छत्तीसगढ़: कोरबा में एक टीचर की मौत के बाद उनके परिजनों ने हंगामा कर दिया। उनका आरोप है कि डॉक्टरों की लापरवाही से मरीज की मौत हुई है। इसलिए अब इस मामले में मेडिकल जांच भी होनी चाहिए। वहीं परिजनों ने पूरे मामले को लेकर पुलिस से भी शिकायत की है। मामला रामपुर चौकी क्षेत्र का है।
जांजगीर के कन्नौद निवासी संतोष डडसेना(55) पेशे से शिक्षक हैं। उन्हें पेट में पथरी की शिकायत थी। इसलिए वह रविवार को कोरबा के सीएसईबी कॉलोनी में अपने परिजन के यहां पहुंचे थे। उन्हें बताया गया था कि क्षेत्र के एक अस्पताल में पथरी का अच्छा इलाज होता है। इसी मकसद से वह इलाज कराने आए थे।
हालत बिगड़ गई
बताया जा रहा है कि वो अपने परिजन के साथ रामपुर के जे.के अस्पताल गए थे। वहां उन्हें डॉक्टरों ने बताया कि पथरी की समस्या के चलते उन्हें पेट में दर्द है। इसके बाद उनका उपचार किया गया। मगर थोड़ी देर बाद उनकी हालत बिगड़ गई। मरीज को बेचैनी की समस्या होने लगी। पेट में दर्द पहले से ही था। इसके बाद संतोष डडसेना को उनके परिजन दूसरे अस्पताल में लेकर गए। लेकिन किसी भी अस्पताल ने उन्हें भर्ती नहीं किया। काफी प्रयास करने के बाद भी जब बात नहीं बनी तो वो अपने परिजन के साथ वापस जेके अस्पताल पहुंचे। इसी दौरान जेके अस्पताल में ही रविवार शाम को उनकी मौत हो गई।
इधर, परिजनों को जैसे ही इस बात की सूचना मिली। वैसे ही उन्होंने पहले अस्पताल में हंगामा कर दिया। इसके बाद सोमवार सुबह वे सभी रामपुर चौकी डॉक्टरों की शिकायत करने पहुंचे थे। परिजनों का कहना है कि डॉक्टरों की लापरवाही से मरीज की मौत हुई है। इसलिए इन पर सख्त कार्रवाई करनी चाहिए। वहीं परिजनों ने मामले में मेडिकल जांच की मांग की है। साथ ही पीएम 3 डॉक्टरों की निगरानी में वीडियोग्राफी के साथ कराने की मांग की है। परिजनों की शिकायत पर अब इसी तरह से पीएम की तैयारी की जा रही है।
संचालक ने कहा-पहले से हालत खराब थी
वहीं पूरे मामले को लेकर जे.के अस्पताल संचालक जयकुमार लहरे का भी बयान सामने आया है। जयकुमार ने कहा है कि मरीज की हालत पहले से खराब थी। इसलिए ऐसा हुआ है। अस्पताल ने ठीक तरह से उनका उपचार किया था।