Tuesday, September 16, 2025

नक्सल पीड़ित परिवार का हुक्कापानी बंद… गांव के दबंगों ने सुनाया तुगलकी फरमान, बहिष्कृत युवक से बात करने की सजा; जांच के लिए गांव पहुंची पुलिस

कांकेर: जिले के धुर नक्सल प्रभावित विकासपल्ली ग्राम पंचायत के पीव्ही 105 गांव में दबंगों ने नक्सल पीड़ित परिवार का हुक्कापानी बंद करने का फरमान सुनाया है। दबंगों ने परिवार से बात करने या उनसे किसी भी तरह का लेनदेन करने पर 2 हजार रुपए जुर्माना लगाए जाने का भी ऐलान किया है। इधर पीड़ितों की शिकायत के बाद जांच के लिए मंगलवार को गांव में पुलिस टीम पहुंची। मामला बांदे थाना क्षेत्र का है।

जानकारी के मुताबिक, ग्राम PV- 105 की रहने वाली पीड़िता के पति की 10 साल पहले नक्सलियों ने गोली मारकर हत्या कर दी थी। इसके बाद से वो अपनी 2 बच्चियों के साथ गांव में अकेली रहती है। महिला ने कलेक्टर के नाम सौंपे ज्ञापन में बताया है कि पूर्व में बहिष्कृत एक युवक ने उसे साप्ताहिक बाजार से घर तक छोड़ा था, जिसे गांव के दबंगों ने देख लिया था। इसके बाद गांव में बैठक कर तथाकथित गांव के दबंगों ने पीड़ित परिवार का भी गांव में हुक्कापानी बंद कर दिया है। साथ ही उनके परिवार से बात करने पर 2 हजार रुपए का जुर्माना लगाने का भी ऐलान किया है।

पीड़ित मां और बेटी दबंगों के हुक्कापानी बंद करने के ऐलान के बाद अपने घर में बंद हो गईं।

पीड़ित मां और बेटी दबंगों के हुक्कापानी बंद करने के ऐलान के बाद अपने घर में बंद हो गईं।

पीड़ित ने बताया कि गांववालों के फरमान के बाद से उनका परिवार 2 दिनों से घर मे कैद है। मामले की शिकायत कांकेर कलेक्टर प्रियंका शुक्ला से भी की गई है। कलेक्टर ने मामले में जांच के आदेश दिए हैं।

परिवार की मार्मिक अपील का वीडियो हुआ वायरल

पीड़ित परिवार का न्याय दिलाने की गुहार लगाते हुए मार्मिक वीडियो भी सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है, जिसमें सुषमा हालदार की बेटी गांव के दबंगों द्वारा दी जा रही धमकी के कारण घर में कैद होने का जिक्र कर रही है।

गांव पहुंची पुलिस, एसपी ने दोषियों पर कड़ी कार्रवाई का दिया आश्वासन

पूरे मामले की सूचना मिलते ही एसपी शलभ सिन्हा ने तत्काल एक्शन लेते हुए बांदे थाना प्रभारी समेत पुलिस टीम को गांव में जांच के लिए भेजा। पुलिस गांव पहुंचकर पीड़ित परिवार को सुरक्षित थाने लेकर लौटी। एसपी शलभ सिन्हा ने कहा कि पूरे मामले की गंभीरता से जांच की जाएगी, जो भी दोषी होगा, उस पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी। किसी भी व्यक्ति का हुक्कापनी बंद करने का अधिकार कानून नहीं देता है।



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