Thursday, November 28, 2024
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रायपुर : मुदांक प्रकरणों में प्रथम अपीलीय अधिकारी अब महानिरीक्षक पंजीयन

रायपुर: पंजीयन विभाग के मुद्रांक प्रकरणों के शीघ्र निराकरण हेतु प्रथम अपीलय अधिकारी संभागायुक्त के स्थान पर महानिरीक्षक पंजीयन को बनाया गया है। राज्य शासन द्वारा इस संबंध में 27 अगस्त अधिसूचना का प्रकाशन कर दिया गया है। महानिरीक्षक पंजीयन को अपील का प्रावधान होने से पक्षकारों को सहूलियत होने के साथ ही मुद्रांक प्रकरणों का शीघ्रता से निराकरण होने के साथ-साथ अवरूद्ध राजस्व की वसूली समय पर हो सकेगी तथा शासन के राजस्व में वृद्धि होगी।     

पंजीयन कार्यालयों में पंजीयन के लिए प्रस्तुत होने वाले दस्तावेजों पर स्टाम्प शुल्क एवं पंजीयन फीस प्रभार्य होती है। यदि किसी दस्तावेज में कर अपवंचन के उद्देश्य से प्रचलित बाजार मूल्य अथवा वास्तविक प्रतिफल से कम प्रतिफल अंकित किया जाता है तो ऐसे दस्तावेज न्यून मूल्यांकन की श्रेणी में आते हैं। न्यून मूल्यांकित प्रकरणों में कलेक्टर ऑफ स्टाम्प द्वारा भारतीय स्टाम्प अधिनियम, 1899 की धारा 47(क) के अन्तर्गत प्रकरण दर्ज कर कम मुद्रांक शुल्क की वसूली हेतु आदेश पारित किया जाता है। इस धारा का उद्देश्य स्टाम्प शुल्क का अपवंचन रोकना है।

कलेक्टर द्वारा पारित आदेश से यदि पक्षकार संतुष्ट नही हैं तो ऐसे आदेश के विरूद्ध अधिनियम की धारा 47(क) (4) के तहत् एक माह के भीतर अपील किये जाने का प्रावधान है। वर्तमान में ऐसी प्रथम अपील संभागीय आयुक्त को तथा द्वितीय अपील मुख्य नियंत्रक राजस्व प्राधिकारी को प्रावधानित है।

मुद्रांक प्रकरणों के निराकरण के लिए कोई विहित समयसीमा निर्धारित नही है। प्रकरण लंबे समय तक लंबित रहने से शासन का राजस्व अवरूद्ध रहता है, इसे दृष्टिगत रखते हुए राज्य शासन द्वारा कलेक्टर के आदेश के विरूद्ध प्रथम अपील संभागायुक्त के स्थान पर महानिरीक्षक पंजीयन, छत्तीसगढ़ को किये जाने संबंधी प्रावधान किया गया है। इस संबंध में राज्य सरकार द्वारा अधिसूचना दिनांक 27 अगस्त 2024 को राजपत्र में प्रकाशित की गई है।




Muritram Kashyap
Muritram Kashyap
(Bureau Chief, Korba)
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