Friday, April 26, 2024
Homeछत्तीसगढ़कोरबाछत्तीसगढ़: बाल आश्रम की बच्ची से रेप नहीं गैंगरेप.. मंत्री अनिला भेंडिया...

छत्तीसगढ़: बाल आश्रम की बच्ची से रेप नहीं गैंगरेप.. मंत्री अनिला भेंडिया बोलीं- मुझे जानकारी नहीं थी, बड़ी गलती हुई है, फिर से होगी जांच

छत्तीसगढ़: रायपुर के माना एसओएस बाल आश्रम में बच्ची से रेप का मामला उजागर हुआ था। अब इस केस में नया मोड़ आया है। बच्ची से गैंगरेप किए जाने की आशंका है। दूसरी तरफ अफसरों ने न सिर्फ इस पूरे कांड की फाइल को दबा दिया, बल्कि महिला बाल विकास विभाग की मंत्री अनिला भेंडिया को भी इस केस की कानों-कान खबर नहीं लगने दी। अब मीडिया में मामला फूटा तो मंत्री को खबर लगी।

इस मामले में मंत्री अनिला भेंडिया ने अपने दिए बयान में कहा है कि उन्हें भी ये केस पता नहीं था। खबरों के जरिए ही पता चला है। इसमें लड़की ने जिसे आरोपी बताया पुलिस ने उसे पकड़ा है। इस केस की फिर से पूरी तरह से जांच कराएंगे, जो भी जिम्मेदार होगा, दोषी होगा उसपर कार्रवाई करेंगे। मामले में अफसरों की भूमिका पर भी मंत्री ने जवाब देते हुए कहा कि जांच में अफसरों की गड़बड़ी के तथ्य मिलेंगे तो कार्रवाई करेंगे। बड़ी गलती हुई है, बच्ची के साथ जो हुआ गंभीर मामला है, आगे ऐसा न हो सतर्क रहना होगा।

फिर से पूछताछ होगी। बाल आश्रम चलाने वाली संस्था भी बर्खास्त करने लायक है, तथ्य सामने आने के बाद संस्था के खिलाफ भी कार्रवाई करेंगे।

ये था पूरा मामला
हाल ही में माना के बाल आश्रम में बच्ची से रेप का मामला उजागर हुआ। इस केस में बीते साल नवंबर में FIR तब दर्ज हुई जब बच्ची गर्भवती हो गई। जून के महीने में उसका रेप हुआ था। आरोप बाल आश्रम में ही काम करने वाले अंजनी शुक्ला नाम के कर्मचारी पर लगा। अंजनी फिलहाल जेल में है। ये केस अब तक बाल आश्रम से जुड़े अफसरों ने दबाकर रखा था।

अब गैंगरेप की आशंका
इस केस में जांच हुई। जिस आरोपी को पुलिस ने पकड़ा, उसके DNA से बच्ची ने जिस बच्चे को जन्म दिया उसका DNA जांचा गया। जांच रिपोर्ट में दोनों में अंतर आया। यानी की बच्ची ने जिस बच्चे को जन्म दिया वो आरोपी का बच्चा नहीं था। किसी और ने भी बच्ची से शारीरिक संबंध बनाए। जांच में इस बात का जिक्र है कि बच्ची से कई महीनों तक रेप होता रहा। और किसने बच्ची का शोषण किया न पुलिस को पता है न ही अब तक बाल आश्रम की तरफ से कुछ बताया गया है।

यहां रहती थी बच्ची।

यहां रहती थी बच्ची।

बच्ची की देखरेख करने वाले को दिल्ली भेजा
इस पूरे केस में हुई चूक या जानबूझकर बरती गई ढिलाई को इस बात से समझा जा सकता है कि मामले की अहम कड़ी को ही छोड़ दिया गया। जिस बच्ची का रेप हुआ उसकी देखभाल करने वाली हाउस मदर (आया) को कांड के फौरन बाद दिल्ली ट्रांसफर कर दिया गया। मामले में उस महिला का बयान तक नहीं लिया गया, जबकि संभव है वो इस केस के बारे में कुछ न कुछ जानती हो।

अफसरों ने किया घाल-मेल
बच्ची के प्रेगनेंट होने, उसके रेप की खबर अफसरों ने लीक नहीं होने दी। सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक अपनी कुर्सी बचाने के चक्कर में इस केस को दबाया गया। अफसरों ने कुछ बड़े अफसरों को भी पैसे दिए। वरना इतनी बड़ी घटना उजागर हो जाती। आश्रम के किसी अफसर या जिम्मेदारों पर इस मामले में कोई कार्रवाई अब तक नहीं हुई। सभी अफसर अपने पदों पर बने रहे, किसी के खिलाफ काेई जांच तक का आदेश नहीं हुआ। इस मामले में आश्रम की डायरेक्टर निपुना सेन से संपर्क करने का प्रयास किया गया मगर उन्होंने जवाब नहीं दिया।

RELATED ARTICLES
- Advertisment -

Most Popular