झारखंड, बिहार की इन लड़कियों का रेस्क्यू किया गया।
मथुरा/रायपुर: दिल्ली-आगरा नेशनल हाईवे पर कुछ होटल-ढाबा पर देह व्यापार का धंधा चल रहा है। दिल्ली की एक संस्था ने पुलिस की मदद से यहां 3 लड़कियों का रेस्क्यू किया। पुलिस ने 5 आरोपियों को गिरफ्तार किया है। सामने आया कि दिल्ली की प्लेसमेंट एजेंसी के जरिए बिहार, छत्तीसगढ़ और झारखंड की लड़कियों को जॉब के नाम पर दिल्ली लाते हैं, फिर उन्हें सेक्स रैकेट में ढकेल दिया जाता है।
सबसे पहले आपको बताते हैं कि इस रैकेट तक पुलिस एक लड़की की शिकायत का पीछा करते हुई पहुंची कैसे…
झारखंड की लड़की ने कहा-मेरी बहन बंधक है
एक हफ्ते पहले दिल्ली में बाल कल्याण समिति के पास झारखंड की एक लड़की पहुंची। जहां उसने समिति के सदस्यों को बताया कि उसकी नाबालिग बहन को कहीं बंधक बनाकर रखा हुआ है और उससे गलत काम कराए जा रहे हैं। उससे मोबाइल पर बात हुई है। उसे लगता है कि उसकी बहन को दिल्ली आनंद बिहार इलाके में रखा है। समिति ने लड़की की शिकायत पर मिशन मुक्ति नाम की संस्था ने पड़ताल शुरू की।
पुलिस कस्टडी में लड़कियों ने दिल्ली की प्लेसमेंट एजेंसी के बारे में भी बताया, उसके खिलाफ भी कार्रवाई की जा रही है।
बंधक लड़की ने बताया- मेरे कमरे की खिड़की से रथ जैसा कुछ दिख रहा
टीम को पीड़िता की बहन ने बताया कि उसके पास अलग-अलग नंबर से फोन आते हैं। पीड़िता की बहन से नंबर लेने के बाद जब उनकी लोकेशन पता की गई तो वह मथुरा के कोसी इलाके में नेशनल हाईवे की निकली। इसी दौरान पीड़िता ने एक बार फिर बहन से बात की। पता चला कि वह जहां है, उस कमरे की खिड़की से भगवान कृष्ण का रथ जैसा बना कुछ दिखता है।
पीड़िता से मिली जानकारी के बाद मिशन फाउंडेशन के वीरेंद्र के नेतृत्व में 3 सदस्यीय टीम मथुरा पहुंच गई। जहां टीम के सदस्यों ने पीड़िता की तलाश शुरू कर दी। एक जगह पर रथ जैसा आकृति मिलने के बाद टीम उसके पास बने पहले एक होटल में पहुंची जहां उन्होंने लंच करने के बहाने होटल वाले से लड़की की डिमांड की। जिस पर होटल वाले ने मना कर दिया।
इसके बाद कुछ आगे बढ़ने पर उनको चौधरी ढाबा मिला। वहां पहुंचने पर पहले टीम ने चाय ऑर्डर की इसके बाद वेटर से लड़की मिलने के बारे में कहा। जिस पर कमल नाम के व्यक्ति ने लड़की दिलाने और 6 हजार रुपए रेट के बारे में बताया।
संस्था के सदस्यों को वहां 3 लड़कियां दिखाई गई। लेकिन उनको तलाश थी झारखंड से लाई उस नाबालिग लड़की की, जिसकी शिकायत उसकी बहन ने की थी। इसके दो दिन बाद बुधवार को फिर टीम के सदस्य उसी ढाबा पर पहुंचे। यहां उनको दुर्गा बाबू नाम का आदमी मिला। जिसने लड़की दिखाई तो वह पीड़िता निकली।
पुलिस ने ढाबा से वेश्यावृत्ति कराने वाले आरोपी भी गिरफ्तार किए।
पुलिस के साथ मिलकर किया रेस्क्यू
बाल कल्याण समिति ने इसकी जानकारी बाल संरक्षण आयोग उत्तर प्रदेश को दी। जिस पर आयोग की सदस्य सुचिता चतुर्वेदी ने एसएसपी मथुरा को पुलिस टीम देने के लिए कहा। एसएसपी शैलेश पांडे ने छाता सीओ के नेतृत्व में सादा वर्दी में पुलिस कर्मी संस्था सदस्यों के साथ भेजे। जिसके बाद देर रात टीम ने ढाबा से 2 नाबालिग लड़कियों को बरामद किया। पुलिस ने ढाबा से वेश्यावृत्ति कराने वाले 4 आरोपी भी गिरफ्तार किए।
आरोपियों ने बताया छाता में भी गिरोह एक्टिव
