छत्तीसगढ़: बिलासपुर में सोमवार शाम एक तेंदुए का शव मिला है। उसके पैर कटे हुए थे और दांत भी गायब थे। ऐसे में तेंदुए का शिकार करने की आशंका जताई जा रही है। शव करीब दो दिन पुराना है। वहीं वन विभाग के अफसर मामले को दबाने का प्रयास कर रहे हैं। सूचना पर जंगल पहुंचे अफसरों ने जानकारी देने से बचने के लिए अपने फोन बंद कर दिए हैं। मंगलवार को तेंदुए के शव का पोस्टमार्टम के बाद ही मौत के कारणों का राज खुल सकता है। मामला सीपत-सोंठी सर्किल का बताया जा रहा है।
तेंदुए का शव मिलने के बाद वन अफसरों में हड़कंप
सीपत क्षेत्र से लगे हुए बिटकुला-खम्हिरया वन परिक्षेत्र में ग्रामीणों ने सोमवार दोपहर करीब 12 बजे तेंदुए का शव देखा। इस पर उन्होंने स्थानीय वनकर्मियों को सूचना दी। बावजूद इसके अफसरों ने इसे नजरअंदाज कर दिया। फॉरेस्ट गार्ड दोपहर से शाम तक शव की रखवाली करता रहा। करीब 4 बजे डिप्टी रेंजर हफीज खान पहुंचे। फिर रेंजर आलोक नाथ और SDO सुनील बच्चन वहां गए। इसके बाद शाम DFO कुमार निशांत भी डॉक्टरों की टीम के साथ पहुंच गए।
नाखून, पंजा और दांत गायब
तेंदुए के पैर के निचले हिस्से यानी कि पंजे का हिस्सा गायब था। उसके दांत को भी निकाल लिए गए थे।तेंदुए का जिस बेरहमी से शिकार किया गया है। इससे उसके अंगों की तस्करी करने की आशंका जताई जा रही है। शिकारियों ने तेंदुए को मारने के बाद उसके चारों पैर को काट दिया। ऐसे में अब वन विभाग के अफसर इस नाकामी को छिपाने का प्रयास कर रहे हैं।
डिप्टी रेंजर ने शाम को अफसरों को दी सूचना
फारेस्ट गार्ड से हाल ही में प्रमोशन होकर आए डिप्टी रेंजर हफीज खान को सोंठी सर्किल का प्रभार दिया गया है। अभी उन्होंने मुख्यालय में रहना भी शुरू नहीं किया है। सोमवार को जब फारेस्ट गार्ड ने उन्हें इस घटना की जानकारी दी, तब वे बाहर थे। खबर मिलने के बाद शाम को जंगल पहुंचे, तब रेंजर और SDO को इसकी सूचना दी गई। लेकिन, तब तक शाम हो गई थी।
तीन माह पहले दिखा था तेंदुआ
बताया जा रहा है कि इस क्षेत्र में करीब तीन महीने निरतु पंचायत के अदराली ग्राम के पास तेंदुआ देखा गया था। तेंदुए ने ग्रामीण पर पंजे से हमला भी किया था। इस सूचना के बाद भी वन विभाग के अफसरों ने जानकारी नहीं ली। न ही तेंदुए के पग मार्क की पड़ताल की। बताया जा रहा है कि इस क्षेत्र के अधिकारी मुख्यालय में नहीं रहते। इसके चलते जंगल और वन्य प्राणियों की सुरक्षा का भी उन्हें ध्यान नहीं रहता।
सीपत सर्किल के डिप्टी रेंजर को खबर ही नहीं
वन विभाग के अफसरों में समन्वय भी नहीं है। सोंठी सर्किल से लगा हुआ सीपत सर्किल है। यहां पदस्थ डिप्टी रेंजर अयज बेन से तेंदुए की लाश मिलने की जानकारी ली गई, तब उन्होंने अपने क्षेत्र में इस तरह की घटना से ही इंकार कर दिया। हैरानी की बात है कि सोंठी सर्किल के जंगल में तेंदुए की लाश मिली है और उससे लगे सीपत सर्किल के डिप्टी रेंजर से भी अफसरों ने इस बात को साझा नहीं किया। ऐसे में जंगल और वन्य प्राणियों की सुरक्षा के साथ ही अफसरों की कार्यप्रणाली पर भी सवाल उठ रहा है।
कोटा और रतनपुर तक सीमित है अफसर
बिलासपुर वन परिक्षेत्र के रेंज में सीपत और सोंठी के जंगल शामिल है। लेकिन, यहां पदस्थ रेंजर और अफसर यहां की सुरक्षा पर ध्यान ही नहीं देते। बलौदा और कोरबा क्षेत्र से लगे होने के कारण इस सर्किल में पेड़ों की कटाई कर इमारती लकड़ी की तस्करी भी धड़ल्ले से होती है। चीतल का शिकार करने की घटनाएं भी सामने आया है। फिर भी अफसर सुरक्षा को लेकर उदासीन रहते हैं।