छत्तीसगढ़: बिलासपुर में कोयले की अफरातफरी कर व्यावसायी को 6 करोड़ रुपए का चूना लगाने वाले फरार मास्टर माइंड आरोपी को पुलिस ने उत्तरप्रदेश के बलिया से पकड़ा है। वह अपने ससुराल में छिपा हुआ था। इस मामले में पुलिस दो फरार आरोपियों को पहले ही गिरफ्तार कर जेल भेज चुकी है। मामला सकरी थाना क्षेत्र का है।
जानकारी के अनुसार तिफरा के यदुनंदन नगर निवासी ट्रांसपोर्टर केपी पयासी ने करीब तीन माह पहले कोयला अफरा-तफरी करने का आरोप लगाते हुए कोयला व्यापारी दीपक सिंह,राजू सिंह और मुरारी सोनी के खिलाफ केस दर्ज कराया था। इस मामले में पुलिस ने धारा 120 बी, 407 और 409 के तहत अपराध दर्ज किया है। इसके बाद से तीनों आरोपी फरार हो गए थे।

करोड़ों रुपए के कोयला अफरातफरी का मामला सकरी थाना क्षेत्र का है
जेल में हैं दो आरोपी
पुलिस केस दर्ज करने के बाद से पुलिस इन तीनों आरोपियों की तलाश में थी। कुछ दिन पहले पुलिस ने दिल्ली में दबिश देकर आरोपी राजू सिंह और मुरारी सोनी को पकड़कर ले आई। इस दौरान दोनों आरोपियों से पूछताछ कर राजू सिंह के सकरी स्थित कोयला प्लाट में दबिश देकर एक हजार टन कोयला जब्त किया। अब दोनों आरोपी जेल में है।
TI बोले- बलिया में पकड़ाया है आरोपी
थाना प्रभारी फैजूल शाह ने बताया कि कोयले की अफरा-तफरी करने के मामले में फरार आरोपी दीपक सिंह के उत्तरप्रदेश स्थित बलिया के अपने ससुराल में छिपे होने की जानकारी मिली थी। इस पर उसे पकड़ने के लिए टीम भेजा गया था। पुलिस ने उसे पकड़ लिया है और उसे बिलासपुर लाया जा रहा है।
पिता भी हुआ है गिरफ्तार
जांच के दौरान पुलिस ने राजू सिंह के बड़े भाई अजय सिंह के हरदी स्थित कोयला प्लाट में छापामार कार्रवाई की थी। जहां राजू सिंह के पिता रामजीत सिंह को गिरफ्तार भी किया था। दरअसल, उसके पास से 18 सौ टन कोयला जब्त किया गया था।
ट्रांसपोर्टर और कंपनी को लगाया चूना
तिफरा निवासी केपी पयासी ट्रांसपोर्टर हैं। दीपक सिंह, मुरारी सोनी व राजू सिंह ने मिलकर केपी पयासी के नाम से कोयला सप्लाई करने का काम लिया था। पयासी की पहचान आरोपियों से ब्रजेश सिंह के माध्यम से हुई थी। करोड़ों रुपए कीमती कोयला कंपनी में सप्लाई करने का काम लेने के बाद मास्टर माइंड दीपक सिंह व उसके साथी कोयला को कंपनी में भेजने के बजाए दूसरी जगह खपा दिया और कोयले को हड़प लिया। इसकी जानकारी होने पर केपी पयासी ने जानकारी ली, तब उन्होंने गोलमोल जवाब दिया। चूंकि, पयासी पर कंपनी दबाव डाल रही थी। लिहाजा, उसने पुलिस से शिकायत कर दी और 6 करोड़ रुपए कीमती 5 हजार टन कोयला अफरी तफरी और गबन के आरोप लगाए।
