Tuesday, October 21, 2025

रायपुर : ई – रिक्शा एवं ऑटो के कारण उत्पन्न यातायात समस्याओं एवं उनके समाधान पर परिवहन सचिव ने ली वर्चुअल बैठक

  • सुचारू और व्यवस्थित यातायात हेतु ई – रिक्शा एवं ऑटो की मॉनिटरिंग, रेगुलेशन और नियंत्रण के उपायों पर विचार – विमर्श

रायपुर: ई – रिक्शा एवं ऑटो के कारण उत्पन्न यातायात समस्याओं एवं उनके समाधान से जुड़े विषयों पर परिवहन सचिव सह आयुक्त श्री एस.प्रकाश की अध्यक्षता में आज मंत्रालय में संभाग मुख्यालय रायपुर, बिलासपुर, दुर्ग, अम्बिकापुर तथा जगदलपुर जिला प्रशासन के अधिकारियों के साथ वर्चुअल बैठक आयोजित की गई। बैठक में अपर परिवहन आयुक्त श्री डी. रविशंकर भी उपस्थित थे।

ई – रिक्शा एवं ऑटो की संख्या में निरंतर वृद्धि को देखते हुए सुगम और व्यवस्थित यातायात सुनिश्चित करने के उपायों पर बैठक में विचार – विमर्श किया गया। बैठक में बताया गया कि जिलेवार परिवहन कार्यालय में पंजीकृत ई-रिक्शा (गुड्स एवं पैसेंजर) की संख्या क्रमशः रायपुर 13374, बिलासपुर 4493, दुर्ग 4038, अंबिकापुर 1311, जगदलपुर 41, इसी प्रकार पंजीकृत ऑटो (गुड्स एवं पेसेंजर) की संख्या क्रमशः रायपुर 20306, बिलासपुर 14867, दुर्ग 9602, अम्बिकापुर 4429, जगदलपुर 3431 है, इस संख्या में निरन्तर वृद्धि हो रही है। बिना मॉनिटरिंग एवं रेगुलेशन के इन पर नियंत्रण की समस्या पर चर्चा की गई।

जिला प्रशासन रायपुर ने जोनवार योजना बनाई

बैठक में रायपुर जिला प्रशासन द्वारा ई-रिक्शा एवं ऑटो के सुगम व्यवस्थित परिचालन हेतु निर्मित जोनवार योजना के बारे में भी विस्तारपूर्वक चर्चा की गई। रायपुर जिला प्रशासन के द्वारा रायपुर शहर को मुख्य रूप से 05 जोनों में विभक्त कर योजना बनाई गई है।

ई-रिक्शा हेतु केन्द्र एवं राज्यों में प्रचलित अधिनियम एवं नियमों पर चर्चा

बैठक में ई-रिक्शा हेतु केन्द्र एवं राज्यों में प्रचलित अधिनियम एवं नियमों पर भी विस्तारपूर्वक चर्चा की गई। इसके अतिरिक्त राज्य शासन एवं जिला प्रशासन को प्राप्त शक्तियों पर विस्तारपूर्वक चर्चा की गई। उपस्थित जिलों के अधिकारियों से क्रमशः उनके जिलों में ई-रिक्शा एवं ऑटो के कारण उत्पन्न परिस्थितियों के बारे में जानकारी ली गई।

समस्या के समाधान के लिए मांगे गए सुझाव

बैठक में ई-रिक्शा एवं ऑटो पंजीयन में निरन्तर वृद्धि एवं समस्या के समाधान हेतु किसी भी प्रकार के प्रस्ताव, सुझाव जिला सड़क सुरक्षा समिति अथवा जिला प्रशासन के माध्यम से राज्य सड़क सुरक्षा समिति अथवा परिवहन विभाग के पास प्रेषित् करने हेतु कहा गया।



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