उत्तर बस्तर कांकेर: जिले में छत्तीसगढ़ अक्षय ऊर्जा विकास अभिकरण (क्रेडा) विभाग द्वारा प्राप्त सोलर पम्पों से सिंचाई आसान हुई है। जिले के सैकड़ों किसान अपने खेतों में सौर ऊर्जा से सोलर पंप लगाकर खेतों की सिंचाई कर रहे हैं। इन सुदूर वनांचल क्षेत्रों में सोलर पंप स्थापित होने से कृषकों की आर्थिक स्थिति में सुधार हुआ है। किसानों को सशक्त बनाने में सौर सुजला योजना वरदान साबित हो रहा है। सोलर पंप स्थापित होने से मक्का, सब्जी सहित अन्य फसल का लाभ किसान ले रहे हैं, जिससे इनकी आमदनी के स्त्रोत में वृद्धि हुई है एवं जिले के सिंचित क्षेत्रों में भी वृद्धि हुई है। इस योजना के तहत राज्य सरकार कृषकों को रियायती दर पर सिंचाई पंप प्रदान कर कृषि और छत्तीसगढ़ में ग्रामीण क्षेत्रों को मजबूत बनाना चाहती है।
नरहरपुर विकासखण्ड के ग्राम मुसुरपुट्टा के कृषक रामकुमार कश्यप ने भी सौर सुजला योजना से अपने खेतों की सिंचाई कर रहे हैं। उन्होंने बताया कि उनकी खेत पहाड़ी क्षेत्र में होने के कारण विद्युत लाईन पहुंच पाना असंभव था, जिस पर वह सिंचाई सुविधा के अभाव में वर्षा पर आधारित पारंपरिक खेती करते थे। जब उन्हें सौर सुजला योजना के बारे में जानकारी मिली तो अपने जमीन पर 03 हार्स पावर के सोलर पंप स्थापित कर लिया, जिससे अपने खेतों में सिंचाई कर धान, मक्का, दलहन, तिलहन के साथ टमाटर, करेला, लौकी जैसे अन्य सब्जियों का उत्पादन कर रहे हैं, इससे उन्हें अच्छी आमदनी प्राप्त हो जाती है। गौरतलब है कि सौर सुजला योजना के तहत किसानों को 3 हार्स पावर के सोलर पंप क्रमशः 10 हजार रूपये, 15 हजार रूपये और 20 हजार रूपये में दिये जा रहे हैं। शेष राशि शासकीय अनुदान के रूप में सरकार द्वारा वहन की जा रही है। योजना का संचालन छत्तीसगढ़ राज्य अक्षय ऊर्जा विकास अभिकरण (क्रेडा) द्वारा किया जा रहा है।