सूरजपुर/अंबिकापुर: सूरजपुर जिले में एक बड़ा हादसा हो गया। यहां एक बच्ची झूले में झूल रही थी। उसी दौरान कब झूले के लिए बनाया गया फंदा उसके लिए फांसी का फंदा बन गया, किसी को पता नहीं चला। घटना के वक्त बच्चे के माता-पिता घर से बाहर गए हुए थे। भाई ने बच्ची को फंदे पर लटका हुआ देखा था। मामला रामानुजगंज थाना क्षेत्र का है।
माता-पिता ने बच्चों के खेलने के लिए घर में साड़ी का झूला बनाया था। उसी झूले में परशुरामपुर निवासी सुखदेव सिंह की 12 साल की बेटी रितिका सोमवार दोपहर को झूल रही थी। वहीं उसका बड़ा भाई दूसरे कमरे में था। मां-बाप खेत में काम करने गए थे। बताया गया कि खेलने के दौरान यह हादसा कब हो गया। किसी को इस बात की भनक तक नहीं लगी। रितिका 7वीं कक्षा की छात्रा थी
बच्ची के पिता ने बताया कि मैं घर पर नहीं था। कब, कैसे क्या हुआ, कुछ पता ही नहीं चला।
बच्ची के भाई ने बताया कि मैंने ही रितिका को साड़ी के झूले के लिए बनाए गए फंदे पर लटका हुआ देखा। वो अचेत अवस्था में पड़ी हुई थी। इसके बाद मैंने मां-बाप को सूचना दी। सूचना मिलने पर मां-बाप पहुंचे। जिसके बाद उसे पास के अस्पताल ले जाया गया। जहां से उसकी हालत को देखते हुए उसे अंबिकापुर रेफर किया गया था। जहां डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया है।
मां-बाप का रो-रोकर बुरा हाल
घटना के बाद से माता-पिता का रो-रोकर बुरा हाल है। वे खुद को कोस रहे थे हैं कि आखिर क्यों उन्होंने साड़ी का झूला बनाया। वहीं इस केस में अंबिकापुर की कोतवाली पुलिस ने केस दर्ज किया है। यहां से केस को रामानुजगंज थाने भेजा जाएगा। मामले में जांच जारी है। बच्ची के शव का मंगलवार को ही पोस्टमार्टम किया गया है।