Sunday, June 15, 2025
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रायपुर : हाथियों के प्रति नकारात्मक धारणा बदलने की जरूरत

रायपुर: छत्तीसगढ़ वन विभाग ने हाथियों के प्रति समाज में व्याप्त नकारात्मक धारणा को लेकर चिंता व्यक्त की है। अपर प्रधान मुख्य वन संरक्षक श्री प्रेम कुमार ने कहा कि समाचार पत्रों और अन्य मीडिया माध्यमों में ‘आतंकी, उत्पाती, हत्यारा, हिंसक, पागल, बिगड़ैल, जिद्दी‘ जैसे नकारात्मक शब्दों का उपयोग किया जाता है, जिससे समाज में हाथियों के प्रति भय और नकारात्मकता बढ़ती है। यह प्रवृत्ति मानव-हाथी सह-अस्तित्व के प्रयासों को प्रभावित करती है। उन्होंने कहा है कि भारत में हाथी सिर्फ एक वन्यजीव नहीं, बल्कि संस्कृति, धार्मिक मान्यताओं और परंपराओं का अभिन्न हिस्सा है। प्राचीन काल से भगवान गणेश का प्रतीक माने जाने वाले हाथी को धैर्य, शक्ति और सहनशीलता का प्रतीक माना जाता है। हाथी को ‘कीस्टोन प्रजाति‘ एवं ‘ईको-सिस्टम इंजीनियर‘ भी कहा जाता है, क्योंकि वे वनों के पारिस्थितिकी संतुलन बनाए रखने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। उनके रहने से वनों की कार्बन अवशोषण क्षमता में वृद्धि होती है, जिससे जलवायु परिवर्तन को नियंत्रित करने में मदद मिलती है।

हाथी और मानव के मधुर संबंध के प्रमाण

छत्तीसगढ़ के इतिहास में हाथियों का मनुष्य के साथ घनिष्ठ संबंध रहा है। बस्तर के 11वीं शताब्दी के ताम्रपत्रों, मुगलकालीन अभिलेखों और ब्रिटिश शासनकाल के गजेटियरों में इसका विस्तृत उल्लेख मिलता है। अकबर के दरबारी लेखक अबुल फजल की ‘आईने-अकबरी‘ और कलचुरी राजाओं के शासनकाल के अभिलेखों में भी छत्तीसगढ़ के हाथियों और मनुष्यों के पारस्परिक संबंधों का प्रमाण मिलता है।

मीडिया की भूमिका महत्वपूर्ण

अपर प्रधान मुख्य वन संरक्षक श्री प्रेम कुमार ने मीडिया से अपील की है कि हाथियों को लेकर सकारात्मकता बढ़ाने की दिशा में कदम उठाए जाएं। मानव-हाथी संघर्ष को केवल टकराव के रूप में नहीं, बल्कि एक व्यापक संदर्भ में प्रस्तुत किया जाए, ताकि सह-अस्तित्व को बढ़ावा दिया जा सके। उन्होंने मीडिया को वन्यजीव संरक्षण और पर्यावरण संतुलन के प्रति जागरूकता बढ़ाने में अपनी भूमिका निभाने का आग्रह किया है। उनका कहना है कि हाथियों का संरक्षण न केवल जैव विविधता के लिए आवश्यक है, बल्कि यह हमारे सांस्कृतिक और ऐतिहासिक मूल्यों से भी जुड़ा हुआ है। ऐसे में समाज को हाथियों के महत्व को समझना होगा और उनके संरक्षण में सकारात्मक योगदान देना होगा।


Muritram Kashyap
Muritram Kashyap
(Bureau Chief, Korba)
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