छत्तीसगढ़: रायपुर में पिछले दिनों मेडिकल का एक दुर्लभ मामला सामने आया। 30 वर्षीय एक युवक की नाक और आंख के बीच से लेमन ग्रास की टहनियों के 3-4 इंच लंबे छह टुकड़े फंसे थीं। हादसे के पांच महीने बाद डॉक्टर ने नाक का ऑपरेशन कर इनको बाहर निकाला है। ऑपरेशन के बाद युवक पूरी तरह स्वस्थ है।
युवक का इलाज करने वाले वरिष्ठ कान, नाक और गला विशेषज्ञ डॉ. राकेश गुप्ता ने बताया, करीब पांच महीने पहले इस 30 वर्षीय युवक के साथ एक सड़क हादसा हो गया था। बिना हेलमेट के बाइक चला रहा युवक सड़क किनारे गिरा तो वहां लगी लेमन ग्रास की सूखी टहनियां उसकी दाहिनी आंख के निचले हिस्से में धंस गईं।
मरीज की आंख के निचले हिस्से में इस तरह हो गया था घाव।
उस समय प्राथमिक उपचार करने वाले डॉक्टरों ने सूखी टहनियों को निकाला और कटी हुई चमड़ी पर टांके लगाकर ड्रेसिंग कर दी। बाद में दाईं आंख के नीचे के घाव में मवाद बनने लगा। दर्द बना रहा। डॉक्टरों को दिखाया तो दूरबीन से आंसू की थैली और उसके बाद इन्फेक्शन की आशंका में साइनस का ऑपरेशन किया गया। फिर भी मरीज को राहत नहीं मिली। बाद में मरीज के परिजन उसे उनके पास ले आए।
करीब डेढ़ घंटे तक चला ऑपरेशन
डॉ. राकेश गुप्ता ने बताया, मरीज की नाक का दूरबीन ऑपरेशन करते हुए लेमन ग्रास की 3 से 4 इंच लंबी धंसी हुई सूखी टहनियां निकाली गईं। ये टूटी हुई टहनियां दाहिनी आंख के निचले तल और मुख्य साइनस से होते हुए दिमाग की सतह तक पहुंच गई थीं। करीब डेढ़ घंटे चले इस ऑपरेशन को उन्होंने अपने सहयोगी स्टाफ राजू वर्मा ,सावित्री साहू और जितेंद्र साहू, एनेस्थीसिया विशेषज्ञ डॉ. श्रद्धा अग्रवाल की मदद से पूरा किया। मरीज को 24 घंटे में अस्पताल से छुट्टी भी मिल गई। अब वह पूरी तरह ठीक है। डॉ. गुप्ता का कहना है, सड़क दुर्घटना से आंख के निचले हिस्से से साइनस में बाहरी वस्तुओं के फंसे होने का यह अनोखा बिरला केस है।
लंबी पूछताछ और सीटी स्कैन से मर्ज का पता चला
डॉ. राकेश गुप्ता ने बताया, घाव से मवाद आने की सामान्य वजह पता नहीं चल रही थी। दुर्घटना, उससे लगे घाव के संबंध में लंबी पूछताछ, पहले चले इलाज के रिकॉर्ड परीक्षण और जांच के बाद सीटी स्कैन की सलाह दी गई। उससे पता चला कि मरीज की दाहिनी आंख और साइनस में गंभीर संक्रमण है। इसके साथ नाक की संक्रमित झिल्ली के बीच में कुछ बाहरी तत्व फंसे हुए हैं। इसके बाद साइनस के दूरबीन से ऑपरेशन की सलाह दी गई।