Sunday, April 27, 2025
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रायपुर : नक्सल हिंसा से उजाड़ गांव होने लगे आबाद

  • सलवा जुडूम के समय गांव छोड़कर चेरला और आंध्रप्रदेश के दूसरे जिलों में बस गए थे लोग
  • दो दशक बाद 50 से ज्यादा परिवारों की सिलगेर वापसी

रायपुर: बस्तर अंचल  में  शांति  बहाली के चलते  उजाड़  गांव फिर  आबाद होने  लगे  हैं। सुकमा जिले के  जगरगुंडा, गरगुंडा के बाद अब इससे लगे हुए नक्सल प्रभावित गांव भी फिर से आबाद हो रहे हैं। जगरगुंडा राहत शिविर में रह रहे लोग जहां पहले ही अपने गांव को लौट चुके हैं, तो वहीं अब जगरगुंडा से 11 किलोमीटर दूर सिलगेर, तिम्मापुरम, बेदरे, बोरगुडा, गेल्लूर, मंडमरका जैसे गांव भी फिर से आबाद होने लगे हैं। दो दशक बाद फिर से इन गांवों में रौनक लौट रही है। सिलगेर और इसके आसपास के 50 से अधिक परिवार जो वर्ष 2005-2006 में सलवा जुडूम के समय अपने गांवों को छोड़कर चेरला, आंध्रप्रदेश के भद्राणी जिला और दूसरे जिले में जाकर बस गए थे, ऐसे 50 परिवार अब वापस गांव में आ गए हैं और अपना घर फिर से तैयार कर रहे हैं। ग्रामीणों ने बताया सबसे ज्यादा चेरला में जाकर बसे थे। अब सिलगेर गांव में ग्रामीण फिर लौटकर बसने लगे हैं। सिलगेर के रामदास ने बताया 50 से अधिक परिवार अब लौट चुके हैं। रामदास ने बताया सड़क बन बन गई है गांव में दूसरे काम भी हो रहे हैं. अभी शांति है इसलिए गांव छोड़कर गए लोग लौट रहे हैं।

जगरगुंडा से बासागुड़ा-बीजापुर सड़क तैयार

जगरगुंडा से बासागुड़ा-बीजापुर सड़क  तैयार भी बनकर तैयार हो गई है, सड़क पर अब सन्नाटा नहीं है। स्कूल और अस्पताल शुरू हो   गए  हैं । आश्रम भी बन रहा है। सिलगेर गांव पूरी तरह से उजड़ गया था। गांव में गिने-चुने परिवार ही बचे थे। जगरगुंडा के बाद सिलगेर गांव में भी फिर से स्कूल शुरू हो गया है। आश्रम भवन बनाया जा रहा है, अस्पताल शुरू हो गया है। बीजापुर, दोरनापाल, दंतेवाड़ा तीनों तरफ बस सेवा भी शुरू हो गई है। 


Muritram Kashyap
Muritram Kashyap
(Bureau Chief, Korba)
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