Saturday, June 28, 2025

रायपुर : पवित्र सावन मास का शुभारंभ 11 जुलाई से

  • कवर्धा से अमरकंटक 180 किलोंमीटर तक गूंजेगा बोल-बंम का नारा
  • कांवडियों और श्रद्धालुओं को मेडिकल, ठहरने सहित मुलभूत सुविधाएं उपलब्ध कराने हर संभव प्रयास हो- उपमुख्यमंत्री श्री विजय शर्मा
  • उपमुख्यमंत्री श्री शर्मा ने प्रशासनिक अधिकारियों, जनप्रतिनिधियों सहित बोलबंम समिति, ज्वाइन हैंन्डस और समाजिक संगठनों की बैठक लेकर व्यवस्था बनाने पर आवश्यक चर्चा की

रायपुर: पवित्र सावन मास 11 जुलाई से प्रारंभ हो रहा है और सावन मास का प्रथम सोमवार 14 जुलाई को होगा। इसकी तैयारियां शुरू हो गई है। प्रदेश के उपमुख्यमंत्री श्री विजय शर्मा ने आज कवर्धा प्रवास के दौरान जिला कार्यायल के सभाकक्ष में सावन माह के अवसर पर जिले में होने वाले भव्य कांवड़ यात्रा और भोरमदेव पदयात्रा सहित श्रद्धालुओं के भोरमदेव दर्शन की समुचित तैयारियों को लेकर भोरमदेव सनातन तीर्थ ट्रस्ट कबीरधाम के पदाधिकारीगण, जनप्रतिनिधि, गणमान्य नागरिक, संघ के प्रतिनिधि एवं विभिन्न विभागों के अधिकारी की बैठक ली। उपमुख्यमंत्री श्री शर्मा ने सभी से विस्तृत चर्चा कर सावन माह में पूरे माह तक चलने वाली कांवड यात्रा की तैयारी संबंधी सुझाव आमंत्रित किए एवं संबंधित अधिकारियों को समन्वयात्मक ढंग से कार्य सुनिश्चित करने के निर्देश दिए। उपमुख्यमंत्री श्री विजय शर्मा ने कवर्धा से अमरकंटक तक एवं वापसी में अमरकंटक से हनुमंत खोल से होते हुए पोलमी, कुकदूर, पंडरिया, डोंगरिया, भोरमदेव और पंचमुखी बूढ़ामाहदेव मार्ग तक की साफ-सफाई, चिकित्सा सुविधा, पेयजल व्यवस्था, विद्युत व्यवस्था, सुरक्षा प्रबंधन, ठहराव स्थलों की व्यवस्था एवं यातायात नियंत्रण आदि बिंदुओं पर विशेष ध्यान देने को कहा। उन्होंने कहा कि श्रद्धालुओं की सुविधा सर्वोपरि है और शासन की मंशा है कि सभी श्रद्धालुओं को सुगम, सुरक्षित और भावनात्मक अनुभव प्राप्त हो।

इसके पूर्व उपमुख्यमंत्री श्री विजय शर्मा ने बूढ़ामहादेव मंदिर परिसर कवर्धा का निरीक्षण कर बोल बम समिति एवं मंदिर समिति के पदाधिकारियों के साथ भी बैठक की। बैठक में स्थानीय स्तर पर श्रद्धालुओं की सुविधा और मंदिर प्रबंधन की आवश्यकताओं पर विचार करते हुए आवश्यक निर्देश दिए गए। उन्होंने अधिकारियों को निर्देशित किया कि सावन माह में होने वाले समस्त धार्मिक आयोजनों को सुव्यवस्थित रूप से संपन्न कराने के लिए समुचित समन्वय और समयबद्ध क्रियान्वयन सुनिश्चित किया जाए। उन्होंने कहा कि भक्ति, आस्था और व्यवस्था इन तीनों का समन्वय ही इस आयोजन की सफलता का आधार बनेगा। उपमुख्यमंत्री श्री विजय शर्मा ने बताया कि मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय के प्रयासों से छत्तीसगढ़ के श्रद्धालुओं के लिए मध्यप्रदेश के अमरकंटक में 5 एकड़ भूमि प्रदान किया गया है। आने वाले समय में छत्तीसगढ़ के श्रद्धालुओं और कांवड़ियों के लिए यहां सर्व सुविधा युक्त भवन सहित अन्य कार्य कराया जाएगा। 

