
दोषी को उम्रकैद और जुर्माने की सजा।
सक्ती: जिले में भाभी के साथ दुष्कर्म और सिर पर हमला कर उसकी हत्या करने के दोषी फिरू राम साहू (56 वर्ष) को उम्रकैद और अर्थदंड की सजा सुनाई गई है। यह फैसला फास्ट ट्रैक कोर्ट सक्ती के विशेष न्यायाधीश यशवंत सारथी ने सुनाया। बताया जा रहा है कि दोनों के बीच आए दिन जमीन को लेकर विवाद होता रहता था। मामला हसौद थाना क्षेत्र का है।
विशेष लोक अभियोजक राकेश महंत ने बताया कि फिरू राम साहू के भाई की मौत कुछ साल पहले हो चुकी थी। भाभी अपने घर में अकेली रहती थी। उसका इकलौता बेटा कोरबा में प्राइवेट नौकरी करता है। आरोपी देवर और मृतका का मकान जुड़ा हुआ है। जिसके कारण संयुक्त खाते की जमीन को लेकर दोनों के बीच आपसी वाद-विवाद होता रहता था।
9 मई 2022 को हुई हत्या
9 मई 2022 की रात आरोपी की पत्नी यानि देवरानी ने मृतका को अपने घर में कुछ काम करते देखा था, लेकिन 10 मई 2022 की सुबह जब वो अपने छत पर गई, तो जेठानी की लाश देखकर उसके होश उड़ गए। उसने अपने पति फिरू राम को घटना की जानकारी दी। आरोपी ने ही हसौद थाने में जाकर घटना की रिपोर्ट दर्ज कराई थी।

फास्ट ट्रैक कोर्ट सक्ती के विशेष न्यायाधीश यशवंत सारथी ने सुनाया फैसला।
पुलिस के हाथ लगे अहम सुराग
जांच के दौरान पुलिस ने शक के आधार पर आरोपी देवर को हिरासत में ले लिया और उससे कड़ाई से पूछताछ की, तो उसने अपना जुर्म कबूल कर लिया। आरोपी देवर की निशानदेही पर घर के बाथरूम से हत्या में इस्तेमाल लोहे का हथियार और आरोपी की शर्ट जिसमें कई जगह खून के धब्बे लगे थे, उसे जब्त कर लिया था।
आरोपी ने बताया था कि वह रात 2 बजे घूमकर घर वापस घर आ रहा था। इस दौरान उसने देखा कि उसकी भाभी के घर का दरवाजा खुला हुआ है और वो अपने घर के आंगन में सोई हुई है। भाभी को आंगन में सोता देख उसकी नीयत बदल गई। उसने उसका रेप किया और ईंट काटने वाले हथियार यानि लोहे की टेसी से सिर पर जानलेवा वार किया, जिससे मौके पर ही उसकी मौत हो गई। इसके बाद उसने भाभी के घर के आंगन का दरवाजा बंद कर दिया और लोहे की टेसी को लेकर अपने घर चला गया।
आरोपी के जुर्म कबूल करने पर पुलिस ने उसे गिरफ्तार कर लिया था। कोर्ट ने उसे न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया था। फास्ट ट्रैक कोर्ट सक्ती में मामले की सुनवाई चल रही थी। 7 जून 2023 को फास्ट ट्रैक कोर्ट सक्ती के विशेष न्यायाधीश यशवंत सारथी ने आरोपी को दोषी करार देते हुए सजा सुनाई। दोषी फिरू राम साहू को आजीवन कारावास और 2000 रुपए के जुर्माने की सजा सुनाई गई। अभियुक्त राजमिस्त्री का काम करता था।
