ताइवान: ताइवान सरकार ने सिंगापुर के कंटेनर जहाज हुए हादसे के बाद मदद करने के लिए इंडियन नेवी और कोस्टल गार्ड का आभार जताया है। ताइवान इन इंडिया ने सोशल मीडिया X पर लिखा-
ताइवान सरकार इंडियन नेवी और कोस्टल गार्ड के तेजी से किए गए बचाव कार्य के लिए आभारी है। हम लापता के सदस्यों की सुरक्षित वापसी और घायलों के जल्दी ठीक होने की कामना करते हैं।
दरअसल, अरब सागर में केरल के कोच्चि के पास लगभग 44 नॉटिकल मील दूर एक कंटेनर जहाज MV Wan Hai 503 में 9 जून को विस्फोट के बाद भीषण आग लग गई थी।
आग तेजी से फैली जिसके बाद जहाज में और भी कई विस्फोट हुए, जिससे यह डूबने की कगार पर पहुंच गया था।
रेस्क्यू ऑपरेशन में 7 घंटे लगे
ये जहाज श्रीलंका के कोलंबो से मुंबई के न्हावा शेवा बंदरगाह की ओर जा रहा था। 10 जून को वहां पहुंचने वाला था। इस जहाज में जहाज में लगभग 650 कंटेनर थे जिनमें 2000 टन तेल और 240 टन डीजल था।
भारतीय नौसेना को शिप के हादसे की जानकारी 9 जून को सुबह 9:30 बजे मिली। इसके रेस्क्यू ऑपरेशन में लगभग 7 घंटे का समय लगा। खराब मौसम के कारण इसके रेस्क्यू में काफी दिक्कतें आईं।
इससे पहले चीन ने भी सोशल मीडिया X पर भारतीय नेवी और मुंबई कोस्टल गार्ड को धन्यवाद दिया था।
चीन की राजदूत यू जिंग ने कहा, “हम भारतीय नौसेना की तेजी और बहादुरी की सराहना करते हैं। उनके प्रयासों से 18 लोगों की जान बची। हम घायलों के जल्द ठीक होने की कामना करते हैं।”
जहाज पर हुए हादसे से जुड़ीं 5 फुटेज…

शिप के कई हिस्से में विस्फोट के बाद आग लग गई।

शिप पर आग लगने के बाद धुएं का गुबार देखा गया।

हादसे के बाद 20 से 50 कंटेनर समुद्र में गिर गए, जिससे प्रदूषण का खतरा बढ़ गया है।

जहाज पर 22 चालक दल के सदस्य थे, जिनमें चीनी, ताइवानी, म्यांमार और इंडोनेशियाई नागरिक शामिल थे।

हादसे के बाद भारतीय नेवी ने क्रू मेंबर्स को सुरक्षित स्थान पर पहुंचाया।
जहाज के 4 लोग अब भी लापता, तलाश जारी
जहाज पर 22 चालक दल के सदस्य सवार थे, जिनमें 8 चीनी, 6 ताइवानी, 5 म्यांमार और 3 इंडोनेशियाई नागरिक शामिल थे। विस्फोट के बाद आग तेजी से फैल गई, जिसके कारण चालक दल को जहाज छोड़ना पड़ा।
भारतीय नौसेना और तटरक्षक बल ने तुरंत कार्रवाई की और 18 लोगों को सुरक्षित बचा लिया, जिनमें और पांच लोग घायल हैं। जबकि 4 लोग अब भी लापता है। भारतीय नेवी उनकी तलाश के लिए खोज अभियान चला रहे हैं।
एक्स पर एक पोस्ट में भारतीय कोस्टल गार्ड ने बताया था कि ICG विमान ने पहले घटनास्थल का आकलन किया। उसके बाद बचाव के लिए आईसीजी के 04 जहाजों को रेस्क्यू के लिए भेजा गया था।
लगातार आग लगने से जहाज के टूटकर समुद्र में डूब जाने का खतरा था। इसे जहाज में 2000 टन तेल था। अगर जहाज डूब जाता तो तेल का रिसाव हो सकता था। इसके अलावा कुछ कंटेनर में खतरनाक केमिकल होने के कारण सुरक्षा से जुड़ी चिंता भी थी।

आग से घायल हुए लोगों का नेवी ने प्राइमरी उपचार कराया।
विस्फोट की वजह की जांच जारी
विस्फोट की वजह का अभी तक पता नहीं चल पाया है। कुछ रिपोर्ट्स में बताया गया है कि जहाज पर ज्वलनशील (नाइट्रोसेलुलोज और अन्य रसायन) ले जाया जा रहा था। तापमान में इजाफा होने की वजह से उसमें विस्फोट हुआ होगा। फिलहाल इंडियन नेवी और कोस्ट गार्ड इसकी जांच कर रहे हैं। सिंगापुर से आए अधिकारी भी इसमें मदद कर रहे हैं।
3 दिनों में तट पर पहुंच सकते हैं कंटेनर
केरल के बंदरगाह मंत्री वीएन वासवन ने कल बताया था कि शिप से 20 से 50 कंटेनर समुद्र में गिर गए हैं। ये केरल तट की ओर बह रहे हैं। इसके बाद भारतीय राष्ट्रीय समुद्री सूचना केंद्र (INCOIS) ने जानकारी दी कि ये कंटेनर अगले तीन दिनों में कोझिकोड और कोच्चि के बीच तट पर पहुंच सकते हैं।
मंत्री ने कहा कंटेनरों में मौजूद खतरनाक सामग्री और तेल रिसाव से समुद्री जीवन और स्थानीय मछुआरों को नुकसान हो सकता है। केंद्रीय समुद्री मत्स्य अनुसंधान संस्थान (CMFRI) ने कहा कि इससे मछुआरों की मुश्किलें बढ़ सकती हैं, खासकर जब यह मछली पकड़ने का अच्छा मौसम है।

(Bureau Chief, Korba)