प्रदेश के उपमुख्यमंत्री श्री विजय शर्मा ने कहा कि सावन माह में श्रद्धा और आस्था का अद्भुत संगम देखने को मिलता है, जब प्रदेश के विभिन्न जिलों से हजारों की संख्या में श्रद्धालु अमरकंटक से मां नर्मदा का पवित्र जल लेकर कबीरधाम जिले के डोंगरियां, भोरमदेव और बूढ़ा महादेव जैसे पवित्र स्थलों तक कांवड़ यात्रा करते हुए पहुँचते हैं। उन्होंने कहा कि यह धार्मिक यात्रा केवल आस्था का प्रतीक नहीं, बल्कि सामाजिक एकता और संस्कृति का जीवंत उदाहरण है। उपमुख्यमंत्री श्री शर्मा ने अधिकारियों को निर्देशित करते हुए कहा कि कांवड़ यात्रियों की सुविधा, सुरक्षा और स्वास्थ्य को सर्वोच्च प्राथमिकता दी जाए। उन्होंने मार्ग में ठहरने की समुचित व्यवस्था, पेयजल की उपलब्धता, मेडिकल टीमों की तैनाती, विद्युत व्यवस्था और विशेष रूप से यातायात प्रबंधन व सुरक्षा व्यवस्था के पुख्ता इंतजाम सुनिश्चित करने को कहा। उन्होंने यह भी कहा कि प्रशासनिक अमला समन्वय बनाकर कार्य करें, ताकि श्रद्धालुओं को किसी प्रकार की कठिनाई का सामना न करना पड़े। उन्होंने अधिकारियों को स्वयं क्षेत्र में भ्रमण कर व्यवस्थाओं की समीक्षा करने के निर्देश दिए। उन्होंने स्थानीय जनप्रतिनिधियों, समाजसेवी संगठनों और युवाओं से भी अपील की कि वे इस पावन यात्रा में सेवा भाव से सहभागी बनें और छत्तीसगढ़ की सांस्कृतिक परंपरा को मजबूत करें।

सावन माह में आयोजित होने वाली भव्य कांवड़ यात्रा की तैयारियों को लेकर उपमुख्यमंत्री श्री विजय शर्मा ने संबंधित विभागों के अधिकारियों की बैठक लेकर समस्त आवश्यक व्यवस्थाओं को समय-सीमा में पूर्ण करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि समस्त कार्यों को सावन माह प्रारंभ होने से पूर्व पूर्ण कर लिया जाए, जिससे श्रद्धालुओं को किसी प्रकार की असुविधा न हो। उन्होंने निर्देशित किया कि कांवड़ यात्रा की व्यवस्था सामाजिक एवं स्वयंसेवी संस्थाओं के सहयोग से की जाए। इसके लिए एनसीसी, एनएसएस, स्काउट, रेडक्रॉस, नेहरू युवा केंद्र, हरीतिमा, ज्वॉइंड हैंड्स एवं स्वामी विवेकानंद एकेडमी जैसी संस्थाओं से समन्वय कर बैठक आयोजित की जाए तथा उन्हें जागरूक कर सेवा कार्यों में स्वप्रेरित रूप से सहभागी बनाया जाए। श्रद्धालुओं की यात्रा को सुगम बनाने के लिए उपमुख्यमंत्री ने कवर्धा से अमरकंटक एवं रायपुर से अमरकंटक तक अस्थायी बस परमिट जारी कर परिवहन की विशेष व्यवस्था सुनिश्चित करने के निर्देश दिए। साथ ही, उन्होंने यात्रा मार्ग में बाइ़क एम्बुलेंस की व्यवस्था को दुरुस्त रखने और आपातकालीन स्थिति में त्वरित सेवा प्रदान करने के निर्देश भी अधिकारियों को दिए। उन्होंने अधिकारियों से कहा कि निजी चिकित्सालयों से समन्वय कर सावन में सेवा के लिए प्रेरित करें।

