- फसल उत्पादन बढ़ने के साथ किसानों की बढ़ रही आमदनी
रायपुर: राज्य सरकार द्वारा किसानों को सिंचाई की सुविधा उपलब्ध कराने के उद्देश्य से चलाई जा रही सौर-सुजला योजना सार्थक सिद्ध हो रही है। किसानों को सिंचाई सुविधा मिलने के साथ फसल का उत्पादन भी बढ़ रहा है। साथ ही किसानों की आमदनी भी बढ़ रही है। किसानों को सशक्त बनाने में सौर सुजला योजना वरदान साबित हो रही है।
जांजगीर-चांपा जिले में किसानों को सौर सुजला योजना का लाभ उपलब्ध कराते हुए उनके खेतों में सिंचाई व्यवस्था के लिए पंपों को स्थापित किया जा रहा है इसके साथ ही संबंधित अधिकारियों द्वारा किसानों को जानकारी देकर सोलर सिंचाई पम्प से सिंचाई करने की विधि बताई जा रही है। सोलर पंप स्थापित होने से सब्जी सहित अन्य फसल का लाभ किसान ले रहे हैं, जिससे इनकी आमदनी के स्त्रोत में वृद्धि हो रही है। इस योजना के तहत राज्य सरकार किसानों को रियायती दर पर सिंचाई पंप प्रदान कर कृषि और छत्तीसगढ़ में ग्रामीण क्षेत्रों को मजबूत बना रही है। योजना का संचालन छत्तीसगढ़ राज्य अक्षय ऊर्जा विकास अभिकरण (क्रेडा) द्वारा किया जा रहा है।
सौर सुजला योजना के तहत नवागढ़ विकासखण्ड के ग्राम खैरा (घुटिया) निवासी श्री संतोष कुमार साहू और उनके पुत्र राजेश कुमार साहू द्वारा सोलर पंप स्थापित कर अपने खेतों में सब्जी बाड़ी का काम कर रहे हैं। उन्होंने बताया कि वे लगभग 3 एकड़ में सब्जी बाड़ी का काम कर रहे हैं। जब उन्हें सौर सुजला योजना के बारे में जानकारी मिली तो उन्होंने योजना का लाभ प्राप्त करते हुए अपने जमीन पर 05 हार्स पावर का सोलर पंप स्थापित कर लिया। जिससे वे अपने खेतों में सिंचाई कर टमाटर, भिंडी, बैंगन, मिर्च, लौकी, पत्ता गोभी, बरबट्टी, कलेरा, धनियां एवं अन्य सब्जियों का उत्पादन कर रहे हैं। इससे उन्हें अच्छी आमदनी प्राप्त हो जाती है। उन्होंने बताया कि पिछले वर्ष उन्हें सब्जी उत्पादन से 7 लाख रूपए की आमदनी प्राप्त हुई है। इस वर्ष अभी तक 2 लाख रूपए की सब्जी बेच चुके हैं। क्रेडा से प्राप्त जानकारी के अनुसार सौर सुजला योजना के तहत किसानों को 3 हार्स पावर के सोलर पंप पात्रतानुसार क्रमशः अ.जा., अ.ज.जा. वर्ग के हितग्राही को 7 हजार रुपए का अंशदान, अ.पि.व. के हितग्राही को 12 हजार रुपये अंशदान एवं सामान्य वर्ग के हितग्राही को 18 हजार रूपये का अंशदान देना होता है। इसी प्रकार 05 हॉर्स पावर के सोलर पंप हेतु अ.जा., अ.ज.जा. वर्ग के हितग्राही को 10 हजार रुपये, अ.पि.व. के हितग्राही को 15 हजार रुपये एवं सामान्य वर्ग के हितग्राही को 20 हजार रुपये अंशदान देना होता है। शेष राशि शासकीय अनुदान के रूप में सरकार द्वारा वहन की जा रही है।