BILASPUR: बिलासपुर में CMHO ने जिले के स्वास्थ्य केंद्रों का निरीक्षण किया। इस दौरान प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों में कोरोना जांच को लेकर अव्यवस्था देखकर उन्होंने नाराजगी जताई। अस्पताल में कई मेडिकल ऑफिसर और स्टाफ ड्यूटी से गायब मिले। इससे नाराज CMHO ने उन्हें गैरहाजिर मानकर वेतन में एक दिन की कटौती करने का आदेश दिया है। वहीं, बिना सूचना के दो माह से गायब नर्स को भी नोटिस जारी करने के निर्देश दिए हैं।
जिले में कोरोना का संक्रमण अब तेजी से फैल रहा है। लिहाजा, स्वास्थ्य विभाग ने सभी प्राथमिक और सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों में टेस्टिंग और ट्रेसिंग बढ़ाने के निर्देश दिए हैं। बुधवार को CMHO डॉ. अनिल श्रीवास्तव ने सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र मस्तूरी के साथ ही प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र लोहर्सी एवं प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र पचपेड़ी का औचक निरीक्षण किया।
दो माह से बिना सूचना के गायब है नर्स
जांच के दौरान उन्होंने उपस्थिति पंजी देखा, तब पता चला कि पचपेड़ी के प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र पचपेड़ी में पिछले दो माह से स्टाफ नर्स अनीता मरावी गायब है। इस पर उन्होंने जानकारी ली, तब पता चला कि वह बिना सूचना के गायब है। जिसके कारण प्रसव की व्यवस्था तक नहीं है। उन्होंने प्रसव के लिए एक एएनएम की ड्यूटी लगाने के निर्देश दिए। वहीं गायब स्टाफ नर्स को नोटिस जारी करने के लिए कहा है। साथ ही उसके खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई करने के निर्देश दिए हैं।
कोरोना के बढ़ते केस को देखते हुए सामुदायिक और प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों में भी टेस्टिंग बढ़ाने के निर्देश दिए गए हैं।
मेडिकल ऑफिसर व फार्मासिस्ट के वेतन में होगी कटौती
निरीक्षण के दौरान कुछ मेडिकल ऑफिसर और फार्मासिस्ट भी ड्यूटी पर नहीं मिले। उन्होंने प्रभारी से जानकारी ली और उन्हें नोटिस जारी कर गैरहाजिर करने के लिए कहा। उन्होंने मासिक बैठक में नहीं आने वाले मेडिकल ऑफिसर व फार्मासिस्ट के भी वेतन में एक-एक दिन की कटौती करने के निर्देश दिए। निरीक्षण में उन्होंने प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों की साफ-सफाई पर व्यवस्था पर विशेष ध्यान देने के निर्देश भी दिए।
ग्रामीण क्षेत्रों में भी मिलने लगे कोरोना के मरीज
बुधवार को जिले में मिले कोरोना के 37 नए मरीजों में शहर के मरीजों की संख्या अधिक है। इसके साथ ही अब ग्रामीण क्षेत्र से भी मरीज मिलने लगे हैं। 8-10 दिन पहले तक केवल शहरी इलाकों में कोरोना के मरीज मिल रहे थे। अब ग्रामीण क्षेत्र में मरीज मिलने के बाद स्वास्थ्य विभाग ने सामुदायिक और प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों की भी सुध लेना शुरू कर दिया है।