संस्था और पुलिस टीम आरोपियों को पकड़ कर कोसी थाना ले आई। जहां दुर्गा बाबू ने बताया कि छाता क्षेत्र के न्यू पंजाबी ढाबा पर भी इस काम को अंजाम दिया जा रहा है। सूचना मिलते ही सीओ छाता गौरव त्रिपाठी ने बताए गए स्थान पर छापा मारा। जहां से पुलिस ने 2 नाबालिग सहित 3 लड़कियों को बरामद किया साथ ही 1 आरोपी भी गिरफ्तार हुआ।
सीओ छाता गौरव त्रिपाठी ने बताए गए स्थान पर छापा मारा। जहां से पुलिस ने 2 नाबालिग सहित 3 लड़कियों को बरामद किया साथ ही 1 आरोपी भी गिरफ्तार हुआ
पहले बनाते हैं मेड, फिर धकेल देते हैं देह व्यापार के धंधे में
पुलिस की गिरफ्त में आए मधुबनी बिहार के रहने वाले दुर्गा बाबू ने बताया कि मानव तस्करी को अंजाम 3 स्टेप में दिया जाता है।
पहले चरण में बिहार, झारखंड, छत्तीसगढ़ में पिछड़े हुए इलाके की लड़कियों को चिह्नित किया जाता है। उनको पैसा कमाने का लालच देकर दिल्ली प्लेसमैंट एजेंसी के जरिए भेजते हैं।
दूसरा चरण होता है ट्रांजिट यानि इनको ट्रेन, हवाई जहाज के जरिए दिल्ली या किसी बड़े शहर भेज दिया जाता है।
तीसरा चरण होता है डेस्टिनेशन यानि लड़कियों को वहां पहुंचा दिया जाता है जहां चलता है देह व्यापार का धंधा। गरीब इलाकों से आने वाली लड़कियों को घरों में काम करने के बहाने लाया जाता है इसके बदले लाने वाले एजेंट को 25 हजार रूपए मिलते हैं। फिर उनसे कराई जाती है वैश्यावृति। तस्करी कर लाई गई लड़कियां अगर बात नहीं मानती तो उनके साथ मारपीट भी की जाती है।
कोसी में बरामद लड़कियों के साथ संस्था के सदस्य
एक दिन में 14-14 लोगों के सामने परोसा जाता है लड़कियों को
मिशन मुक्ति फाउंडेशन के डायरेक्टर वीरेंद्र ने बताया कि इस पूरे ऑपरेशन को अमित कुमार और मिशन रेस्क्यू के अक्षय पांडे के साथ मिलकर 5 दिनों में अंजाम दिया गया। वीरेंद्र कुमार ने बताया कि यह उनके 15 साल के करियर में पहला मामला है जिसमें प्लेसमैंट एजेंसी के जरिए मानव तस्करी और देह व्यापार कराया जा रहा हो।
वीरेंद्र ने बताया कि उनको पीड़िता ने बताया कि इन लड़कियों को दिन में 14-14 आदमियों के सामने भेजा गया। दलाल प्रति व्यक्ति 1000 रुपए लेता है। वीरेंद्र ने बताया कि हाई वे पर इस तरह के काम को बड़े पैमाने पर अंजाम दिया जा रहा है।
सेक्स रैकेट चलाने वाला मास्टर माइंड फरार
इस काम को अंजाम देने वाला बिहार के कटिहार का रहने वाला दीपक अभी फरार है। दीपक और दुर्गा प्रसाद दिल्ली के नांगलोई इलाके में एक फैक्ट्री में काम करते। इसके बाद उन्होंने जूता फैक्ट्री खोली। लेकिन घाटा हो जाने के बाद दुर्गा प्रसाद मथुरा आ गया और दीपक प्लेसमेंट एजेंसी में काम करने लगा। इसी एजेंसी पर उसने इस रैकेट की प्लानिंग को समझा।
वहीं, दुर्गा प्रसाद ने दीपक को बताया वह एक ढाबा पर काम कर रहा है और हाई वे पर कई होटल-ढाबा को जानता है। इसके बाद दोनों ने कुछ होटल और ढाबा वालों के साथ देह व्यापार का यह धंधा शुरू कर दिया। बाल कल्याण समिति दिल्ली के सदस्य रूप सुरेश विमल ने बताया कि हाई वे पर मौजूद होटल ढाबा पर बड़ा चैकिंग अभियान चलाने की जरूरत है । यहां लड़कियों को मानव तस्करी कर लाया जाता है और उनको जबरन देह व्यापार में धकेल दिया जाता है। इनमें ज्यादातर लड़कियां नाबालिग होती हैं।
पुलिस ने रेड मारकर इन्हें किया गिरफ्तार
पुलिस ने देह व्यापार करने वाले सतवीर, कमल, दुर्गा बाबू, धर्मेंद्र को कोसी थाना क्षेत्र के चौधरी ढाबा से गिरफ्तार किया। इनके पास से 2 मोबाइल, 14 हजार रूपए आपत्तिजनक सामान के अलावा शराब, बियर की बोतल मिली। पुलिस ने थाना छाता क्षेत्र में कार्यवाही करते हुए विजय को गिरफ्तार किया।