रायपुर: मुख्यमंत्री के निर्देश पर किए जा रहे शासकीय विद्यालयों के युक्तियुक्तिकरण की नीति का सकारात्मक प्रभाव धरातल पर परिलक्षित होने लगा है। रायपुर जिले के दरस्थ सुदुरवर्ती ग्रामों के शिक्षक विहिन/एकल शिक्षकीय विद्यालयों में युक्तियुक्तकरण के पश्चात शिक्षकों की पदस्थापना उपरांत शिक्षकों के कार्यभार ग्रहण से ग्रामवासियों एवं विद्यार्थीयों के बीच खुशी एवं उत्साह का माहोल निर्मित हुआ है। युक्तियुक्तकरण 2025 के तहत शास.प्रा.शाला धोवभट्टी, नवीन प्राथमिक शाला नवीन प्रा.शाला अमोदी , शास.प्रा.शाला बजरंग भाठा, शास.प्रा.शाला कुलीपोटा एवं शा.पू.मा.विद्यालय तर्रा, गोरभट्टी, खम्हरीया आदि ऐसे विद्यालय थे जहॉं बहुत ही लम्बे समय से शिक्षक की कमी से जुझ रहे थे। ग्रामवासियों ने चर्चा के दौरान यह बताया की शिक्षकों की कमी के संबंध में पूर्ववर्ती सरकार में विभिन्न जनप्रतिनिधियों मंत्रीयों/विधायकों के समक्ष शिक्षक पदस्थापना हेतु बार-बार निवेदन के पश्चात भी उनकी मांग पर विचार नही हो पा रहा था।
परंतु वर्तमान सरकार की युक्तियुक्तकरण नीति 2025 उनके लिए वरदान साबित हुई जिनके तहत उनकी अर्साे की मांग पूरी हो गई इसके लिए उनके द्वारा शासन एवं प्रशासन को धन्यवाद ज्ञापित किया गया है की युक्तियुक्तकरण समिति 2025 में ऐसे ग्रामों में अवस्थित विद्यालयेां का प्राथमिकता से चयन कर वहां शिक्षक पदांकित किये गये जो दूरस्थ सुदुरवर्ती होने के कारण लंबे समय शिक्षकों की कमी से जूझ रहे थे। यहां यह तथ्य रायपुर जिले के संबंध में उल्लेखनिय है कि जिले में शहरी क्षेत्रों में आवश्यकता से अधिक संख्या में स्थानांतरण के माध्यम से विद्यालयों में पदस्थापना करा ली थी और वहां लंबे समय से जमे हुए थे शासन की युक्तियुक्तकरण समिति 2025 में ऐसे विद्यालयों के प्राथमिकता का चयन किया गया जहा दर्ज संख्या के अनुपात में निर्धारित मापदण्ड अनुरूप आवश्यकता से अधिक संख्या में शिक्षक पदस्थापित थें। उन विद्यालयों से अतिशेष शिक्षकों का चिन्हान्कन कर ऐसे विद्यालयों में प्राथमिकता से पदस्थापित किया गया जो शिक्षकविहीन एवं एकल शिक्षकीय विद्यालयो की श्रेणी में था।

(Bureau Chief, Korba)