- डेयरी उद्यमिता विकास योजना से समूहों के सदस्यों को प्रतिमाह 1 लाख 80 हजार की हो रही है आमदनी
- अधिकांश दूध का विक्रय स्थानीय बाजार, घरों एवं नजदीक के बाजार में प्रति लीटर 50 रूपए की दर सें हो जाता है
जशपुरनगर: पशुधन विभाग द्वारा जिले में स्व-सहायता समूहों एवं अन्य हितग्राहियों को छत्तीसगढ़ शासन की विभिन्न योजनाओं से जोड़कर आर्थिक रूप से सक्षम बनाया जा रहा है। इसी कड़ी में शासन की महत्वकांक्षी योजना अंतर्गत निर्मित गौठान फरसाबहार में कार्यरत स्व सहायता समूहों के सदस्यों को वर्ष 2022-23 राज्य पोषित डेयरी उद्यमिता विकास योजना अंतर्गत एक इकाई (2 नग गाय) पशुधन विकास विभाग की ओर से प्रदाय किया गया। इनमें दीप स्व सहायता समूह के सदस्य श्रीमती बिबयाना मिंज, जय मां भवानी स्व-सहायता समूह के सदस्य श्रीमती तरसिला कुजूर, वर्षा स्व-सहायता समूह के सदस्य श्रीमती जीवन झरना तिर्की, श्रीमती बसंती बाई, श्रीमती बसंती यादव, भाग्यलक्ष्मी स्व-सहायता समूह के सदस्य लक्ष्मी यादव, भारत स्व-सहायता समूह के सदस्य श्रीमती तिलोतमा और प्रगति स्व-सहायता समूह के सदस्य श्रीमती खीरकुमारी पटेल शामिल हैं। पूर्व में समूह के सदस्यों के पास आय का कोई साधन नहीं था, वर्तमान में प्रति समूह के पास 2-6 गाय है, जिनसे प्रति माह 3600 लीटर दूध प्राप्त हो रहा है। जिससे हितग्राही को 1 लाख 80 हजार प्रतिमाह आमदनी हो रही है। विभाग के द्वारा गौठान के चारागाह में नेपियर रोपण किया गया है, जिससे पशुओं को सरलता से हरा चारा प्राप्त हो रहा है।
समूह द्वारा डेयरी अनुदान एवं पशु शेड हेतु आवेदन एक साथ किया गया है, जिसमें से पशु क्रय कर लिया गया है तथा शेड बनना बाकी है। जब तक पशु शेड नहीं बन जाता हितग्राहियों द्वारा पशुओं को स्वयं के घर पर रख कर देखभाल किया जा रहा है। गौठान में पर्याप्त चारा व्यवस्था होता है तो पशुओं को चराने के लिए गौठान लाया जाता है। प्राप्त दुध का कुछ भाग सदस्यों के घर के लिए उपयोग किया जाता है, अधिकांश दूध का विक्रय स्थानीय बाजार, घरों एवं नजदीक के बाजार जैसे-तपकरा, बागबहार, पंडरीपानी आदि के होटलों प्रति लीटर 50 रु की दर से हो जाता है। बचे हुए दुध का उपयोग स्थानीय बाजार के मांग अनुसार दही व पनीर बनाकर विक्रय किया जाता है। डेयरी स्थापना पश्चात समूह के सदस्यों को रोजगार के साथ-साथ सरलता पूर्वक गाय दूध प्राप्त हो रहा है, जिसकी कुछ मात्रा परिवार के सदस्यों के द्वारा उपयोग किया जा रहा है जिससे पोषक आहार में वृद्धि हो रही है। पशुधन विभाग के द्वारा समय-समय पर भ्रमण कर कृत्रिम गर्भाधान, उपचार एवं मार्गदर्शन दिया जाता है। जिससे सदस्यों को पशुओं के उपचार एवं पालन पोषण करने में किसी प्रकार की दिक्कत का सामना नहीं करना पड़ता हैं। इसके लिए उन्होंने मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल को धन्यवाद दिया है।