Wednesday, July 2, 2025

अभय सिंह उर्फ IIT बाबा के बयानों से स्कूल टीचर नाराज, बोले- मां-बाप पहले गुरू होते हैं, उन्हें कभी गलत नहीं कहना चाहिए

झज्जर: हरियाणा में झज्जर के अभय सिंह उर्फ IIT बाबा के माता-पिता को भगवान न मानने के बयान से उनके स्कूल के टीचर नाराज हैं। झज्जर के डीएच लॉरेंस स्कूल के टीचर रमेश रोहिल्ला ने कहा है कि मां–बाप बच्चे के पहले गुरू होते हैं। उन्हें कभी गलत नहीं कहना चाहिए।

हालांकि, उन्होंने अभय सिंह के बाबा बनने को लेकर कहा कि अध्यात्म की राह गलत नहीं है, बशर्ते उसमें पॉजिटिव रहना होगा। अभय सिंह पहले नहीं बल्कि दसवें IIT बाबा हैं। इससे पहले भी 9 IITian बाबा बन चुके हैं। रोहिल्ला अभय को 5वीं से 12वीं तक सोशल साइंस और अंग्रेजी पढ़ा चुके हैं।

बता दें कि अभय सिंह झज्जर के गांव सासरौली के रहने वाले हैं। उन्होंने IIT बॉम्बे से एयरोस्पेस इंजीनियरिंग की है। हालांकि, 11 महीने पहले अभय ने घर छोड़ दिया। 6 महीने पहले उन्होंने परिवार से संपर्क भी तोड़ दिया। प्रयागराज महाकुंभ में उन्हें देख पहली बार परिवार को पता चला कि वह बाबा बन गए हैं।

IIT बाबा की अहम बातें…

1.स्कूल में नंबर वन रहा, सबको हैरान किया

रमेश रोहिल्ला ने बताया- 1999 में अभय ने उनके डीएच लॉरेंस स्कूल से 5वीं की पढ़ाई शुरू की। 12वीं तक वह यहीं से पढ़ा। अभय ने स्कूल में सबको प्रभावित किया। वह हमेशा नंबर वन रहता था। उसने सबको हैरान किया था।

2. सिर्फ पढ़ाई पर फोकस करता था

रोहिल्ला ने बताया कि जब अभय स्कूल में पढ़ाई कर रहा था तो सिर्फ उसी पर फोकस रखता था। अध्यात्म को लेकर उसके अंदर इतनी दिलचस्पी थी, हमें ऐसा कभी महसूस नहीं हुआ। स्कूल में 6 साल रहने के बावजूद कभी उसके मुंह से अध्यात्म को लेकर कोई बात नहीं सुनी। कुंभ से आ रहे वीडियो देख हम खुद हैरान हैं।

3. वैराग्य का जीवन जीना सबके वश में नहीं

रोहिल्ला ने कहा कि अभय सिंह का अध्यात्म के रास्ते पर जाने में कोई बुराई नहीं। मगर, वैराग्य का जीवन जीना हर किसी के वश में नहीं। सब कुछ त्यागकर इस राह पर जाना बड़ा कठिन है। मैं इसे गलत नहीं मानता। वैसे तो पहले भी 9 IIT बाबा हो चुके हैं, लेकिन अध्यात्म की राह पर पॉजिटिव होकर कुछ अच्छा करने के लिए अग्रसर होना होगा।

4. अभय इकलौता बेटा, इसलिए मां–बाप ज्यादा दुखी

रोहिल्ला ने कहा- अभय परिवार का इकलौता बेटा है। ऐसे में कोई जब घर से चला जाता है तो बड़ा दुख होता है। अभय के माता-पिता भी आज उस स्थिति से गुजर रहे हैं। यह ठीक है कि अध्यात्म के रास्ते पर चलने वाला व्यक्ति सांसारिक मोह-माया से बहुत दूर चला जाता है।

बाबा का वह बयान, जिसमें माता-पिता को भगवान मानने से इनकार किया

अभय ने IIT बाबा बनने के बाद इंस्टाग्राम पर एक वीडियो शेयर किया। जिसमें उसने कहा- आज हम भारत में पेरेंटल ट्रैप की बात करेंगे। बहुत से कहते हैं कि मैंने अपने पापा के लिए घर बनाना है। लोग इस पर बहुत गर्व करते हैं कि मैंने यह कर दिया, मुझे मम्मी-पापा के लिए करना है। इसकी एक वजह आध्यात्मिक शिक्षाएं भी हैं, जिसमें कहा जाता है कि तुम्हारे मां-बाप ही भगवान हैं।

मां-बाप भगवान नहीं हैं। मां-बाप को भी भगवान ने बनाया है। असल में लोग सतयुग वाला कॉन्सेप्ट कलयुग में यूज कर रहे हैं। मां-बाप भी तो भगवान जैसे होने चाहिए, तभी भगवान होंगे। यहां मां-बाप बच्चों को ऐसे बड़ा करते हैं, जैसे घोड़े–गधे बना रहे हों। उन्हें बड़ा कर अपना काम निकलवाएंगे। मां-बाप भगवान नहीं, यह कलयुग का ट्रैप है।


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