सावन माह में आयोजित होने वाली कांवड़ यात्रा को सफल और सुगम बनाने के लिए जिला प्रशासन द्वारा अमरकंटक से बुढ़ामहादेव मार्ग के विभिन्न स्थलों पर ठहरने, पेयजल और शौचालय जैसी मूलभूत सुविधाओं की विस्तृत व्यवस्था की जा रही है। बैठक में बताया गया कि अमरकंटक से कावंड यात्रा निकलने  पर पड़ने वाले ग्राम लमनी और खुड़िया में कांवड़ यात्रियों के लिए वॉटरप्रूफ टेंट की विशेष व्यवस्था की गई है, जिससे बारिश के दौरान भी यात्रियों को कोई असुविधा न हो। इसके अतिरिक्त, पंडरिया, कुई, पोलमी, डोंगरिया, खड़ौदा, सिल्हाटी, पोड़ी सहित कवर्धा के विभिन्न शासकीय स्कूलों एवं पंचायत भवनों में भी पेयजल, रात्रि विश्राम एवं शौचालय की समुचित व्यवस्था सुनिश्चित की जा रही है। बोड़ला जनपद पंचायत के अंतर्गत आने वाले ग्राम राजानवांगांव, खरहट्टा, भोरमदेव, बोड़ला एवं कबीरकुटी सहित जनपद पंचायत कवर्धा के अंतर्गत ग्राम सिंघनपुरी, समनापुरी, अमलीडीह, बरपेलाटोला, रेंगाखार खुर्द एवं कोड़ार में भी पेयजल, ठहरने एवं स्वच्छ शौचालय की सुविधा को दुरुस्त किया जा रहा है। प्रशासन का उद्देश्य है कि इस पवित्र यात्रा में सम्मिलित श्रद्धालुओं को संपूर्ण मार्ग में आवश्यक सुविधाएँ सुलभ हों और यात्रा के दौरान स्वास्थ्य एवं स्वच्छता मानकों का भी पूर्ण पालन सुनिश्चित किया जा सके। बैठक में जिला पंचायत अध्यक्ष श्री ईश्वरी साहू, उपाध्यक्ष श्री कैलाश चंद्रवंशी, नगर पालिका अध्यक्ष श्री चंद्रप्रकाश चंद्रवंशी, कलेक्टर श्री गोपाल वर्मा, पुलिस अधीक्षक श्री धमेन्द्र सिंह, जिला पंचायत सीईओं श्री अजय कुमार त्रिपाठी, जिला पंचायत सीईओं मुगेंली श्री प्रभाकर पाण्डेय, अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक श्री पुष्पेन्द्र बघेल सहित जनप्रतिनिधिगण, समस्त जिला अधिकारी, बोल बंम समिति के पदाधिकारी, वरिष्ठ नागरिग, ज्वईन्ड हैंडस सहित समाज सेवी संस्था के पदाधिकारी उपस्थित थे।

सावन महीने के प्रथम सोमवार भोरमदेव पदयात्रा 14 जुलाई को

प्रतिवर्ष की तरह इस वर्ष सावन महीने के प्रथम सोमवार 14 जुलाई को पूरी भव्यता के साथ भोरमदेव पदयात्रा का आयोजन किया जाएगा। भोरमदेव पदयात्रा सबेरे 7 बजे से बूढ़ा महादेव मंदिर से प्रारंभ होकर भोरमदेव मंदिर तक होगा। उपमुख्यमंत्री श्री विजय शर्मा ने कहा कि भोरमदेव पदयात्रा में श्रद्धालु उत्साह से भाग लेते है। प्रतिवर्ष की भांति इस वर्ष भी कवर्धा सहित आसपास के सभी नागरिक इस पदयात्रा में शामिल होकर भव्य बनाएं। उन्होंने कहा कि आयोजन के संबंध में पूर्व वर्षो की भांति इस वर्ष भी सभी सुविधाएं उपलब्ध रहेगी। इस दौरान विभिन्न संस्था के प्रतिनिधियों ने अपने सुझाव प्रस्तुत किया। बैठक में सुरक्षा व्यवस्था, पार्किग, पदयात्रा के रास्ते में पड़ने वाले ग्राम पंचायतों द्वारा रास्ते की साफ-सफाई एवं स्वागत द्वार बनाने, पेयजल, सुलभ शौचालयों की साफ-सफाई, रास्ते में जगह-जगह आपात चिकित्सा व्यवस्था, डीजे व्यवस्था तथा पदयात्रियों के लौटने के लिए निःशुल्क बसों की व्यवस्था सहित सभी आवश्यक तैयारियों के लिए संबंधित विभाग के अधिकारियों को जिम्मेदारी दी गई। बैठक में भोरमदेव पदयात्रा के गरिमामय आयोजन के लिए महत्वपूर्ण सुझाव भी दिए गए।

मां नर्मदा से जल लेकर कांवड यात्रा करते हुए पहुंते है बाबा भोरमदेव के दरबार

कबीरधाम जिले के बोलबम समिति के कांवरियों द्वारा मध्यप्रदेश के अमरकंटक से मां नर्मदा नदी की पवित्र जल कांवर में लेकर 180 किलोमीटर की जंगल-पहाड़ियों और पथरीलि रास्तों से होते हुए पदयात्रा करते हुए कबीरधाम जिले के जलेश्वर महोदव में प्रथम आगमन होता है। यहां हजारों की संख्या में प्रतिवर्ष कावरियों द्वारा जलेश्वर महादेव में जलाभिषेक की जाती है। बोल-बम पदयात्रियों का अगला पड़ाव कवर्धा से 18 किलोमीटर दूर बाबा भोरमदेव मंदिर तक होती है। इसके बाद पदयात्रा करते हुए कवर्धा के प्राचीन पंचमुखी बुढ़ामहोदव पहुंचकर श्रद्धापूर्वक शिव लिंग में जलाभिषेक और पूजा अर्चना की जाती है। यहां हजारों की संख्या में काविरयों द्वारा मां नर्मदा नदी की जल से बाबा भोरमदेव मंदिर में विजारित शिव जी का जलाभिषेक किया जाता है। 


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