- अब रात्रि में भी हो रहा सुरक्षित प्रसव और उपचार
रायपुर: नारायणपुर जिले के अति-संवेदनशील और दूरस्थ इलाकों में स्वास्थ्य सेवाओं की आमजनता तक पहुँच, लंबे समय से चुनौतीपूर्ण रही है। दुर्गम भू-भाग, विद्युत सुविधा का अभाव और पहुँचविहीन गांवों के कारण उप स्वास्थ्य केंद्रों में प्रभावी चिकित्सा सेवा विशेषकर रात्रि के समय उपलब्ध कराना कठिन था। नीति आयोग के सहयोग से इस स्थिति में बड़ा परिवर्तन आया है। लगभग 54 लाख रुपये की लागत से कल्हजा, गुमरका, कुडमेल, मसपुर और कोगें जैसे ग्रामों में प्री-फैब्रिकेटेड उप स्वास्थ्य केंद्र निर्मित किए गए हैं। इन भवनों में 4.8 किलोवॉट क्षमता के सौर ऊर्जा संयंत्र स्थापित किए गए हैं, जिससे ये केंद्र पूर्णतः विद्युतीकृत हो गए हैं।
सौर ऊर्जा से अब उप स्वास्थ्य केंद्रों में 24 घंटे रोशनी उपलब्ध है। पंखे और डीप-फ्रीजर सुचारु रूप से चलने से जीवन रक्षक दवाओं और टीकों का सुरक्षित भंडारण संभव हो पाया है। महिलाओं के लिए सुरक्षित प्रसव की सुविधा रात्रि में भी उपलब्ध है। गंभीर मरीजों को समय पर दवाएं और टीके मिल रहे हैं, जिससे जीवन रक्षक उपचार प्रभावी हो रहा है। ग्रामीणों और स्वास्थ्यकर्मियों ने इस पहल को सराहा है। मरीजों का अब बेहतर प्रकाश और उपकरणों की उपलब्धता से गुणवत्तापूर्ण इलाज हो पा रहा है। बच्चों का नियमित टीकाकरण भी निर्बाध रूप से संचालित हो रहा है। भविष्य में एनएमडीसी मद से और अधिक विद्युतविहीन ग्रामों में सोलर पावर प्लांट स्थापित करने की योजना है। प्रशासन का लक्ष्य है कि प्रत्येक दूरस्थ उप स्वास्थ्य केंद्र रोशन हो और वहाँ आवश्यक चिकित्सा सुविधाएँ चौबीसों घंटे उपलब्ध रहें।

(Bureau Chief, Korba)