सूरजपुर: राज्य परियोजना कार्यालय, समग्र शिक्षा, छत्तीसगढ़ रायपुर के तत्वाधान में कलेक्टर एवं जिला मिशन संचालक श्री संजय अग्रवाल तथा मुख्य कार्यपालन अधिकारी एवं जिला परियोजना संचालक सुश्री लीना कोसम के निर्देशन में जिला शिक्षा अधिकारी राम ललित पटेल, जिला मिशन समन्वयक शशिकान्त सिंह तथा सहायक संचालक रविन्द्र सिंहदेव के मार्गदर्शन में एवं सहायक परियोजना समन्वयक (समावेशी शिक्षा) शोभनाथ चौबे के समन्वय से शासकीय कन्या उ.मा.वि. विश्रामपुर के सभाकक्ष में दिव्यांग बच्चों के जीवन को सुगम एवं सरल बनाने तथा उनका सही पहचान कर लाभान्वित किये जाने के उद्देश्य से जिले के सभी 6 विकासखण्डों के लगभग 200 प्रधान शैक्षिक प्रशासकों, माता-पिता एवं अभिभावकों का एक दिवसीय उन्मुखीकरण कार्यशाला 04 सितम्बर 2023 को सम्पन्न हुई। कार्यशाला का शुभारंभ कलेक्टर के द्वारा मॉ सरस्वती की प्रतिमा के समक्ष पुष्प अर्पित करते हुए द्वीप प्रज्वलन के साथ किया गया। कलेक्टर द्वारा दिव्यांग छात्र एवं छात्राओं का सही-सही पहचान कर उन्हें उचित लाभ प्रदान किये जाने के संबंध में प्रकाश डाला गया। इसके साथ ही इस बात पर जोर दिया गया कि कोई भी दिव्यांग, दिव्यांग नहीं होता बल्कि वह किसी अन्य रूप में सामान्य लोगों से विशिष्ट होता है। ईश्वर ने यदि उसे किसी तरफ कमजोर किया है तो दूसरी ओर विशिष्ट बनाया है। आवश्यकता है हम सभी को उनके बेहतरी के लिये अच्छा कार्य किये जाने की। आज दुनिया में बिना हाथ-पैर वाले दिव्यांग भी ओलंपिक में गोल्ड मेडल प्राप्त कर रहे हैं तथा सर्वोच्च पदों पर भी आसीन हैं। उनके प्रति हमारे नकारात्मक विचारों को बदलकर सकारात्मक पहलुओं पर ध्यान देने की आवश्यकता है। प्रशिक्षण के दौरान मास्टर ट्रेनरों के द्वारा दिव्यांग अधिकार अधिनियम 2016, 21 प्रकार की दिव्यांगता, शासन से प्रदत्त सुविधाएं, माता-पिता अभिभावक एवं शिक्षकों के रूप में दायित्व आदि विभिन्न पहलुओं पर विस्तार पूर्वक प्रकाश डाला गया।
कार्यक्रम को सफल बनाने में मास्टर ट्रेनर प्रमोद कुमार टण्डन, किशोर कुमार मुखर्जी, विद्यालय के प्राचार्य आशीष भट्टाचार्य एवं व्याख्याता अमर कुमार जैन, संतोष उपाध्याय एवं उनकी टीम, संकुल शैक्षिक समन्वयक गौरी शंकर पाण्डेय, दया सिंधु मिश्रा, संकुल प्रभारी हर्ष नारायण शर्मा तथा विभिन्न विकास खण्डों के बीआरपी (समावेशी शिक्षा) विनोद कुमार यादव, श्रीमती राधा नन्दी, इंदुमती तिग्गा, रमाकांत नर्मदा एवं अन्य सहयोगियों का सराहनीय योगदान रहा।