रायपुर: मुख्यमंत्री भूपेश बघेल आजअपना चौथा आम बजट पेश करने को तैयार हैं। इस बजट को तैयार करने के पीछे भी महिला शक्ति का बड़ा योगदान है। यह बजट वित्त सचिव अलरमेलमंगई डी. की अगुवाई में जिस टीम ने तैयार किया है, उसमें महत्वपूर्ण भूमिकाओं में महिलाएं हैं। इस टीम में विभाग की विशेष सचिव शीतल शाश्वत वर्मा, बजट संचालक शारदा वर्मा, उप सचिव प्रेमा गुलाब एक्का तक शामिल हैं। इनके कोआर्डिनेशन का काम भी एक महिला अधिकारी सौम्या चौरसिया ने ही संभाला था। सौम्या अभी मुख्यमंत्री सचिवालय में उप सचिव की जिम्मेदारी संभाल रही हैं।
मूल रूप से तमिलनाडु की अलरमेलमंगई डी. 2004 बैच की IAS अधिकारी हैं। वह कई जिलों की कलेक्टर रह चुकी हैं। उन्हें नवम्बर 2019 में नगरीय प्रशासन एवं विकास विभाग का सचिव बनाया गया था। अमिताभ जैन के मुख्य सचिव बन जाने से रिक्त वित्त सचिव के पद पर मुख्यमंत्री ने अलरमेलमंगई डी. को मौका दिया। इस तरह नवम्बर 2020 में वे छत्तीसगढ़ की पहली महिला वित्त सचिव बन गईं। साल 2021-22 का आम बजट उन्हीं की देखरेख में तैयार हुआ।
वित्त विभाग की विशेष सचिव और बजट संचालक शारदा वर्मा 2008 बैच की IAS अफसर हैं। मूल रूप से उत्तर प्रदेश की शारदा वर्मा एलाइड सर्विसेज से प्रमोट होकर IAS बनी हैं। फरवरी 2021 में उन्हें वित्त विभाग में पदस्थ किया गया था। इनको बजट आवंटन से जुड़े जमीनी मामलों के विशेषज्ञ के तौर पर देखा जाता है। वहीं विशेष सचिव शीतल शाश्वत वर्मा IRS अफसर हैं। वे पहले आयकर विभाग में आयुक्त थीं। अप्रैल 2020 में उन्हें प्रतिनियुक्ति पर वित्त विभाग में तैनाती मिली है।
लंबे समय से वित्त विभाग में ही हैं एक्का
इस टीम में उप सचिव प्रेमा गुलाब एक्का छत्तीसगढ़ मंत्रालय सेवा की अधिकारी हैं। वे सेक्शन अफसर के रूप में वित्त विभाग में आई थीं। विभाग में अलग-अलग सेक्शन की जिम्मेदारी देखी। बाद में प्रमोट होकर अंडर सेक्रेटरी और अब डिप्टी सेक्रेटरी बनी हैं।
मुख्यमंत्री सचिवालय से समन्वय में भी महिला शक्ति
बजट टीम के साथ मुख्यमंत्री सचिवालय के समन्वय की जिम्मेदारी भी एक महिला अफसर के कंधे पर रही है। मुख्यमंत्री सचिवालय की उप सचिव सौम्या चौरसिया ने यह भूमिका बखूबी निभाई है। मूल रूप से भिलाई निवासी सौम्या चौरसिया राज्य प्रशासनिक सेवा की अधिकारी हैं। पहले भी उन्होंने कई महत्वपूर्ण अनुविभागों में एसडीएम की जिम्मेदारी के साथ बिलासपुर, भिलाई नगर निगम के आयुक्त और रायपुर नगर निगम में अपर आयुक्त का पद भी संभाला है।
कैसे तैयार होता है प्रदेश का बजट
सालाना बजट के लिए वित्त विभाग 5 महीने पहले से तैयारी शुरू कर देता है। सरकार के विभिन्न विभागों और संस्थानों के पास उपलब्ध आंकड़ों से आय का अनुमान लगाया जाता है। सरकार की प्राथमिकताएं देखी जाती हैं। उसके बाद विभागों से उनकी मांगे ली जाती है। विभागों प्रमुखों के साथ सचिव स्तर की चर्चा होती है। उसके बाद मुख्यमंत्री, मंत्रियों के साथ उनके विभाग की मांगों और जरूरतों पर अलग-अलग चर्चा करते हैं। सभी मांग आ जाने के बाद वित्त विभाग उनकी समीक्षा करता है। मुख्यमंत्री से चर्चा के बाद विभागों की मांगों को मदों में बांटकर मसौदा बनाया जाता है। इसे कैबिनेट के सामने पेश करना होता है। कैबिनेट की मंजूरी के बाद मसौदा प्रकाशन के लिए जाता है।