Sunday, May 19, 2024
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SBI के ATM से पार किए सवा करोड़ ; मास्टरमाइंड MBA छात्र सहित 2 गिरफ्तार….

  • अलग-अलग बैंकों के 47 खातों और 28 ATM कार्ड के जरिए की बैंक से ठगी
  • फ्लाइट से आते, बिना गार्ड वाले ATM को निशाना बनाते, धमतरी में भी की वारदात

छत्तीसगढ़ की जगदलपुर पुलिस ने दो ऐसे शातिर ठगों को गिरफ्तार किया है, जिन्होंने देश के सबसे बड़े सरकारी बैंक से ही ठगी कर ली। शातिर बदमाशों ने स्टेट बैंक ऑफ इंडिया (SBI) से 3 माह में 1.06 करोड़ रुपए से ज्यादा पार कर लिए। पुलिस ने आरोपियों को उत्तर प्रदेश के जौनपुर से गिरफ्तार किया है। दोनों आरोपी वहीं के रहने वाले हैं। इनमें से एक MBA छात्र है और वहीं मास्टरमाइंड बताया जा रहा है।

पुलिस ने आरोपियों के पास से 3 ATM कार्ड, पासबुक, 3 चेकबुक, पैनकार्ड, आधार कार्ड, 5 मोबाइल, 2 लाख रुपए और अन्य सामान बरामद किया है।

पुलिस ने आरोपियों के पास से 3 ATM कार्ड, पासबुक, 3 चेकबुक, पैनकार्ड, आधार कार्ड, 5 मोबाइल, 2 लाख रुपए और अन्य सामान बरामद किया है।

ATM से रुपए निकलते नहीं थे, और हर बार कम हो जाते
दरअसल, केरला होटल और कोठारी मार्केट के पास स्थित SBI के ATM से 3 माह में 1,08,62,000 रुपए गायब थे। खास बात यह थी कि ट्रांजेक्शन किया गया, लेकिन बिना रुपए निकले ही कम हो जाते थे। इसके बाद पुलिस ने CCTV फुटेज और खातों का मिलान किया। साइबर सेल की मदद से पुलिस UP के जौनपुर तक पहुंच गई और वहां से अनुराग यादव और जनार्दन यादव को धर दबोचा।

11 अलग-अलग बैंक के डेबिट कार्ड किए इस्तेमाल
परिचित और रिश्तेदारों से उनके डेबिट कार्ड 4-5 हजार रुपए किराए पर लाते थे। रुपए के ट्रांजेक्शन के बाद उनके खाते से विड्रॉल कर लेते। आरोपियों ने ATM से रुपए निकालने के लिए AXIS, IDFC, कोटक महिंद्रा बैंक, IDBI, इंडसइंड बैंक, DBS, यस बैंक, HDFC, PNB, यूनियन व ड्यूच बैंक के डेबिट कार्ड का इस्तेमाल किया। पुलिस ने उनके पास से 3 ATM कार्ड, पासबुक, 3 चेकबुक, पैनकार्ड, आधार कार्ड, 5 मोबाइल, 2 लाख रुपए और अन्य सामान बरामद किया है।

इस तरह करते ठगी : रकम निकलने के बाद एक नोट फंसा देते
पुलिस जांच में पता चला है कि आरोपी ATM से रुपए निकालने के बाद एक नोट छोड़ देते थे। थोड़ी देर बाद मशीन उसे नोट को कैश वेनिटि में वापस ले लेती थी। इसके बाद ट्रांजेक्शन डिक्लाइन हो जाता। इससे अंदर का मेकेनिज्म ATM से निकली रकम को नहीं जोड़ता था। फिर इसी को आधार बनाकर आरोपी पूरे रुपए का क्लेम बैंक से करते थे। जिसे उनके खाते में क्रेडिट कर दिया जाता।

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