबंध हमारे संस्कृति के ज्ञान से है। इस भाषा से हमारे प्राचीन साहित्य का ज्ञान होता है, साथ ही शुद्धोच्चारण एवं विचारों की अभिव्यक्ति में इसका व्यापक प्रभाव होता है। हायर सेकेण्डरी के बाद उच्च शिक्षा के क्षेत्र में संस्कृत का अध्ययन किया जा सकता है। रोजगार की दृष्टि से अन्य विषयों के सामान ही संस्कृत का महत्व है। डॉ. शर्मा ने उच्चतर माध्यमिक विद्यालय के प्राचार्यो एवं संस्कृत के व्याख्याताओं से आग्रह किया है कि वे छात्रों के संस्कृत विषय के चयन के लिए निर्धारित पाठ्यक्रमानुसार उनका मार्गदर्शन करें।