Friday, November 14, 2025

              रायपुर : रायगढ़ मेडिकल कॉलेज में डेढ़ दशक से गले की बढ़ती गांठ से परेशान महिला का सफल ऑपरेशन

              रायपुर: स्व.श्री लखीराम अग्रवाल स्मृति शासकीय चिकित्सा महाविद्यालय संबद्ध संत बाबा गुरु घासीदास जी स्मृति शासकीय चिकित्सालय रायगढ़ लगातार अपनी सुविधाओं को बढ़ाने के लिए प्रयास करते हुए मरीज को बेहतर स्वास्थ्य सुविधा प्रदान कर रही है। इस कड़ी में कान, नाक, गला विभाग द्वारा अधिष्ठाता  डॉ. विनीत जैन एवं अस्पताल अधीक्षक डॉ.मनोज कुमार मिंज के मार्गदर्शन में  डेढ़ दशक से गले की बढ़ती गांठ से परेशान महिला का सफल ऑपरेशन किया गया।

              महिला पिछले १५ साल से गले की  बढ़ती गांठ से परेशान थी ,कई जगह इलाज कराया लेकिन कोई राहत नहीं मिली ,कई  बार उसे ऑपरेशन की सलाह दी गई लेकिन डर के कारण उसने इलाज नहीं कराया और इस मध्य उसकी बीमारी बढ़ती रही और अब महिला  का गले के ट्यूमर के आकार  ने विशाल-रूप ले लिया था ।और महिला इस जटिल स्थिति में पहुँच गई कि उसकी सांस नली , खाद्य नली को दबाने लगी । 
              कई जगह दिखाने पर ऑपरेशन में आवाज परिवर्तन होने की संभावना एवम् खाद्य नाली में चोट लगने की आशंका बताई गई जिसे सुन वह ऑपरेशन कराने में कोताही करती रही । वह कई जगह के ईलाज से निराश होकर अंततः वह मेडिकल कॉलेज रायगढ़ पहुंची |

              ई .एन .टी विभाग की  विशेषज्ञ डॉ नीलम नायक ने प्राथमिक जांच की और उसका उपचार बताया, कान नाक गला रोग के विशेषज्ञों  ने उसके मन की सभी तरह की शंका को दूर किया और तब पश्चात वह सर्जरी के लिए राजी हो गई । ई .एन .टी विभाग की विशेषज्ञ डॉक्टरो की टीम द्वारा ऑपरेशन कर आवाज एवम खाद्य नली को पूर्ण रूप से बचाते हुए ट्यूमर को निकाल कर सफलता पूर्वक इलाज किया गया I महिला के गले का ट्यूमर 12  सेंटीमीटर  आकार था |

              ऑपरेशन के बाद कुछ दिनों तक रोगी को आईसीयू में डॉक्टर के निगरानी में रखा गया जहाँ निश्चेतना विभाग , डाइटीशिअन और नर्सेज़ का सहयोग रहा ।अंततः रोगी पूर्णतः स्वस्थ हैं उन्हें डिस्चार्ज किया गया । 

               इस बीमारी में गॉयटर (गलगंड) थायरॉयड ग्रंथि का बढ़ना है। यह गर्दन में सूजन के रूप में दिखाई देता है। आयोडीन की कमी इसका एक मुख्य कारण है। लक्षणों में गर्दन में दिखाई देने वाली सूजन, निगलने में कठिनाई, या सांस लेने में परेशानी शामिल हो सकती है। उपचार आयोडीन की कमी को दूर करने, थायरॉयड हार्मोन थेरेपी, या अत्याधिक जटिलता में सर्जरी पर आधारित होता है।


                              Hot this week

                              रायपुर : पशु-पक्षी जीवन का आधार, किसान पशुपालन कर बढ़ाएं अपनी कमाई – अरुण साव

                              उप मुख्यमंत्री ने पशु-पक्षी प्रदर्शनी मेला का किया अवलोकनपशु...

                              रायपुर : जल जीवन मिशन से बदल रही ग्रामीण जीवनशैली 

                              मंजगांव में हर घर तक पहुंचा स्वच्छ पेयजलअब नल...

                              Related Articles

                              Popular Categories