छत्तीसगढ़: बिलासपुर में पुलिस और नगर पंचायत का अमानवीय चेहरा सामने आया है। 15 अगस्त की दोपहर एक ग्रामीण की तालाब में डूबकर मौत हो गई। इसके बाद शव को अस्पताल ले जाने के लिए नगर पंचायत ने कचरा गाड़ी भेज दिया। हालांकि, परिजनों ने आपत्ति जताई और कचरा गाड़ी में शव ले जाने से मना कर दिया। इसके चलते उन्हें किराए में पिकअप मंगानी पड़ी। घटना मस्तूरी थाना क्षेत्र की है।
मल्हार के नगर पंचायत के वार्ड क्रमांक तीन निवासी किशन कैवर्त्य (22) प्राइवेट काम करता था। सोमवार सुबह करीब 8 बजे वह अपने दोस्तों के साथ नहाने के लिए तालाब गया था। पानी में डुबकी लगाकर वह काफी देर तक बाहर नहीं निकला। पहले तो दोस्तों का ध्यान नहीं गया, लेकिन जब उसके चप्पल पानी में तैरने लगे, तब दोस्तों ने देखा।
युवक के तालाब में डूबने की जानकारी मिलते ही ग्रामीणों की भीड़ जुट गई थी।
दो घंटे की मशक्कत के बाद मिली लाश
उन्होंने ग्रामीणों की मदद से तालाब में उसकी तलाशी शुरू की। तालाब में बारिश का पानी लबालब भर गया है, जिसके चलते उसे ढूंढने में काफी मशक्कत करनी पड़ी। करीब दो घंटे के बाद उसके शव को बाहर निकाला गया। तब तक उसके परिजन भी पहुंच गए थे।
नगर पंचायत का अमानवीय चेहरा
किशन के परिजनों ने उसके शव को पोस्टमार्टम के लिए अस्पताल ले जाने के लिए नगर पंचायत के अध्यक्ष और जनप्रतिनिधियों से मदद मांगी। इस पर नगर पंचायत ने शव ले जाने के लिए कचरा गाड़ी भेज दिया, जिसे देखकर परिजनों ने कचरा गाड़ी में शव लेकर जाने से मना कर दिया। फिर बाद में उन्होंने किराए में पिकअप मंगाया और शव को अस्पताल लेकर गए।
मिर्गी का अटैक आने से हुआ हादसा
इस घटना की जानकारी मिलते ही पुलिस भी मौके पर पहुंच गई। पुलिस की पूछताछ में परिजनों ने बताया कि उसे मिर्गी की बीमारी थी। ऐसे में आशंका जताई जा रही है कि तालाब में नहाते समय उसे मिर्गी का अटैक आ गया होगा, जिससे वह पानी के अंदर ही बेहोश हो गया और उसकी मौत हो गई। फिलहाल, पुलिस मामले की जांच कर रही है।